-महालक्ष्मी और कुबेर की कृपा के साथ-साथ मिलेगा ग्रहदशा में भी लाभ
-व्यवसाय नहीं चल रहा तो पक्षियों के लिए करें जल की व्यवस्था
-सुबह 4.17 बजे से 11 मई की रात 2.50 बजे तक रहेगा तिथि का प्रभाव
सनातन धर्म के हिसाब से बनाए गए कैलेंडर की शुरुआत चैत्र माह से शुरू होती है। हिंदू नववर्ष के रूप में मान्यता प्राप्त वर्ष का दूसरा माह वैशाख है और वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को जो तिथि होती है, वह अक्षय तृतीया के रूप में मनाई जाती है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया ऐसा विशेष दिन है, जिसका एक भी पल व्यर्थ नहीं जाता। इस विशेष दिवस को किसी भी काम की शुरुआत बिना किसी मुहूर्त शोधन के की जा सकती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार दिवाली के बाद अक्षय तृतीया ही ऐसा दिन है, जब मां लक्ष्मी का पूजन करके विशेष कृपा प्राप्त होती है।
सनातन धर्म में अबूझ मुहूर्त मानी जाने वाली अक्षय तृतीया तिथि का प्रवेश इस बार 10 मई को सुबह 4.17 पर होगा, जबकि 11 मई को रात 2.50 बजे तिथि का अवसान होगा। अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम के जन्मदिवस के रूप में ख्याति प्राप्त है। यह विशेष तिथि धन के देवता कुबेर और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भी विशेष है। अगर आप धन की समस्या से जूझ रहे हैं या आपकी ग्रहदशा ठीक नहीं चल रही है या फिर आपको किए हुए काम का सही फल प्राप्त नहीं हो रहा है तो अक्षय तृतीया पर अपनी राशि के हिसाब से कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी। इसके साथ ही मानसिक शांति और सुख का भी अनुभव होगा। धार्मिक मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर किया गया दान-पुण्य अनेक जन्मों तक फल देता है।
ये उपाय देंगे लाभ
-अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा विशेष फलदायी होती है। श्रीयंत्र या कुबेर यंत्र अक्षय तृतीया को खरीदकर ले आएं। यंत्र को गंगाजल से शुद्ध करके रोली चावल से पूजन करके तिजोरी में रख दें। यह उपाय करने से आर्थिक समृद्धि में बढ़ोतरी होगी।
-अक्षय तृतीया पर सोना,चांदी या हीरा खरीदना शुभ होता है, अगर सोना खरीदने की सामर्थ न हो तो जौ खरीदकर अर्पित करने से भी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस उपाय से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
-अक्षय तृतीया पर गुल्लक खरीदकर घर के पूजा स्थल में मां लक्ष्मी के पास रखें। प्रतिदिन काम से वापस आने पर इस गुल्लक में थोड़े से पैसे जरूर रखें। इस घरेलू बचत के उपाय से धन की आवक बनी रहती है।
-व्यवसाय में तरक्की के लिए अक्षय तृतीया के दिन स्फटिक से बना कछुआ, चाइनीज वास्तुशिल्प में मान्यता रखने वाला लॉफिंग बुद्धा भी खरीदकर ला सकते हैं। इससे भी शांति और समृद्धि की संभावना रहती है।
ऐसे करें पूजन
-परिवार में सुख-समृद्धि के लिए ग्रहस्थों को मां लक्ष्मी का विशेष पूजन जरूर करना चाहिए। व्यवसाई भी लक्ष्मी पूजन करें तो विशेष कृपा प्राप्त होती है। मां लक्ष्मी का पूजन करने के लिए मां लक्ष्मी की प्रतिमा, कौड़ी, श्रीयंत्र, कमल पुष्प सहित पूजन सामग्री रखनी चाहिए। पूरी सामग्री को गंगाजल से शुद्ध कर लिया जाए। इसके बाद जानकारी अनुसार पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से पूजन करना चाहिए। पूरी श्रद्धा-भक्ति और सच्चे मन से पूजा आसन पर बैठें। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाएं। मां का पूजन करने के बाद क्षमता अनुसार महालक्ष्मी मंत्र का जाप करना चाहिए। अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर स्फटिक से बना श्रीयंत्र घर या कार्यालय में स्थापित करके प्रतिदिन इत्र अर्पित करें। इससे मां की प्रसन्नता हासिल होगी। अक्षय तृतीया को दान करने से भी विशेष फल मिलता है और ग्रहों का प्रभाव भी शुभ होता है।
इन वस्तुओं का दान करने से होगी ग्रहशांति
-सूर्य की शांति के लिए गेहूं,तांबा,घी,मूंगा,जौ,मसूर दाल, लाल कपड़ा आदि का दान करने से विशेष लाभ मिलता है।
-बुध की शांति के लिए मूंग दाल, हरे फल, हरी सब्जियां, चांदी, फूल, कांसे के बर्तन,हरे वस्त्र आदि का दान करने से लाभ मिलता है।
