दुनिया का सबसे पुराना टेनिस टूर्नामेंट
साल का तीसरा टेनिस ग्रैंड स्लैम, इसे सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है
महिला व पुरूष दोनों वर्ग में इस बार भी नए विजेता की उम्मीद
सोमवार 01 जुलाई से लंदन के ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस एंड क्राके क्लब पर साल का तीसरा टेनिस ग्रैंड स्लैम शुरू होगा। इस वर्ष प्रतियोगिता का 137वां संस्कण है। दुनिया का सबसे पुराना टेनिस टूर्नामेंट है और इसे व्यापक रूप से सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है। यह 1877 से लंदन के विंबलडन में बाहरी घास के कोर्ट पर खेला जाता है। 2019 से दो मुख्य कोर्ट पर सरकने वाली छतों की सुविधा है, जिससे बारिश एवं अत्यधिक गर्मी के समय छत के नीचे इनडोर खेल हो सकता है। । टूर्नामेंट में महिला व पुरुषों के एकल मुकाबलों में 128 खिलाड़ी मैदान में होंगे। इसके अलावा युगल व मिश्रित युगल मुकाबले भी होंगे। यह चार ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिताओं में से एकमात्र है जो अभी भी घास की सतह पर खेला जाता है। परंपरागत रूप से इसका आयोजन जून के अंत व जुलाई के प्रारंभ में इस प्रकार होता है कि, इसकी शुरुआत जून के अंतिम अथवा जुलाई के प्रथम सोमवार को हो कर समापन जुलाई के दूसरे सप्ताहांत में होता है। इस साल पुरुष एकल का फाइनल मुकाबला 14 जुलाई को होगा, जबकि महिला एकल का फाइनल एक दिन पहले होगा। विंबलडन की परंपराओं में प्रतियोगियों के लिए सख्त ऑल व्हाइट ड्रेस कोड भी शामिल है, जिसके कारण महान अमरीकी खिलाड़ी आंद्रे अगासी ने अपने करियर के शुरुआत में कई सालों तक यहाँ भाग नहीं लिया था।
ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस एंड क्रोक क्लब, जिसकी स्थापना 1868 में हुई थी, की शुरुआत एक क्रोके क्लब के रूप में हुई थी। लॉन टेनिस को 1876 में सम्मिलित किया गया था, और क्लब की पहली विंबलडन चौंपियनशिप 1877 में आयोजित की गई थी। शुरुआत में सिर्फ पुरुष एकल आयोजित किया जाता था, लेकिन समय के साथ महिला और युगल स्पर्धाएं भी शामिल हो गईं। 1882 तक, क्लब की गतिविधियों से क्रोके लगभग गायब हो गया, हालांकि भावनात्मक कारणों से नाम को थोड़े समय के लिए फिर से बहाल कर दिया गया था। विंबलडन 1968 तक एक गैर-पेशेवर शौकिया प्रतियोगिता बना रहा। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का 1937 से टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया जाता रहा है और इसे ‘विंबलडन’ सहित विभिन्न नामों से जाना जाता है। विश्व युद्धों के कारण 1915-1918 और 1940-1945 के बीच इसे रद्द करना पड़ा, लेकिन यह एक प्रमुख टेनिस चौंपियनशिप के रूप में स्थापित है और दुनिया का सर्वश्रेष्ठ टेनिस टूर्नामेंट बनने के लिए प्रयासरत है। इसे हासिल करने के लिए, उन्होंने एक दीर्घकालिक विकास योजना लागू की है।
पहले चरण (1994-1997) में एक नया नंबर 1 कोर्ट, ब्रॉडकास्ट सेंटर, अतिरिक्त कोर्ट और एक सुरंग शामिल थी। दूसरा चरण (1997-2009) खिलाड़ियों की सुविधाओं, प्रेस क्षेत्रों और विस्तारित सेंटर कोर्ट के साथ एक नए भवन पर केंद्रित था। तीसरे चरण (2000-2011) में एक प्रवेश द्वार भवन, कर्मचारी आवास और एक संग्रहालय शामिल किया गया।
