-मध्यप्रदेश-गुजरात बॉर्डर पर हो रही चेकिंग में बस में रखी मिली नगदी और चांदी
भोपाल। मध्यप्रदेश-गुजरात के बॉर्डर चेकपोस्ट पर चेकिंग कर रही टीम उस समय हैरान रह गई जब पिटोल चेकपोस्ट पर निजी यात्री बस से 1 करोड़ 28 लाख रुपए नगद और 22 किलो चांदी मिली। लोकसभा चुनाव के दौरान लगातार चेकिंग कर रहीं पुलिस टीम को यह सफलता मिली है। पूरी रकम और चांदी इंदौर से राजकोट जा रही राहुल टे्रवल्स की बस में रखी मिली है। खास बात यह है कि रात दो बजे हुई पुलिस की कार्रवाई में मिली पूरी रकम और चांदी के बारे में बस के ड्राइवर ने भी अनभिज्ञता प्रकट की है, अर्थात ड्राइवर को भी नहीं पता था।
बोरियों में भरी थीं 5-5 सौ के नोट की गड्डियां
दरअसल, सीमांत चेकपोस्ट पर होने वाले अवैध परिवहन आदि की निगरानी के लिए निर्वाचन विभाग ने एफएसटी, एसएसटी आदि टीमों को जिम्मेदारी दी है। शुक्रवार-शनिवार की रात पिटोल चेकपोस्ट पर तैनात टीम झाबुआ पुलिस के साथ मिलकर चेकिंग कर रही थी। इंदौर से राजकोट जा रही बस जब चेकपोस्ट पर पहुंची तो उसकी भी तलाशी ली गई। चेकिंग के दौरान बस में रखीं बोरियों को खंगाला गया तो उनमें नोटों की गड्डियां रखी दिखीं। पुलिस और एफएसटी के अधिकारी इतनी रकम देखकर भौंचक रह गए। इसके बाद जब और तलाशी ली गई तो एक थैले में चांदी की सिल्लियां भी रखीं मिलीं। पुलिस ने पूरी रकम और चांदी के बारे में यात्रियों से पूछा तो कोई कुछ नहीं बता सका। इस संबंध में जब ड्राइवर से पूछताछ की गई तो उसने भी कोई जानकारी होने से मना कर दिया।
यह बोले ड्राइवर और कंडक्टर
रकम को लेकर पुलिस ने बस के चालक विनोद हिरवे और योगेश डडोरे से पूछताछ की। यात्रियों से भी रकम के बारे में पूछा।सभी यात्री बोरियों में भरी रकम को देखकर अचंभित थे। ड्राइवर और कंडक्टर ने पुलिस को बताया कि रुपए और चांदी किसने रखी है, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है। क्योंकि जब किसी का पार्सल रखा जाता है तो उसकी जानकारी नहीं दी जाती। जब बस पहुंचती है तो डिलेवरी लेने जो आता है, उसको दे दिया जाता है। पुलिस ने पूरी रकम और चांदी झाबुआ जिला कोषालय में रखवा दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच शुरू हो चुकी है, अगर किसी की दावेदारी होगी तो वह सभी वैध दस्तावेजों के साथ सामने आ जाएगा।
रात में ही गिनी गई रकम
बोरियों में भरे रुपए और चांदी को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस और एफएसटी दल ने रात में तोल कांटे को मंगवाया। इसके साथ ही एक टीम को रुपए गिनने में लगाया। पूरी टीम को रकम गिनने में आधा घंटे से ज्यादा का समय लगा।