क्राइम ब्रांच की सायबर क्राइम विंग की कार्रवाई
ठगी के रुपए जम्मू-कश्मीर, गुजरात और संयुक्त अरब अमीरात के खातों में किए गए ट्रांसफर
एमसीए और मास्टर्स इन आईटी की डिग्री धारी है ठगी का मास्टर माइंड
ठग ने संयुक्त अरब अमीरात में खोली है कंपनी
ग्वालियर।शहर की महिला आशा भटनागर को झांसे में लेकर 51 लाख रुपए की ठगी करने वाले मास्टर माइंड को क्राइम ब्रांच की सायबर विंग ने भिलाई से डिजिटल हाउस अरेस्ट किया है। ठगी का मास्टर माइंड न सिर्फ एमसीए और मास्टर इन आईटी जैसी तकनी डिग्री किए हुए है बल्कि यूएई में एक कंपनी भी खोल रखी है। ठग ने महिला से रकम ठगने के बाद जम्मू-कश्मीर, गुजरात और संयुक्त अरब अमीरात में खोले गए खातों में ट्रांसफर की थी। ठगी की शिकार आवेदिका द्वारा क्राइम ब्रांच में शिकायत करने के बाद पुलिस ने अपने स्तर पर छानबीन करके सुराग निकाले और ठग को दबोच लिया।
यह था मामला
आवेदिका आशा भटनागर ने पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह को ठगी से संबंधित आवेदन पत्र दिया था। आवेदिका ने एसपी को बताया कि उसके पास किसी अज्ञात व्यक्ति का फोन आया और बोला कि आपके डॉक्यूमेंट पर एक सिम इश्यू हुई है। महिला को बताया गया कि इश्यू हुई सिम में आपका आधारकार्ड लगा हुआ है और इस सिम से कई बच्चियों को अश्लील मैसेज भेजे गये हैं।
अज्ञात व्यक्ति ने फरियादिया को बताया कि उसकेे विरुध्द 24 एफआईआर मुंबई पुलिस ने दर्ज की हैं। यदि आपने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है तो आपको ऑनलाइन एफआईआर करानी होगी। अज्ञात व्यक्ति ने महिला को प्रक्रिया बताते हुए स्काईप एप डाउनलोड करने को कहा और मजिस्ट्रेट के समक्ष ऑनलाइन लीगल स्टेटमेन्ट देने की बात कही।
इसके साथ ही स्काईप से वीडियो कॉल कनेक्ट होते ही मनी लॉन्ड्रिंग के कैश की भी बात कही गई। अज्ञात व्यक्ति द्वारा महिला के सभी खातों की जानकारी लेते हुए इनकी जांच सीबीआई, ईडी आदि से कराए जाने की बात कही। यह भी कहा गया कि आपके खातों की रकम यदि सही पायी गई तो 24 घण्टे के अन्दर आपके अकाउन्ट में पैसे रिफंड कर दिए जाएंगे।
महिला से कहा गया कि इस प्रक्रिया के बारे में आपको किसी को कुछ नही बताना है। जब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती कोई कॉल भी नहीं करना है। एसपी ने बताया कि वीडियो कॉल पर महिला को डराने के लिए एक पुलिस जैसा दिखने वाला व्यक्ति भी दिखाया गया। पुलिस की तरह दिखने वाले व्यक्ति द्वारा कहा गया कि इनको जल्द से जल्द गिरफ्तार करें। महिला ने पुलिस को बताया कि जब ठगों ने मेरे दामाद को पुणे से उठाने की धमकी दी तो वे डर गईं। इसके बाद दो एकाउंट की एफडी तोड़कर उनके द्वारा बताए गए एकाउंट में 51 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।
ऐसे शुरु हुई जांच
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने सायबर क्राइम करने वाले अपराधियों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पूर्व/अपराध/यातायात) के.एम.षियाज़ को दी गई। एएसपी ने थाना प्रभारी अपराध निरीक्षक अजय पंवार, सायबर क्राइम प्रभारी निरीक्षक राजेश सिंह तोमर, निरीक्षक मंगल सिंह पपोला, उप निरीक्षक कीर्ती अजमेरिया, उप निरीक्षक धर्मेन्द्र शर्मा, उप निरीक्षक हरेन्द्र सिंह राजपूत, उप निरीक्षक रवि लोधी, प्र.आर सुनील शर्मा, दिनेश सिंह राजावत, सतेन्द्र कुशवाह, सुरेन्द्र तोमर, आरक्षक शिवशंकर शुक्ला, सुमित सिंह भदौरिया, ओमशंकर सोनी, गौरव पवार, श्यामू मिश्रा, नवीन पाराशर, कपिल पाठक, जेनेन्द्र गुर्जर, शिवकुमार यादव, सोनू प्रजापति, महिला आरक्षक सुनीता कुशवाह, मेघा श्रीवास्तव की टीम गठित कर छानबीन पर लगाया।
एप के जरिये आए थे महिला के पास कॉल
एएसपी अपराध आयुष गुप्ता(भापुसे) एवं डीएसपी अपराध नागेन्द्र सिंह सिकरवार के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी अपराध व सायबर क्राइम प्रभारी ने विवेचना शुरू कराई। विवेचना के दौरान सामने आया कि जिन नंबर्स से फरियादिया के पास कॉल किए गए वे नंबर एप के माध्यम से प्रदर्शित कराए गए थे। जिन खातों में रुपए ट्रांसफर किए गए वे खाते जम्मू और कश्मीर के थे। इन दोनों खातों से रुपए अलग-अलग कई खातों में स्थानांतरित किए गए। इनमें से कुछ राशि संयुक्त अरब अमीरात के एक खाते में स्थानांतरित हुई। पुलिस टीम ने यूएई से तकनीकी साक्ष्य प्राप्त किए। सबूतों से पता चला कि यूएई के जिस बैंक खाते में पैसे स्थानांतरित हुए थे, वह भारतीय व्यक्ति के नाम है। यह व्यक्ति छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला है और उसके द्वारा यूएई में कंपनी खोली गई है।
पुलिस ने किया आरोपी को डिजिटल हाउस अरेस्ट
आरोपी के बारे में जानकारी पता चलने के बाद सायबर क्राइम की टीम को भिलाई भेजा गया। टीम ने आरोपी को डिजिटल हाउस अरेस्ट किया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने एमसीए किया हुआ है व मास्टर्स इन आईटी है। आरोपी ने बताया कि सायबर ठगी की राशि अलग-अलग खातों में स्थानांतरित किया जाता था। आरोपी ने अपने यहां काम करने वाले लोगों के खाते खुलवाए थे और उनको स्वयं संचालित करता था। इन खातों में सायबर ठगी की राशि जमा करके फिर यूएई के खाते में ट्रांसफर करता था। आरोपी से अन्य व्यक्तियों के आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, पासबुक, चैकबुक, मोबाइल फोन, लेपटॉप, आईपेड व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। आरोपी के अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। विवेचना में यह भी पता चला कि सायबर ठग ने अन्य लोगो के साथ भी ठगी की है। पकड़े गए आरोपी से टीम पूछताछ कर पूरी जानकारी निकाल रही है।
WrittenBy: Ghanshyam Baba