अप्रेल-मई में झुलसा सकती है गर्मी, लू से बचना है तो करें यह उपाय

-मौसम विभाग ने जारी की एडवायजरी

ग्वालियर। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार पूरे मध्य भारत में अप्रेल-मई के दौरान तापमान बढ़ सकता है। झुलसा देने वाली गर्मी में लू भी की भी संभावना है। इसकी वजह से आम जन को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लू की संभावना और गर्मी से बचने को लेकर मौसम विज्ञान विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद प्रदेश के गृह विभाग ने सभी जिलों में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान आदि कार्य में लगे अधिकारी-कर्मचारियों के लिए लू से बचाव के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। मतदान कर्मियों के प्रशिक्षण के दौरान लू से बचने के लिए फस्र्ट ऐड की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।

ये हैं प्रारंभिक लक्षण और उपचार

सूर्य दाह (सन स्ट्रोक)
-त्वचा पर लाल चकता, सूजन, फफोले, बुखार, सिरदर्द आदि लक्षण दिख सकते हैं।
उपाय
-इससे बचाव के लिए प्रभावित व्यक्ति को बार-बार नहलाए। यदि फफोले निकल आएं हों, तो स्टरलाइज/ड्रेसिंग करें और चिकित्सक का परामर्श लें।

ताप के कारण शारीरिक ऐठन (हीट क्रैंप)
-इसके लक्षणों में पैरों, पेट की मांसपेशियों अथवा शरीर के बाहरी भागों में तकलीफ, शरीर में ऐंठन और अत्यधिक पसीना आना शामिल हैं।
उपाय
-प्रभावित को छायादार स्थल पर तत्काल ले जाएं। ऐंठन वाले शरीर के भाग को जोर से दबाए तथा धीरे-धीरे सहलाएं। प्रभावित को शीतल जल, छाछ अथवा पना पिलाएं। यदि उल्टी आ रही हो, तो शीतल पेय पिलाना बंद कर दें तथा तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जाएं।

अत्यधिक थकावट एवं शारीरिक खिचाव (हीट एक्जॉशन)
-इसके लक्षणों में अत्यधिक पसीना आना, कमजोरी महसूस होना, शरीर गीला और ठंडा होना तथा पीला पड़ जाना, सिर दर्द, नब्ज कमजोर पड़ जाना, मूर्छित हो जाना शामिल है।
उपाय
-प्रभावित को छायादार स्थल पर लिटा कर शरीर पर ठंडे एवं गीले कपडे से स्पंजिंग करें। संभव हो तो उन्हें वातानुकूलित कमरे में ले जाएं। प्रभावित को शीतल जल, छाछ अथवा पना पिलाएं। यदि उबकाई आ रही हो, तो शीतल पेय पिलाना बंद कर दें तथा प्रभावित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जाएं।

ताप-दाह (हीट स्ट्रोक)
-इसके प्रभाव से अत्यधिक बुखार, अत्यधिक गर्म एवं सूखी त्वचा, तेज नब्ज और बेहोशी हो सकती है।
उपाय
-यह अत्यंत चिंताजनक एवं चिकित्सा की दृष्टि से आपात स्थिति है। तत्काल 108 चिकित्सा वाहन को बुलाएं और प्रभावित को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराएं। एंबूलेंस आने तक प्रभावित व्यक्ति को वातानुकूलित स्थान पर ले जाएं। कपड़ों को ढीला कर आरामदेह स्थिति में लिटाएं। प्रभावित व्यक्ति के शरीर पर ठंडे एवं गीले कपड़े से स्पंजिंग करें। किसी भी प्रकार का पेय पदार्थ पीने को नहीं दें। आवश्यकतानुसार सीपीआर शुरू करें।

ये सावधानी जरूरी

-पानी, छांछ, ओ.आर.एस. का घोल या घर में बने पेय जैसे लस्सी, नीबू पानी, आम का पना इत्यादि का सेवन कर तरो-ताजा रहें।
-यथा संभव दोपहर 12 से दोपहर 3 बजे के बीच धूप में बाहर निकलने से बचें।
-धूप में निकलते समय अपना सिर ढक कर रखें। कपड़े, टोपी अथवा छतरी का उपयोग करें।
-धूप में निकलने के पहले तरल पदार्थ का सेवन करें। पानी हमेशा साथ रखें। शरीर में पानी की कमी न होने दें।
-सूती, ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनें। सिंथेटिक एवं गहरे रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
-जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी दें।
-अत्यधिक गर्मी होने की स्थिति में ठंडे पानी से शरीर को पोंछे या कई बार स्नान करें। धूप तथा गर्म हवाओं के संपर्क के तुरंत बाद स्नान न करें।
-गरिष्ठ, वसायुक्त, ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन तथा अल्कोहल, चाय, काफी जैसे पेय पदार्थ का उपयोग कम से कम करें।

इन विभागों को दी बचाव की जिम्मेदारी
आपदा प्रबंधन
-विभाग द्वारा जिला, तहसील, ब्लॉक, विभाग आदि स्तर पर लू प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारी को नामांकित किया जाएगा। प्रचार माध्यमों से जन सामान्य तक चेतावनी पहुंचाई जाएगी।

