मॉस्को हमले में मरने की संख्या 133 तक पहुंची, राजकीय शोक घोषित

राष्ट्रपति पुतिन ने कहा: हमले में शामिल लोगों को मिलेगी सजा


मॉस्को के पास कांसर्ट हॉल में घुसकर आतंकियों द्वारा किए गए हमले में अब तक 133 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। जबकि 150 लोग घायल हैं। घटना के बाद राजकीय शोक घोषित किया गया है। राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने इस मामले में कहा है कि हमले में शामिल लोगों को सजा मिलेगी। रूसी सुरक्षा एजेंसी के अनुसार हमलावरों का संपर्क यूके्रन से था और बॉर्डर की ओर ही भागते समय उन्हें ब्रायन्सक प्रांत में दबोच लिया गया। हालांकि, यूक्रेन ने घटना में किसी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। रूसी फैडरल एजेंसी ने पूरे मामले में जांच जारी होने की बात कही है। घटना को लेकर रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पातृशोव का बयान भी सामने आया है, उन्होंने कहा है कि आईएस-खोरासान के आतंकियों का यह हमला रूस पर आए नए गंभीर खतरे को परिलक्षित करता है। जिसने भी यह हमला किया है, उसे बख्शा नहीं जाएगा।


रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक और नोवोस्ती के अनुसार शुक्रवार को अत्याधुनिक हथियारों से लैस आतंकी मॉस्को के पास स्थित क्रोकस सिटी हॉल में घुस गए थे। सशस्त्र हमलावरों ने स्वचालित हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग की और बम भी फैंका जिससे आग लग गई। समाचार एजेंसी रशिया 24 के मुताबिक यह हमला उस समय हुआ जब रॉक बैंड समूह के कांसर्ट शुरू होने जा रहा था। कांसर्ट के लिए सैकड़ों लोग जमा हो चुके थे। एक अन्य समाचार एजेंसी के अनुसार आतंकी कांसर्ट हॉल में घुसे और पॉइंट ब्लैंक रैंज से गोलीबारी शुरू कर दी। उल्लेखनीय है कि क्रोकस सिटी हॉल में कांसर्ट हॉल और शॉपिंग सेंटर दोनों हैं और हमले के जो वीडियो सामने आए हैं, उनमें सिटी हॉल में आग लगी दिख रही है।

 

राष्ट्रपति चुनाव के तुरंत बाद का हमला खड़े कर रहा सवाल


हाल ही में ब्लादिमिर पुतिन ने राष्ट्रपति चुनाव में एकतरफा जीत हासिल की है। इसके साथ ही सत्ता पर उनकी पकड़ और मजबूत हुई है। ऐसे समय में जब रूसी राष्ट्रपति अपनी जीत के बाद नीतियों को लेकर बयान दे रहे हैं। तब आतंकी हमला नए सवाल खड़े कर रहा है। हमले के बाद इस्लामिट स्टेट से संबंधित समाचार एजेंसी आमाक ने टेलीग्राम पर एक मैसेज प्रसारित कर आईएस ने आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली। माना जा रहा है कि शुक्रवार को हुआ आतंकी हमला बीते कुछ वर्षों में सबसे घातक रहा है और यह ऐसे समय में हुआ है जबकि रूस और यूके्रन की जंग तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है।

 

वर्दी में घुसे थे हमलावर

समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार कांसर्ट हॉल में कम से कम तीन या चार हमलावर घुसे थे। सभी हमलावर सुरक्षाकर्मियों की वर्दी में दिखे थे। अचानक हुए हमले के बाद लोगों में अफरा-तफरी मच गई और हमलावरों को भी भागने का मौका मिल गया।

 

अमेरिकी दूतावास जारी कर चुका था एडवाइजरी

मॉस्को में हुए हमले से कुछ दिन पहले ही अमेरिकी दूतावास ने एडवाइजरी जारी कर अपने नागरिकों को मॉस्को में होने वाले सामूहिक समारोहों में जाने से बचने की सलाह दी थी। एडवाइजरी के बाद इस तरह का हमला होने के बाद दूतावास अब उन रिपोट्र्स की जांच कर रहा है, जिनमें चरमपंथियों द्वारा बड़ी सभाओं को निशाना बनाने की योजना का इनपुट मिला था।

हमले से दुनिया स्तब्ध

इस्लामिक स्टेट से संबंध रखने वाले इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस नाम के आतंकी संगठन द्वारा हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद आतंक से जूझ रहे देशों सहित पूरी दुनिया स्तब्ध है। बेगुनाहों का खून बहाने वाले आतंकियों को लेकर नफरत का भाव और बढ़ गया है।


इस शहर पर आई है मुसीबत

इस्लामिक स्टेट खुरासान के हमले से रूस की राजधानी मॉस्को के पास ही स्थित क्रास्नोगोस्र्क शहर दहल गया है। शहर में ईसाई समुदाय पर हुए इस हमले में शामिल चार आतंकियों की पहचान होने की बात भी सामने आई है। चारों आतंकी ताजिकिस्तान के नागरिक बताए जा रहे हैं।

 

पहले भी हो चुके हैं हमले

-वर्ष 2021 में अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान से अपनी फौज वापस बुलाने की घोषणा के बाद आईएस के आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान ने रूस को मुखरता के साथ निशाना बनाना शुरू किया था।

-वर्ष 2015 में पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान बेस्ड आतंकी समूहों द्वारा बनाया गया संगठन सेंट्रल एशिया और रूस में सक्रिय है। इस तरह के समूहों ने बीते कुछ वर्षों में रूस के अस्थिर क्षेत्र काकेशस सहित अन्य क्षेत्रों में हुए हमलों का दावा किया था। वर्ष 2015 में ही मिस्त्र के सीनाई प्रायद्वीप पर एक रूसी विमान को गिरा दिया गया था। इस हमले से विमान में सवार 224 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी।

-वर्ष 2017 में सेंट्स पीटर्सबर्ग में हुए बम विस्फोट में भी आईएस खुरासान प्रोविंस के सामिल होने की बात सामने आई थी। इस हमले में 15 की मौत और 45 नागरिकों के घायल होने की खबर सामने आई थी।

-खबरों के अनुसार आईएस खुरासान प्रोविंस द्वारा अफगानिस्तान में सुरक्षित ठिकाना बना लिया है। अब वे अफगानिस्तान के साथ ही रूस में भी अपना नेटवर्क बढ़ा रहे हैं।

-रूस की सुरक्षा एजेंसी एफएसबी ने बीते सात मार्च को मॉस्को के पास कलुगा इलाके में एक संभावित हमला रोका था। इसके बाद ही अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी की थी।

-एक खबर के अनुसार सीरियाई गृहयुद्ध का रुख पलटने में रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती रही है। इस्लामिक स्टेट की बजाय रूस ने सीरियाई राष्ट्रपति का समर्थन किया था। इससे खुन्नस खाकर आतंकी संगठन रूसी राष्ट्रपति को लेकर आलोनात्मक रुख अपनाए हुए है।

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