2009 में सेंटर कोर्ट के ऊपर एक सरकने वाली छत बनाई गई थी, जिससे बारिश के दौरान भी खेल जारी रह सके। 2009 में नए नंबर 2 और नंबर 3 कोर्ट भी बनाए गए। 2012 में, विंबलडन ने ओलंपिक टेनिस खेलों की मेजबानी की, जो टेनिस के ओलंपिक में वापसी के बाद से पहली बार घास के कोर्ट पर हुआ। अगले दशक में और सुधार के लिए 2013 में एक नई मास्टर प्लान का अनावरण किया गया। इसमें नंबर 1 कोर्ट का विस्तार करना, छत जोड़ना, नई खिलाड़ी सुविधाएं, और बहुत कुछ शामिल है। उन्होंने क्वालीफाइंग मैचों के लिए जमीन हासिल करने और फाइनल सेट में 12-12 पर टाई-ब्रेक लागू करने की भी योजना बनाई है। कोविड-19 महामारी ने 2020 के टूर्नामेंट को रद्द करने के लिए मजबूर किया, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार हुआ। 2022 में, यूक्रेन पर आक्रमण के कारण विंबलडन ने रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया। इस फैसले को बाद में 2023 में वापस ले लिया गया।
विंबलडन में मैचों का निर्धारण सेटों की जीत से होता है। पुरुष एकल मैच बेस्ट ऑफ फाइव होते हैं। पुरुष युगल को 2023 में बदलकर बेस्ट ऑफ थ्री किया गया। अन्य सभी स्पर्धाएं तीन में से दो सेट जीतने वाले द्वारा जीती जाती हैं। टाईब्रेक नियम अनुसार 2018 तक, अंतिम सेट को छोड़कर किसी भी सेट में 6-6 पर टाईब्रेक खेला जाता था। आखिरी सेट में, जीतने के लिए खिलाड़ियों को दो गेम की बढ़त की आवश्यकता होती थी। 2019 से, यदि फाइनल सेट का स्कोर 12-12 हो जाता है, तो एक फाइनल सेट टाईब्रेक खेला जाता है। 2022 में निर्णय लिया गया कि सभी मैचों में 6-6 पर फाइनल सेट टाईब्रेक (चैंपियंस टाईब्रेक) होगा, जिसमें जीतने के लिए 10 अंकों का स्कोर और दो अंकों से जीत की आवश्यकता होती है। यदि स्कोर 9-9 हो तो खेल तब तक जारी रहता है जब तक कि एक खिलाड़ी दो अंकों से जीत नहीं जाता।
पुरूष एकल विजेता को कप की तीन-चौथाई आकार की प्रतिकृति मिलती है, जिस पर सभी पिछले चौंपियंस के नाम होते हैं। महिला एकल विजेता को दी जाने वाली प्लेट को वीनस रोज़वाटर डिश के नाम से जाना जाता है। युगल विजेताओं को दी जाने वाली ट्रॉफियांे को सिल्वर कप कहा जाता है। युगल स्पर्धाओं में विजेताओं को अलग-अलग कप दिए जाते हैं, जबकि अन्य ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिताओं में दोनों खिलाड़ियों को एक ही ट्रॉफी दी जाती है। युगल स्पर्धाओं में उपविजेताओं को भी अलग-अलग सिल्वर प्लेट्स दी जाती हैं। 2007 से यहाँ महिला और पुरूष दोनों विजेताओं को पुरस्कार में समान राशि दी जाती है, ऐसा करने वाला यह आखिरी ग्रैंड स्लैम था।
पुरूष वर्ग में सर्वाधिक ट्रॉफी जीतने का रिकार्ड महान रोजर फेडरर के नाम है, उन्होंने रिकार्ड 8 बार यहाँ जीत दर्ज की है। सर्वाधिक 9 पुरूष युगल खिताब ऑस्ट्रेलिया के महान युगल खिलाड़ी टॉड बुडब्रिज के नाम हैं। महिला वर्ग में महान मार्टिना नवरातिलोवा ने सबसे ज्यादा 9 खिताब जीते हैं। महिला युगल में भी नवरातिलोवा ने सबसे ज्यादा 7 खिताब जीते हैं। ओपन युग की शुरुआत से पहले अमरीकी एलिज़ाबेथ रायन ने 1914 से 1934 के बीच 12 महिला युगल खिताब जीते थे। सर्वाधिक ट्रॉफियों के मामले में ओपन युग में मार्टिना नवरातिलोवा ने 9 एकल, 7 युगल और 4 मिश्रित युगल के साथ कुल 20 ट्रॉफी अपने नाम की हैं। 1961 से 1979 के मध्य बिली जीन किंग ने 6 एकल, 10 युगल और 4 मिश्रित युगल के साथ कुल 20 खिताब जीतने का रिकार्ड बनाया था। पुरुष वर्ग में सर्वाधिक ट्रॉफी का रिकार्ड टॉड बुडब्रिज के नाम है। उन्होंने 9 युगल व एक मिश्रित युगल सहित कुल 10 खिताब जीते थे। मिश्रित युगल में ओपन युग में सर्वाधिक खिताब जीतने वालों में भारत के लिएंडर पेस का नाम शामिल है, जिन्होंने 1999 से 2015 के बीच चार खिताबी जीत दर्ज की।