मौसम विज्ञान केंद्र
-विभाग द्वारा प्रतिदिन जारी की जाने वाली लू चेतावनी, लू की अवधि, अधिकतम तापमान स्थानवार मौसमी रिपोर्ट को संबंधित विभागों तथा जिलों तक प्रसारित कराई जाएगी।

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग
-विभाग द्वारा बाजारों, प्रमुख शासकीय कार्यालय, अधिक संख्या में जन-सामान्य के आने-जाने की जगहों को चिन्हित कर लू से बचाव के लिए छायादार स्थल (शेड) की व्यवस्था कर ठंडक रखने का काम किया जाएगा। प्राथमिक उपचार के लिए फस्र्ट ऐड बॉक्स रखे जाएंगे।

स्कूल शिक्षा विभाग
-विभाग द्वारा शैक्षणिक संस्थाओं का कार्य समय, लू से संबंधित चेतावनी अनुसार आवश्यकतानुसार विधिवत परिवर्तन करने के लिए आवश्यक आदेश जारी किया जाएगा।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग
-विभाग द्वारा सभी शासकीय अस्पतालों में लू प्रभावितों के उपचार के लिए विशिष्ट कार्य-योजना बनाई जाएगी। अस्पतालों के बाहर लू से बचाव के संदेश प्रदर्शित किए जाएंगे। लू ग्रसित रोगियों की चिकित्सा के लिए आवश्यक दवाइयां सभी शासकीय चिकित्सालयों तथा आशा कार्यकर्ता के पास पहुंचाई जाएंगीं।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग
-विभाग द्वारा प्रत्येक पंचायत भवन में लू से बचाव के उपायों से संबंधित प्रचार-प्रसार कराया जाएगा। प्राथमिक उपचार बॉक्स रखा जाएगा।

श्रम विभाग
-विभाग द्वारा औद्योगिक और अन्य क्षेत्रों के कामगारों को लू से बचाव संबंधी आवश्यक जानकारी दी जाएगी। आवश्यकतानुसार एवं सुविधानुसार कार्य के समय में परिवर्तन कराया जाएगा।

लोक निर्माण विभाग

-विभाग द्वारा सभी शासकीय भवनों, अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थाओ के भवनों में कूल रूफ तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
-विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था कराई जाएगी। नलकूप, तालाबों के यांत्रिक और विद्युत फॉल्ट की मरम्मत कराई जाएगी।

सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग
-विभाग द्वारा ऐसे स्थलों को चिन्हित किया जाएगा जहां भिक्षुक, शारीरिक रूप से कमजोर और निशक्तजन अधिक संख्या में रहते हों।

वन विभाग
-विभाग द्वारा जंगली पशुओं और पक्षियों के लिए जंगल में पर्याप्त जल की व्यवस्था कराई जाएगी। वन में लगने वाली अग्नि से बचाव और निगरानी के लिए दलों को निर्देश दिए जाएंगे।

पर्यटन विभाग
-विभाग द्वारा प्रमुख पर्यटन स्थलों पर लू से बचाव की चेतावनी प्रदर्शित कराई जाएगी। पर्यटन स्थलों पर पर्याप्त छाया तथा शीतल जल का इंतजाम कराया जाएगा।

परिवहन विभाग
-विभाग द्वारा बस स्टैंड, टैक्सी स्टैंड आदि सार्वजनिक वाहन स्थलों पर फस्र्ट ऐड बॉक्स की व्यवस्था कराई जाएगी। लू प्रभावितों के उपचार की व्यवस्था, पर्याप्त छाया की व्यवस्था के साथ शीतल जल की व्यवस्था कराई जाएगी।

रेलवे
-जोनल एवं डिवीजनल रेलवे को रेलवे स्टेशनों और यात्री प्रतीक्षालयों में शीतल शेड और पेयजल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। लू ग्रसित यात्रियों के तत्काल उपचार की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।

पशु-पालन विभाग
-विभाग द्वारा पशुओं को लू से बचाव के लिए विभागीय योजना और जन-जागृति कार्यक्रमों का आयोजन कर पशुपालकों को जानकारी दी जाएगी। पशु चिकित्सा से संबंधित दवाओं और उपकरण आदि का पर्याप्त भंडारण किया जाएगा।

पुलिस

-मध्यप्रदेश पुलिस को ट्रैफिक पुलिस के लिए शेड एवं शीतल जल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस कर्मियों को कूल जैकेट दिए जाएंगे।

एस.डी.ई.आर.एफ/होमगाड्र्स एवं सिविल डिफेंस
-एस.डी.ई.आर.एफ/होमगाड्र्स एवं सिविल डिफेंस विभाग द्वारा जन-जागृति एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे।

किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग
-विभाग द्वारा विभागीय जन-जागृति एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कृषकों को लू से बचाव संबंधित देने के निर्देश दिए गये हैं।

ऊर्जा विभाग
-ऊर्जा विभाग को बिजली संयंत्रों में सभी रख-रखाव गतिविधियों को समयानुसार पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। लू के दौरान पॉवर कट की स्थिति निर्मित न हो।

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