-मंगल की शांति के लिए मसूर दाल, लाल चंदन, गुड़, जल से भरा घड़ा, ताम्रपत्र, दुधारू गाय, लाल फूल, मिठाई और भूमि दान करने से लाभ मिलता है।
-बृहस्पति की कृपा प्राप्त करने के लिए पीले वस्त्र, पीले फूल-फल, चने की दाल, हल्दी, घी, सोना आदि का दान करना चाहिए।
-शुक्र की कृपा प्राप्त करने के लिए सत्तू, पानी, घड़ा, खरबूजा,ककड़ी, दूध, चीनी, दही, मिश्री, अगरबत्ती,सफेद चंदन, इत्र, चावल आदि का दान करना चाहिए।
-चंद्रमा की शांति के लिए चावल,घी, मोती, शंख, कपूर, चांदी, सफेद कपड़ा, सफेद फूल, दूध आदि का दान करना चाहिए।
-न्याय के देवता शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए काले कपड़े, काले चने, जूते-चप्पल, छाता, काले तिल, लोहे से निर्मित उपयोग की वस्तु, सरसों का तेल, अन्न, धन आदि का दान करना चाहिए।
-राहु की शांति के लिए लोहे से बनी वस्तुएं, शीशा, तिल, सात प्रकार का धान्य, कंबल, गोमेद आदि का दान करने से कृपा प्राप्त होती है।
-केतु की शांति के लिए सात प्रकार का धान्य, जल से भरा घड़ा, नमक, छाता, खंड़ाऊं, चमेली का तेल, लहसुनिया रत्न, साबुत उड़द, दाल आदि का दान करने से कृपा प्राप्त होती है।
जानिये आपकी राशि के हिसाब से कौनसा उपाय रहेगा बेहतर
-मेष राशि में जन्म लेने वाले को लाल कपड़े में सवा किलो मसूर की दाल बांधकर व्यवसाय से संबंधित स्थान पर या पूजा स्थल रखना चाहिए। अक्षय तृतीया के दूसरे दिन इस दाल को दान कर देना चाहिए। इससे तरक्की की राह खुलेगी।
-वृषभ राशि के जातक एक कलश में जल भरकर दान करें। अगर आर्थिक संकट का समाधान चाहते हैं तो एक लोटे में गंगाजल भरकर सफेद कपड़े से मुंह ढंक दें और पूजाघर में रखकर सात दिन तक इस पानी का घर में छिड़काव करें।
-मिथुन राशि में जिनका जन्म हुआ है, वे मूंग की दाल दान करें तो भाग्योदय होगा। एक हरे कपड़े में चांदी का सिक्का लपेटकर रखें तो जीवन में वैभव और समृद्धि बनी रहेगी।
-कर्क राशि वाले जातक अगर अक्षय तृतीया को मोती धारण करें तो लाभ होगा। इसके साथ ही चांदी का एक सिक्का जल में रखकर पूर्व दिशा में रखा जा सकता है। दूसरे दिन इस जल का छिड़काव पूरे घर में करने से धन की कमी नहीं होगी।
-सिंह राशि के जातक इस विशेष दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्य को अघ्र्य देने के बाद गुड़ का दान करें तो भाग्य मजबूत होगा।
-कन्या राशि वाले जातक अक्षय तृतीया को कपूर का दीपक जलाकर पूरे घर में घुमाएं। हरी चूडिय़ां, मूंग की दाल का दान करें तो संकट दूर होंगे। दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी।
-तुला राशि में जन्म लेने वाले जातक सफेद रंग का कपड़ा दान करें। चावल, मोती, पेठा आदि वस्तुएं भी दान करें और घर में सफेद रंग को महत्व दें।
-वृश्चिक राशि में जन्म लेने वाले कांच की बोतल में शहद भरें और फिर लाल कपड़े में लपेटकर रख दें। यह शहद अक्षय तृतीया के दूसरे दिन किसी गरीब को दान कर दें। इस उपाय से धन की कमी दूर होगी।
-धनु राशि के जातक पीले कपड़े में हल्दी लपेटकर पूजा स्थल पर रखें। इससे आर्थिक तरक्की होगी। अक्षय तृतीया को बूंदी के लड्डू बांटें इससे आर्थिक संकट दूर होंगे।
-मकर राशि के जातक एक बर्तन में तिल रखें और फिर काले रंग के कपड़े से लपेटकर पूर्व दिशा में रख दें। इससे न सिर्फ भाग्य बेहतर होगा बल्कि धन की देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होंगीं।
-कुंभ राशि के जातक अक्षय तृतीया को किसी जरूरतमंद की मदद जरूर करें। लोहा, तिल और नारियल भी दान करें। इससे संकट दूर होंगे।
-मीन राशि के जातक पीले रंग के कपड़े में सरसों और चांदी का सिक्का बांधकर उत्तर-पूर्व दिशा में रख दें। इससे न सिर्फ आर्थिक तरक्की मिलेगी, बल्कि कर्ज से भी छुटकारा मिलने का रास्ता खुलेगा।
डिस्क्लेमर:
आलेख में दिए गए उपाय और पूजा-अर्चना धार्मिक मान्यताओं और आचार्यों के बताए अनुसार दिए गए हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किए गए उपाय जीवन में सकारात्मकता लाते हैं, इसलिए उपाय जरूर करें। इसके बावजूद यह जानना बेहद जरूरी है कि भाग्य का निर्धारण कर्म के अनुसार होता है। सकारात्मक मानसिकता, अपने कर्म के प्रति समर्पण, अपने आसपास मौजूद लोगों के प्रति सेवाभाव जीवन में बदलाव लाने का सबसे बड़ा और बेहतर उपाय है।