1985 में जर्मन बोरस बेकर सबसे युवा चैंपयिन बने थे, उस साल वे पहले गैर वरीयता प्राप्त विजेता भी थे। 2001 में गोरान इवानिसेविच पहले वाइल्ड कार्ड चैंपियन बने थे।
ग्रास कोर्ट्स की तेज सतह पर खेली जाने वाली यह प्रतियोगिता सर्व एंड वॉली के टेनिस में महारथ रखने वालों के लिए उपयुक्त है। ब्योन बोर्ग, जॉन मैकनरो, पीट सैम्प्रास, बोरिस बेकर, स्टीफान एडबर्ग, रोजर फेडरर और नोवाक जोकोविच की अभूतपूर्व सफलतायें इस सतह की तेज रफ्तार और मध्यम उछाल से उनके खेल में निखार का ही नतीजा हैं।
भारत के तीन खिलाड़ियों ने अब तक यहाँ 6 मिश्रित युगल और 1-1 महिला व पुरूष युगल खिताब जीते हैं। लिएंडर पेस ने 1 युगल और 4 मिश्रित युगल सहित कुल 5 खिताब जीते हैं। महेश भूपति ने 2 मिश्रित युगल और 1 युगल सहित कुल 3 खिताब जीते हैं। महिला युगल में भारत का सबसे सफल प्रदर्शन 2015 में आया जब सानिया मिर्जा विजेता रहीं। लिएंडर पेस दो बार मिश्रित युगल में उपविजेता भी रहे हैं। महेश भूपति भी एक-एक बार युगल व मिश्रित युगल में उपविजेता रहे हैं। इस वर्ष पुरूष एकल में भारत के सुमित नगाल तथा पुरूष युगल में एन. श्रीराम बालाजी, युकी भांबरी तथा रोहन बोपन्ना शिरकत कर रहे हैं। रोहन बोपन्ना को अपने जोड़ीदार मैथ्यू एब्दन के साथ दूसरी सीड दी गयी है और वे खिताब के प्रमुख दावेदारों में से एक हैं।
पुरूष एकल में विश्व नंबर एक यानिक सिनर तथा मौजूदा चैंपियन कार्लोस एल्कराज़ खिताब के प्रबल दावेदार हैं। सात बार के विजेता नोवाक जाकोविक रिकार्ड 25वें ग्रैंड स्लैम की तलाश में हैं, लेकिन उनका सीजन अब तक कुछ ठीक नहीं रहा है। लेकिन उनके जुझारूपन और इस सतह पर रिकार्ड को देखते हुए उनको खारिज करना बहुत मुश्किल है। अन्य प्रबल दावेदारों में जर्मन एलेक्ज़ेंडर ज़ेरेव, हुबर्ट हरकेज़ और डेनिल मेडवडेव शामिल हैं।
महिला वर्ग में ऑस्ट्रेलियन ओपन विजेता एरियाना सबालेंका तथा विश्व नंबर एक ईगा श्वानटेक खिताब की प्रबल दावेदार है। उनके अतिरिक्त अमरीकी टीन सेंसेशन कोको गॉफ, और कज़ाकिस्तान की एलेना रिबाकिना भी खिताब के लिए अपनी मजबूत दावेदारी पेश करेंगी।
अपनी तेज सतह, मध्यम बाउंस और ‘सर्व एंड वॉली’ शैली के खेल के लिए प्रसिद्ध विम्बलडन में अगले 15 दिनों में कई रिकाड्स के साथ उच्च कोटि की प्रतिस्पर्धा, कलात्मकता, संवेग, रोमांच, नाटकीयता, अनिश्चितता व खेल भावना के प्रदर्शन का एक और अभूतपूर्व अध्याय जुड़ेगा। उम्मीद है कि महिला व पुरूष दोनों वर्ग में इस बार भी नए विजेता सामने आएं।
लेखक परिचय
नाम: डॉ. शालीन शर्मा
संप्रति: खेल पत्रकारिता के साथ करियर की शुरुआत करने के बाद शासकीय सेवा में गए। वर्तमान में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। इसके साथ ही शौकिया तौर पर द ग्रिप न्यूज के लिए खेलों से संबंधित आलेख लिख रहे हैं।