लोकसभा चुनाव 2024: प्रचार के लिए उपयोग में आने वाले साउंड सिस्टम के लिए लेनी होगी अनुमति

जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत किया आदेश जारी

आदेश के उल्लंघन पर 6 माह तक जेल और एक हजार रुपए के अर्थ दण्ड का प्रावधान

ग्वालियर। लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में उपयोग होने वाले साउंड सिस्टम के लिए अनुमति लेनी होगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम एवं ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के तहत आदेश जारी कर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग के लिए शर्तें निर्धारित कर दी हैं। विहित प्राधिकारी से अनुमति लेने के बाद सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जा सकता है। आदेश का उल्लंघन होने पर 6 माह तक का कारावास और एक हजार रुपए का जुर्माना या दोनों दंड दिए जाने का प्रावधान है।

यह हैं निर्देश

-किसी भी व्यक्ति, उम्मीदवार व उसके इलेक्शन एजेंट या राजनीतिक दलों के सदस्य और समर्थकों को ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग के लिए संबधित क्षेत्र के एसडीएम से अनुमति लेनी होगी।
-अनुमति लेने के बाद भी सुबह 6 से रात 10 बजे तक 10 डेसिबल के निर्धारित ध्वनि मानक में ही विस्तारक यंत्र का उपयोग किया जा सकेगा।
-एक अनुविभाग से अधिक क्षेत्र में रैली आदि में ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग करने की अनुमति अपर जिला मजिस्ट्रेट से लेना पड़ेगी और कम से कम एक दिन पहले आवेदन करना होगा।

ये हैं प्रतिबंधित क्षेत्र

-जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश अनुसार सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों, नर्सिंग होम, टेलीफोन एक्सचेंज, न्यायालयीन क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थाएं, छात्रावास, स्थानीय प्राधिकरण के कार्यालय, बैंक तथा अन्य ऐसे क्षेत्र जो शांत क्षेत्र की श्रेणी में आने वाले स्थानों से 200 मीटर की परिधि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी लोक स्थल में टेप या अन्य प्रकार से पूर्व से रिकार्ड किए हुए संगीत या आवाज को बजाने की अनुमति नहीं होगी।

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