-व्यय प्रकोष्ठ का निरीक्षण कर एफएसटी, एसएसटी व वीएसटी को कलेक्टर ने दिए निर्देश
ग्वालियर। व्यय प्रकोष्ठ में तैनात सभी अधिकारी व कर्मचारी पूरी तरह मुस्तैद होकर काम करें, ताकि कोई भी राजनीतिक दल व प्रत्याशी चुनावी खर्चा छुपा न पाए। अभी तक लगभग 46 लाख रुपए की संदिग्ध राशि जब्त की जा चुकी है। भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहे। यह निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने व्यय प्रकोष्ठ का निरीक्षण करने के बाद दिए हैं। कलेक्टर ने एफएसटी, एसएसटी और वीएसटी को निर्देश दिए हैं कि हर राजनीतिक दल एवं प्रत्याशी द्वारा चुनाव प्रचार पर किए जाने वाले खर्च की पाई-पाई का हिसाब उसके खाते में जोड़ें।
लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दल और प्रत्याशियों द्वारा किए जाने वाले प्रचार-प्रसार से संबंधित खर्चे की निगरानी रखने के लिए कलेक्ट्रेट के प्रथम तल पर स्व. टी धर्माराव सभागार में व्यय निर्वाचन प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। मंगलवार को कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने व्यय निर्वाचन प्रकोष्ठ की गतिविधियों का विस्तार से जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान अपर जिला दंडाधिकारी टी एन सिंह, डिप्टी कलेक्टर एवं व्यय प्रकोष्ठ के प्रभारी बरहादिया व संयुक्त संचालक पेंशन एल. एन. सुमन सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
यह दिए हैं निर्देश
-व्यय निगरानी दल में शामिल उडऩदस्ता, स्टेटिक सर्विलान्स टीम, वीडियो सर्विलान्स टीम, वीडियो व्यूविंग टीम तथा व्यय लेखा दलों गंभीरता से दायित्व निर्वहन करें।
-लोकसभा चुनाव में अवैध धनराशि का इस्तेमाल रोकने सहित संदिग्ध वस्तुओं के परिवहन पर जिले में कड़ी निगरानी रखी जाए।
-स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने के उद्देश्य से गठित टीमें आचार संहिता के उल्लंघन और संदिग्ध वाहनों की जांच करते रहें।
अब तक इतनी राशि जब्त
-अपर जिला दंडाधिकारी टी एन सिंह ने बताया कि अचार संहिता लगने के बाद लगभग 46 लाख रुपए जब्त किए गए हैं।
-विधानसभा क्षेत्र भितरवार में 23 मार्च को संजू बघेल से 4 लाख 90 हज़ार रुपए जब्त किए गए।
-विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर पूर्व के अंतर्गत 28 मार्च को आरोग्यधाम के समीप हरिकिशन सिंघल के वाहन से 25 लाख रुपए जब्त किए गए।
-विधानसभा क्षेत्र डबरा में 2 अप्रैल को जितेन्द्र साहू से 10 लाख व बालकृष्ण साहू से 6 लाख रुपए जब्त किए गए हैं।
-जिन लोगों से यह धनराशि जब्त की गई थी वे तत्समय इतनी बड़ी धनराशि रखने के कोई प्रमाण नहीं दिखा पाए थे।
-जब्त की गई धनराशि को लेकर संबंधित व्यक्ति प्रमाणों के साथ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष दावा कर सकते हैं।