ग्वालियर। चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी को पाप मोचिनी एकादशी के रूप में मानते हैं। इस विशेष एकादशी व्रत पर शहर के महिला समूह ने आदर्शन गोशाला में पहुंचकर भजन कीर्तन किए। इसके साथ ही गायों को भोग लगाया।
कीर्तन करने पहुंचीं मुरार क्षेत्र की नेहा सराफ, पूजा अग्रवाल, स्नेहा गोयल, रश्मि चतुर्वेदी, तारा छारिय, साक्षी गोयल, सरोज परिहार सहित अन्य महिलाओं ने बताया कि उन्होंने प्रत्येक एकादशी पर गोशाला में कम से कम दो घंटे सेवा करने और भजन-कीर्तन करने का प्रयास शुरू किया है। इस प्रयास के परिणाम भी दिख रहे हैं और अब अन्य महिलाएं भी जुड़ रही हैं।
नेहा सराफ ने बताया कि हमारी कोशिश है कि घर-परिवार के सामान्य और महत्वपूर्ण कामों से निपटकर गोशाला आने का प्रयास शुरू किया है। हमारा प्रयास है कि गाय की सेवा के प्रति सभी की भावना बने। गोशाला में पहुंचकर मानसिक शांति तो मिलती ही है, साथ ही अनावश्यक बातों की बजाय धर्म और सद्भावना की बातों में ही मन लगता है। एकादशी पर पहुंची महिलाओं को संत ऋषभदेवानंद ने गोसेवा का महत्व बताया। इसके साथ ही यह भी कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता है कि बेसहारा, निराश्रित गायों के प्रति सेवा की भावना सभी में विकसित हो।