भिण्ड: आजादी से लेकर अब तक कई गांव में पहुंची बिजली

-अधिकारी कह रहे संसाधनों की है कमी

-जिला पंचायत की साधारण सभा में सदस्यों ने जताई नाराजगी

भिण्ड। देश को आजाद हुए 75 साल से अधिक हो गए हैं, लेकिन अभी तक जिले के कई गांव बिजली विहीन बने हुए है। यहां विद्युत तार, ट्रांसफार्मर से लेकर अन्य जरुरी सुविधाऐं नही पहुंची हैं। ऐसे में बिजली विभाग द्वारा सुविधाऐं देने के नाम पर कोरी बयान बाजी की जा रही है। सोमवार को जिला पंचायत की साधारण सभा की बैठक में अध्यक्ष कामना भदौरिया सहित अन्य जिपं सदस्यों ने मौजूद विद्युत विभाग के अधिकारियों से ग्रामीण विद्युत योजना में लापरवाही को लेकर आपत्ति जताते हुए यह बात कही।

सोमवार को आयोजित जिपं की साधारण सभा की बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य और विद्युत विभाग की अधूरी योजनाओं को अनियमितताओं को लेकर माहौल गर्माया रहा। यहां अध्यक्ष ने बैठक में उपस्थित विद्युत विभाग के अधिकारियों से ग्रामीण क्षेत्रो में पर्याप्त व सुचारु रुप से बिजली सप्लाई न होने को लेकर सवाल उठाए। अध्यक्ष कामना भदौरिया ने कहा कि जिले के कई गांव अभी तक बिजली विहीन बने हुए हैं। सरकार जब हर घर बिजली पानी सप्लाई करने की योजना जमीनी स्तर पर लागू कर रही है तो उसे मूर्तरूप क्यों नही दिया जा रहा है। अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में फुंके हुए ट्रांसफार्मर पैसे लेकर बदलते हैं। ग्रामीणों द्वारा विरोध करने पर उन्हें ट्रांसफार्मर नही दिया जाता।

बैठक में सदस्यों ने जिले में सरकारी स्कूलों में व्याप्त अव्यवस्था और शिक्षकों द्वारा स्कूल न पहुंचने को लेकर सवाल उठाए। उन्होने कहा कि जिले भर में बने सरकारी स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था बेहद लचर है, जहां टीचर नियमित रुप से नही आते हैं। ऐसे में बच्चों को पर्याप्त शिक्षण नही हो रहा है। इसका असर बीते दिनों हाई स्कूल व हायर सेकेन्ड्री स्कूलों के परिणाम के रुप में सामने आ चुका है। जिले के दर्जनों स्कूलों का परीक्षा परिणाम बेहद निराशाजनक रहा। विभागीय अधिकारियों द्वारा ठीक ढंग से मॉनीटरिंग न करने के कारण यह समस्या आ रही है। विभाग के अधिकारी नियमित शिक्षकों की जांच और पढ़ाई कोलेकर सतर्क नही दिख रहे हैं। ग्रामीण अंचल में हालत बेहद खराब है। यहां सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों में से आधे ही पढ़ाने जा रहे है। बैठक में मौजूद डीपीसी व अन्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों से अध्यक्ष न अन्य सदस्यों ने इसके लिए निगरानी समिति बनाने और लगातार निरीक्षण करने की बात कही। बैठक में सरकारी शिक्षकों द्वारा प्रायवेट कोचिंग संचालित करने पर भी सदस्यों द्वारा आपत्ति जताई गई।

जल्द बनाए जाएं पेडिंग आयुष्मान कार्ड:

आयोजित बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मौजूद डॉ डीके शर्मा से अध्यक्ष और सदस्यों ने आयुष्मान कार्ड योजना को लेकर सवाल जबाब किए। जिस पर जिपं सीईओ जगदीश गोमे ने स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि वर्तमान में 1 लाख 22 हजार आयुष्मान कार्ड पेंडिंग पड़े हुए हैं। जिन्हें पूरा करने में विभागीय स्तर पर देरी हो रही है, इस टारगेट को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होने 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के कार्ड बनाने में हो रही देरी पर आपत्ति जताते हुए कहा क शासन स्तर पर सभी पात्रों को आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश है, जिसे तत्काल पूरा किया जाए। इससे जरुरतमंद को इलाज में परेशानी न हो। इसके अलावा बरसात में मलेरिया सहित अन्य संक्रमण से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए समय रहते विभागीय स्तर पर इंतजाम करने की बात कही गई।

आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती पर सवाल:

जिले के आलमपुर विद्युत क्षेत्र में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती को लेकर सवाल उठाया गया। जिसमें विभाग द्वारा नियमों के विपरीत अपात्रों को योग्यता बगैर भर्ती करने के आरोप लगाए गए थे। इसको लेकर विद्युत विभाग द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि सभी कर्मचारियों को भर्ती करने से पूर्व उनके दस्तावेजों की जांच की गई थी, जिसके बाद ही यह प्रक्रिया पूरी गई। लेकिन इसको लेकर जब सदस्यों ने उन दस्तावेजों को उपलब्ध करने की बात कही तो अधिकारी सटीक जबाब नही देके।

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