संस्कृति युक्त शिक्षा का संकल्प छात्रों को देगा संस्कार, शिक्षा और सेवा भाव: संत ऋषभदेवानंद

-द रेडियेंट स्कूल के छात्रों ने किया आदर्श गोशाला का भ्रमण
-छात्रों ने लिया संस्कृति युक्त शिक्षा का संकल्प
-पॉलिथीन का उपयोग न करने की ली शपथ
-घर पर बताएंगे, हर दिन गोग्राम के रूप में पहली रोटी गाय माता के लिए

ग्वालियर। वर्तमान शिक्षा प्रणाली में संस्कृति युक्त शिक्षा का संकल्प छात्रों को संस्कार, शिक्षा और सेवा भाव प्रदान करेगा। गाय की सेवा से छात्रों में करुणा और दया की भावना विकसित होगी। पॉलिथीन जैसी घातक वस्तु सहित अन्य अखाद्य वस्तुओं का उपयोग न करने का संकल्प छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव जाएगा। हर दिन गो ग्रास के रूप में पहली रोटी गाय को खिलाने से परोपकार की भावना विकसित होगी। स्कूली बच्चों के बीच हुए कार्यक्रम में छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए यह बात संत ऋषभदेवानंद ने कही।


संत श्री ने कहा कि भारत की पुरातन संस्कृति ही विश्व मंगल कर सकती है, क्योंकि भारत की पुरातन संस्कृति गाय, गंगा, गीता, गायत्री, और प्रकृति के समावेश के साथ स्थापित हुई है। “संस्कृति युक्त शिक्षा संकल्प” एक विचार है जो शिक्षा में संस्कृति के महत्व को अधिकतम ध्यान में रखता है। संस्कृति को अध्ययन करने के लिए शिक्षा प्रणाली में ,परंपरागत ज्ञान को सजीव करने के लिए पाठ्यक्रम के साथ भ्रमण का समावेश होने से संस्कृतिमय समृद्धि प्राप्त होगी। इसके अलावा जैव विविधता के साथ जैविक आहार के प्रति भी जागरूकता बढ़ेगी।

दरअसल, द रेडियंट स्कूल के 250 छात्रों ने शक्रवार को नगर निगम की आदर्श गौशाला का भ्रमण किया था। भ्रमण के दौरान कृष्णाायन हरिद्वार के संत ऋषभ देवानंद ने संस्कृति युक्त शिक्षा प्रणाली को लेकर छात्रों का मार्गदर्शन किया। छात्रों ने संस्कृति युक्त शिक्षा का संकल्प लिया। इसके साथ ही पॉलिथीन न अपनाने, पहली रेोटी गाय के लिए निलकालने, गोसेवा आदि को लेकर भी एक वालंटियर की तरह काम करने की सहमति व्यक्ति की। संत ऋषभदेवानंद ने सभी छात्रों को गोशला में जारी नवाचार और सामान्य कामों की जानकारी दी। छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए और उनकी उत्सुकता भी शांत की।

यह लिए संकल्प और शपथ

-संस्कृति युक्त शिक्षा प्रणाली के माध्यम से पढ़ाई का संकल्प लिया।
-पॉलिथीन का उपयोग न करने की शपथ ली।
-घर में पहली रोटी गोग्रास के रूप में निकालने के लिए माता-पिता से बात करेंगे।

पॉलिथीन बन रही गायों के लिए प्राणघातक

द रेडियेंट स्कूल के छात्र-छात्राएं, शिक्षक और प्रबंधन से जुड़े लोग सुबह 9 बजे गोशाला पहुंच गए थे। इसके बाद संत ऋषभदेवानंद ने सभी बच्चों को बताया कि हम पुरातन संस्कृति के माध्यम से सभी को जोड़ सकते हैं। पॉलिथीन किसी काम की नहीं है, इसका उपयोग किसी भी रूप में किया जाए यह नुकसान ही देगी। पॉलिथीन की आदत से निजात पाने के लिए बात-बार प्रयास करने होंगे। सड़क पर घूमने वाली बेसहारा और निराश्रित गायें भोजन वस्तुओं के साथ पॉलिथीन खा लेती हैं, जो उनके लिए बेहद कष्टकारी साबित होता है। पॉलिथीन गायों की मृत्यु का कारण बन रही है। पूरी बात समझने के बाद सभी छात्रों ने पॉलिथीन का उपयोग न करने की शपथ ली। सभी छात्रों ने एक स्वर में संकल्प लिया कि अब वह पॉलिथीन का उपयोग नहीं करेंगे और न ही अपने परिजन को उपयोग करने देंगे। इसके साथ ही घर से पहले रोटी गो ग्रास के रूप में गौ माता के लिए निकली जाएगी।

गाय की सेवा देगी मानसिक संतुष्टि और आध्यात्मिक बल

नगर निगम की आदर्श गौशाला में पहुंचे द रेडियंट स्कूल के छात्र सबसे पहले बछड़ों के ब्लॉक में पहुंचे। इसके बाद सभी ने गायों के अलग-अलग बाड़ों का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान संत ऋषभ देवानंद ने छात्रों को बताया कि गौ माता की सेवा करने से सभी देवी-देवता प्रसन्न रहते हैं। रिद्धि सिद्धि और धन संपत्ति भी गौ माता की सेवा से मिलती है।

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