एनसीसी की ऑफिसर्स ट्रैनिंग अकादमी में हुई दीक्षांत परेड
देश के विभिन्न हिस्सों से आए 106 एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर कैडेट ने किया प्रशिक्षण पूरा
ग्वालियर। देश के प्रति भक्ति और राष्ट्रप्रेम का जज्बा पैदा करने के लिए स्कूल और कॉलेज के 106 एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर कैडेट्स को 60 दिन का प्रशिक्षण पूरा करने पर रैंक प्रदान की गईं। एनसीसी की ऑफिसर्स ट्रैनिंग अकादमी में हुई दीक्षांत परेड में जूनियर और सीनियर कैडेट्स ने बैंड की धुन पर कदमताल करके अपने अनुशासन और परेड का प्रदर्शन किया। इसके बाद अन्य इवेंट्स में भी एनसीसी कैडेट्स ने अपना हुनर दिखाया। आयोजन के दौरान प्रशिक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को मेजर जनरल मंजीत सिंह मोखा द्वारा मैडल प्रदान किए गए।
पंजाब,हरियाणा,हिमाचल प्रदेश एवं चंडीगढ़ निदेशालय के अपर महानिदेशक मेजर जनरल मंजीत सिंह मोखा ने परीक्षा का निरीक्षण किया। दीक्षांत समारोह में न सिर्फ दूसरे प्रदेशों से आए कैडेट बल्कि ग्वालियर के स्कूल और कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों के परिजन भी पहुंचे थे। मेजर जनरल मोखा ने एनसीसी छात्रों का उत्साह वर्धन करते हुए अग्निवीर योजना को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एनसीसी अब देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ी भूमिका की तैयारी में जुटी है। कैडेट्स को देश की सीमा के क्षेत्र में तैनाती के लिए तैयार किया जा रहा है। एनसीसी को अग्निवीर योजना से भी जोड़ा गया है।
सीख गए अब सिखाएंगे
पूरे देश से चयनित होकर आए जूनियर ऑफसर्स ने एसोसिएट ऑफिसर का प्रशिक्षण लिया है। प्रशिक्षण की शुरुआत 31 जनवरी को हुई थी और 30 मार्च को दीक्षांत परेड के साथ ट्रैनिंग पूरी हुई। दीक्षांत परेड में प्रशिक्षण प्राप्त ऑफिसर्स को रैंक प्रदान की गई। एसोसिएट अफसर अब अपने-अपने संस्थान में छात्रों को प्रशिक्षण देंगे।
इन स्किल्स का हुुआ प्रशिक्षण
दो महीने की अवधि में लगातार कठोर मेहनत के साथ दिन बीते हैं। पासिंग आउट परेड में शामिल एसोसिएट अफसरों का कहना था कि हर दिन कुछ न कुछ नया सीखने को मिला। प्रशिक्षण अवधि में मिलिट्री ट्रैनिंग, ड्रिल, पीटी का सत्र तय था। इसके साथ ही एडवेंचर ट्रैनिंग का शैड्यूल तय था। नेशनल इंटिग्रेशन का प्रशिक्षण भी दिया गया। पासिंग आउट परेड के बाद सभी अफसर सेवा के लिए कमीशंड हो गए हैं।
यह होता है ट्रैनिंग में
ओटीए में दिए जाने वाले प्रशिक्षण के दौरान अलग-अलग चरण की ट्रैनिंग होती है। इसमें सेना प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें बेसिक सैन्य प्रशिक्षण, व्यक्तित्व विकास, उपदेशक कौशल, मैन रीडिंग, ब्रिज, एडटेचर, खेल-कूद, कैम्प प्रशिक्षण आदि होता है।
-मानसिक रूप से मजबूती के लिए योग का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा एसडीईआरएफ द्वारा आपदा प्रबंधन की जानकारी दी जाती है। शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण के साथ ही एनसीसी विषय का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
-महिला एनसीसी अधिकारियों को प्रशिक्षण अधिकारी (समन्वय) ले.कर्नल जेपी सिंह, अतिरिक्त प्रशिक्षण अधिकारी मेजर प्रतिभा तिवारी ने सभी कैडेट को एनसीसी नियमों का पालन करने की शपथ दिलाई।
महत्वपूर्ण है एनसीसी सर्टिफिकेट
मेजर जनरल मोखा ने बताया कि एनसीसी का प्रशिक्षण लेने वाले छात्रों को तीन प्रकार के प्रमाणपत्र मिलते हैं। तीनों ही प्रमाणपत्र महत्वपूर्ण हैं। जूनियर विंग में प्रशिक्षण पूरा करने पर ए सर्टिफिकेट मिलता है और सीनियर विंग में प्रशिक्षण पूरा करने वाले कैडेट को बी और सी सर्टिफिकेट दिए जाते हैं। ये र्सिर्टफिकेट शासकीय सेवा, आमी आदि में बेहद उपयोगी सिद्ध होते हैं। इससे अग्निवीर भर्ती में भी अंक मिलते हैं।
इनको मिले पुरस्कार
-जूनियर वर्ग की मेरिट कम में प्रथम आने पर एन सी सी महानिदेशक का प्लेग ऑफ ऑनर केरला एवं लक्षद्वीप निदेशालय की थर्ड अफसर दिव्या के को प्रदान किया गया।
-जूनियर वर्ग की मेरिट कम में द्वितीय आने पर कमांडेंट का रजत पदक उत्तराखंड निदेशालय की केयर टेकर अफसर शिल्पा को प्रदान किया गया।
-सर्वश्रेष्ठ एएनओ के लिए एनसीसी महानिदेशक ट्रॉफी महाराष्ट्र निदेशालय की केयर टेकर अफसर प्रांजली खटके को प्रदान किया गया।
-एनसीसी विषयों में सर्वश्रेष्ठ एएनओ के लिए शर्मा कप गुजरात निदेशालय को केयर टेकर अफसर कोमलबेन नीलेशभाई गजेरा को प्रदान किया गया।
-विशेष कौशल प्रदर्शन के लिए कमांडेंट का स्वर्ण पदक राजस्थान निदेशालय की केयर टेकर अफसर रितु सिंह को प्रदान किया गया ।
-नेतृत्व विशेषता एवं प्रेरणा प्रदर्शन के लिए लीडरशिप ट्रॉफी महाराष्ट्र निदेशालय की केयर टेकर अफसर शर्मिला मिलिन्द केलुसकर को प्रदान की गई।
-परेड को कमान करने के लिए कमांडेंट का स्वर्ण पदक महाराष्ट्र निदेशालय की अफसर प्रांजली खटके को प्रदान किया गया।
-चैम्पियनशिप बैनर दुर्गावती कंपनी को प्रदान किया गया जिसे आन्ध्रप्रदेश एवं तेलांगना निदेशालय की केयर टेकर अफसर बी हर्षा श्री ने प्राप्त किया।
ऋतु सिंह (राजस्थान)