लीप ईयर की वजह से एक दिन पहले मार्च इक्वीनैक्स की खगोलीय घटना
सूर्य की किरणों के लंबवत रहेगा प्रथ्वी का अक्ष
भोपाल। बुधवार सुबह 8 बजकर 36 मिनट पर सूर्य आकाशीय भूमध्य रेखा पर पहुंचकर उसे पार करेगा। मार्च इक्वीनैक्स के नाम से पहचानी जाने वाली यह घटना इस बार एक दिन पहले यानि 20 मार्च को हो रही है। राष्ट्रीय अवॉर्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारिका सारिका घारू ने बताया कि मार्च इक्वीनेक्स की घटना सामान्यत: 19,20 या फिर 21 मार्च को होती है। इक्वीनैक्स में प्रथ्वी का अक्ष सूर्य की किरणों के ठीक लंबवत रहता है, इसकी वजह से प्रथ्वी के प्रकाशित हर भाग में सूर्य का प्रकाश समान अवधि तक मिलता है। हालांकि, यह पूरी तरह से 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात की नहीं होती।
यह दी विज्ञान प्रसारिका ने जानकारी
-सारिका ने बताया कि लोग इस खगोलीय घटना को आम तौर पर दिन-रात बराबर होने से जोड़ते हैं, जबकि इस बार 15 मार्च को ही दिन-रात बराबर रहे थे। बुधवार को तो दिन की अवधि 12 घंटे 7 मिनट से कुछ अधिक रहेगी।
हर वर्ष बदलता है दिनांक
उन्होंने बताया कि सूर्य की एक परिक्रमा करने में प्रथ्वी को जो समय लगता है और 365 दिन बाद हम जो नया वर्ष मनाते हैं, उसमें कुछ घंटे का अंतर होता है। इस कारण इक्वीनैक्स की घटना का समय एवं दिनांक हर वर्ष बदल जाता है। यह वर्ष लगभग 6 घंटे बाद आता है लेकिन लीप ईयर में दोबारा से एक दिन पीछे आ जाता है, इस वर्ष भी यही हुआ है। बुधवार को सूर्य ठीक पूर्व दिशा से उदित होकर बिलकुल पश्चिम दिशा में अस्त होगा।
मार्च इक्वीनॉक्स की घटना
वर्ष दिनांक समय
2023 21 मार्च 02:54
2024 20 मार्च 08:36
2025 20 मार्च 14:31
2026 20 मार्च 20:16
2027 21 मार्च 01:54