ग्वालियर के सहरिया आदिवासियों के भविष्य को संवारेगी अमेरिका की न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी

-अमेरिकल जनरल काउंसिल माइक हैंकी ने कलेक्टर के साथ बैठक कर जानीं विशेषताएं

ग्वालियर। अमेरिका की न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ग्वालियर अंचल में निवासरत सहरिया जनजाति के भविष्य को संवारने में सहयोग कर सकती है। सोमवार को अमेरिकन जनरल काउंसिल माइक हैंकी दो दिवसीय प्रवास पर ग्वालियर आए। उन्होंने बातचीत के दौरान कलेक्टर ने अमेरिकन काउंसिल से सहरिया जनजाति के उत्थान के लिए सहयोग मांगा। काउंसिल ने आदिवासी विकास को लेकर रुचि दिखाई है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने माइक हैंकी को शहर के संगीत, कला, स्थापत्य, उद्योग और आर्थिक समृद्धि की जानकारी दी। उन्होंने माइक को बताया कि ग्वालियर शिक्षा के हब के रूप में विकसित हो रहा है।

दरअसल,औद्योगिक निवेश की संभावनाएं तलाशने के उद्देश्य से मुम्बई स्थित संयुक्त राज्य अमेरिका के वाणिज्यिक दूतावास से काउंसिल जनरल माइक हैंकी ग्वालियर आए हैं। वे राजमाता विजयाराजे सिंधिया विमानतल से सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर रुचिका चौहान से मुलाकात की। इस दौरान औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध निदेशक प्रतुलचंद सिन्हा सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर ने बैंबू प्लांट भेंट कर काउंसिल का स्वागत किया। इसके बाद ग्वालियर की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी।

कलेक्ट्रेट में हुई बैठक के बाद काउंसिल हैंकी ऐतिहासिक दुर्ग देखने पहुंचे। 11 फरवरी को वे जयविलास पैलेस संग्रहालय भ्रमण के लिए जाएंगे। इसके बाद दोपहर 12.15 बजे चेम्बर आॅफ कॉमर्स के पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे। मंगलवार को दोपहर 2.30 बजे मुम्बई के लिए रवाना होंगे।

यह बताईं विशेषताएं

कलेक्टर ने अमेरिका के काउंसलर जनरल हैंकी को बताया कि ग्वालियर ऐतिहासिक शहर है। यूनेस्को में सिटी आॅफ म्यूजिक के नाम से दर्ज है। यहां का संगीत, कला व स्थापत्य के साथ-साथ उद्योग भी समृद्ध रहे हैं। विकसित हो रहे शहर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का राष्ट्रीय दिव्यांग खेल स्टेडियम, ट्रिपल आईटीएम व एलएनआईपीई जैसे राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान हैं। शिक्षा के हब के रूप में बन चुके शहर में पांच विश्वविद्यालय हैं।

इसलिए हैं उद्योग विकास की संभावनाएं

अमेरिकन काउंसिल हैंकी को कलेक्टर ने बताया कि ग्वालियर शहर देश की राजधानी नई दिल्ली के नजदीक है। यहां उत्कृष्ट हवाईअड्डा है। रेलवे और सड़क मार्ग से पूरे देश से जुड़ा है। औद्योगिक विकास की संभावनाओं के मामले में
जानकारी देते हुए कलेक्टर ने बताया कि ग्वालियर के जयाजी कॉटन मिल, ग्रेसिम, सिमको, लैदर फैक्ट्री, ग्वालियर पॉटरीज जैसी इंडस्ट्रीज का पूरी दुनिया में नाम था। ग्वालियर का सेंड स्टोन 28 से अधिक देशों में निर्यात होता है। माइनिर मिनरल में आयरन ओर, सेंड स्टोन, क्वार्टज आदि मिलते हैं।

ये प्रोजेक्ट बदलेंगे तस्वीर

ग्वालियर में वेस्टर्न बायपास, एलीवेटेड रोड, आईएसबीटी व आगरा-मुम्बई सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे जैसे बड़े प्रोजेक्ट मूर्तरूप ले रहे हैं। अंतराष्ट्रीय स्तर का एयर टर्मिनल बनकर तैयार हो चुका है। आधुनिक रेलवे स्टेशन निमाणार्धीन है। ये प्रोजेक्ट पूरे होने पर शहर की छवि और बेहतर होगी।

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