आईआईटी दिल्ली ने इलेक्ट्रिक वाहन और चार्जिंग इंन्फ्रास्ट्रक्चर के मूल सिद्धांतों पर आधारित सर्टिफिकेट प्रोग्राम के दूसरे बैच को शुरू करने की घोषणा की है।
लगातार बढ़ रहे इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआइटी) दिल्ली के नए कोर्स से रफ्तार मिल सकती है। आईआईटी दिल्ली ने इलेक्ट्रिक वाहन और चार्जिंग इंन्फ्रास्ट्रक्चर के मूल सिद्धांतों पर आधारित सर्टिफिकेट प्रोग्राम के दूसरे बैच को शुरू करने की घोषणा की है। इस प्रोग्राम को शुरू करने का मकसद यह बताया जा रहा है कि इससे उभरते इलेक्ट्रिक वाहन युग में गतिशील और विकसित मांगों को पूरा किया जा सकता है। गतिशील और विकसित मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से ही यह कोर्स डिजायन किया गया है।
आईआईटी दिल्ली द्वारा जारी किए गए एक बयान में उल्लेख किया गया है कि भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में लगातार बढ़ रहे इलेक्ट्रिक वाहनों की वजह से गति आ रही है। विशेषज्ञ और कुशल पेशेवरों की मांग भी लगातार बढ़ी है। इस नए कोर्स को शुरू करने का उद्देश्य है कि कुशल पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। बयान के अनुसार वर्ष 2022 से 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की वार्षिक बिक्री चक्रवृद्धि विकास दर से विस्तार लेने का अनुमान लगाया जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2030 में इलेक्ट्रिक वाहनों की वार्षिक बिक्री एक करोड़ यूनिट को पार कर सकती है। इससे 2030 तक पांच करोड़ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।
जानिए क्या है आईआईटी का सर्टिफिकेट प्रोग्राम
-मिड करियर पेशेवरों के लिए पांच महीने का ऑनलाइन और 55 घंटे सीखने का कार्यक्रम तैयार किया गया है।
-यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में सफल होने के लिए जरूरी कौशल सिखायेगा।
-सर्टिफिकेट प्रोग्राम का फोकस नए उत्पाद, प्रक्रिया और बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर रहेगा।
-ऐसे बुनियादी ढांचे को विकसित करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा जो स्थिरता को बढ़ावा दे और पर्यावरण की भी रक्षा करे।
इनके लिए महत्वपूर्ण होगा कोर्स
-यह कार्यक्रम ईवी में करियर देख रहे प्रशिक्षुओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
-उन युवाओं को मदद मिलेगी जो ईवी चार्जिंग इंन्फ्रास्ट्रक्चर, ईवी और मोटर्स के मूल सिद्धांत सीखना चाहते हैं।
-कोर्स के माध्यम से बैटरी तकनीक, कम्युनिकेशन और सुरक्षा, चार्जर की सुरक्षा जैसे मॉड्यूल के जरिये प्रबंधकीय क्षमता को बढ़ावा देने की चाह रखने वाले युवाओं को आकर्षित किया जा सकेगा।
-यह कार्यक्रम इंटरएक्टिव लर्निंग प्लेटफार्म के माध्यम से आयोजित होगा।
-कार्यक्रम को डायरेक्ट टू डिवाइस मोड में डिलेवर किया जाएगा।
-प्रशिक्षण लेने वाले प्रतिभागियों को किसी भी एक प्रतिष्ठित संस्थान में एक दिवसीय इमर्शन कार्यक्रम का भी अनुभव मिलेगा।