भिण्ड:समय रहते नगर पंचायत ने साफ नही कराए नाले

– अकोड़ा नपं में सामने आई अव्यवस्था, आम जन के लिए जल भराव बना परेशानी

भिण्ड। नगर पंचायत का दर्जा हासिल होने के बाद भी अकोड़ा क्षेत्र ग्राम पंचायत स्तर का बना हुआ है। सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाऐं मुहैया कराने में परिषद के अधिकारी फेल साबित होते हैं। वर्तमान में यहां आधा दर्जन से अधिक वार्डों में जल भराव की समस्या सामने आ रही है, जिसका मूल कारण समय रहते नपं अधिकारी द्वारा नालों की सफाई न कराया जाना है। ऐसे में यहां बीती रात को हुई बारिस से रास्ते जलमग्र होकर वार्ड तालाब में बदल गए हैं। हालात यह है कि अकोड़ा के नागरिकों को मजबूरन डेढ़ से दो फीट पानी में होकर गुजरना पड़ रहा है।

बतादें कि अकोड़ा नगर पंचायत में बरसात से पहले नाला सफाई अभियान को गंभीरता से नही लिया गया। जिसके कारण यहां जल भराव की समस्या सामने आ रही है। गांव में जल निकासी के लिए बनाए गए नाले-नालियों में कचरा और कीचड़ जमा होने से यहां बारिस का पानी नही निकल पा रहा है। नपं क्षेत्र के वार्ड 5,7,8 में स्थिती बेहद खराब है। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि वार्ड में साफ सफाई से लेकर नालों से कचरा हटाने को लेकर कई बार नपा में शिकायत की गई, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उन्हें बरसात में जल भराव कीसमस्या से जूझना पड़ रहा है।

इसके अलावा नगर के वार्ड क्रमांक 9,14 और 15 में चारों ओर पानी जमा होने से रास्ते जलमग्र हो गए हैं। यहां लोगों ने बताया कि इन वार्ड में कुछ घर कच्चे बने हुए है तो कई पुराने घरों में जल भराव के चलते सीलन आ रही है और उनके गिरने की संभावना बन रही है। ऐसे में गंभीर हादसा हो सकता है। हद तो यह है कि नाला सफाई के नाम पर कागजी भरपाई करते हुए यहां लंबा चौड़ा बजट इसमें खर्च होना दर्शाया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। गौरतलब है कि अकोड़ा नपं में जल निकासी का पानी बाहर बने एक तालाब में जाता है, जहां से ओवर फ्लो होने के बाद पानी प्राकृतिक रुप से बने खार से होते हुए क्वारी नदी में मिलता है। इस प्राकृतिक जल निकासी के स्थान पर भी जगह जगह अतिक्रमण किए जाने से जल निकासी में समस्या आ रही है, जिसमें सुधार को लेकर नपं द्वारा कोई प्रयास नही किए गए हैं।

वर्जन:
– नगर में बरसात से पूर्व नाला सफाई अभियान चलाया गया था। लेकिन बरसात होने पर तालाब में पानी फुल होने से तुरंत जल निकासी में परेशानी आती है। इसके लिए तालाब से नदी तक के रास्ते मे ंआ रही बाधाओं को दूर किया जाएगा।
प्रदीप ताम्रकर, सीएमओ

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