रेंहट के आदिवासी परिवारों को मिलेगा भूमि का मालिकाना हक

-गांव की पूरी जमीन का सीमांकन कर किया जाएगा स्वामित्व का निर्धारण

-आदिवासी परिवारों की महिलाओं की समस्या सुनने के बाद कलेक्टर ने दिए निर्देश

ग्वालियर। जिले के रेंहट गांव के आदिवासी परिवारों को जल्द ही अपनी भूमि का मालिकाना हक मिल जाएगा। कलेक्टर रुचिका चौहान ने जनसुनवाई में आई आदिवासी परिवारों की महिलाओं के आवेदन पर सुनवाई करते हुए सीमांकन करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सभी परिवारों की भूमि के स्वत्व का भी निर्धारण होगा। यह तय किया जाएगा कि कौनसे सर्वे नंबर के किस भाग पर कौन भूमि का स्वामी है। कलेक्टर ने घाटीगांव एसडीएम को सभी सर्वे नंबरों के साथ ही खेती योग्य भूमि का सीमांकन करने के भी निर्देश दिए हैं।

मंगलवार को कलेक्टर जनसुनवाई में 218 लोगों ने आवेदन देकर समस्याओं के समाधान की मांग की। जनसुनवाई में 108 आवेदन दर्ज किए गए और बाकी के 110 आवेदन आवश्यक टीम अंकित कर सीधे ही संबंधित विभागों को समय-सीमा में निराकृत करने के लिए सौंपे गए। कलेक्टर रुचिका चौहान, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, अपर कलेक्टर अंजू अरुण कुमार व टी एन सिंह सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने एक-एक कर सभी आवेदकों की समस्याएं सुनीं।

 

रेंहट से आई थीं आदिवासी महिलाएं

जिले से लगभग 45 किलोमीटर दूर रेंहट गांव से बैजन्ती, विमला, राजाबेटी व नथिया सहित आदिवासी परिवारों की अन्य महिलाएं कलेक्टर के पास पहुंची थीं। सभी ने कलेक्टर को अपनी परेशानी बताई। महिलाओं का कहना था कि उन्हें लगभग 60 वर्ष पूर्व पट्टे पर जमीन मिली थी। अब इस गांव के कुछ लोगों द्वारा खेती करने से रोका जा रहा है।

सभी महिलाओं की बातों को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद कलेक्टर ने फोन लगाकर घाटीगांव के एसडीएम से बात की। तब पता चला कि रेंहट गांव में बहुत से भूमि स्वामी अपनी वास्तविक जमीन पर काबिज होने की बजाय एक – दूसरे की जमीन पर खेती कर रहे हैं। इससे आए दिन विवाद होता रहता है। कलेक्टर ने वस्तुस्थिति का पता लगने के बाद एसडीएम को निर्देश दिए कि रेंहट की पूरी जमीन का सही-सही सीमांकन कराकर लोगों को उनके स्वामित्व वाली जमीन का कब्जा दिलाएं। उन्होंने यह काम जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।

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