कोयले से भरी मालगाड़ी में लगी आग, डबरा रेलवे स्टेशन पर रोककर बुझाई

-तीन बैगन में में सुलग उठी थी आग, अनंतपैठ रेलवे स्टेशन पर किया गया बोगी को अलग


डबरा। झांसी से दिल्ली की ओर जा रही कोयले से भरी मालगाड़ी में अचानक आग सुलग उठी। ट्रेन को डबरा से पहले कोटरा स्टेशन पर रोका गया लेकिन वहां आग बुझाने के सही इंतजाम न होने की वजह से अनंतपैठ स्टेशन पर खड़ा किया गया। इसके बाद डबरा से फायर ब्रिगेड पहुंची और बोगी में सुलग रहे कोयले को बुझाया। इससे पहले ट्रेन की बोगियों को इंजन से अलग कर दिया गया था।

दरअसल, कोयला से भरा रैक दिल्ली जा रहा था। झांसी से ट्रैन के रवाना होने के बाद दतिया के आसपास कोयला सुलग उठा। इसकी सूचना किसी ने रेलवे अधिकारियों को दी। रेलवे ने दतिया स्टेशन पर सूचना दी। ट्रैन वहां से निकल चुकी थी तो डबरा स्टेशन को सूचना दी गई। डबरा स्टेशन से कोटरा रेलवे स्टेशन पर तैनात स्टाफ को सूचना दी। कोटरा में ट्रेन को रोका गया लेकिन वहां आग बुझाने के इंतजाम नहीं थे, इसलिए वहां से डबरा की ओर रवाना कर दिया गया। डबरा से ट्रैन को अनंतपैठ स्टेशन पर ले जाकर रोका गया, वहां सबसे पहले बोगियों से इंजन को अलग किया गया। इस दौरान डबरा से नगर पालिका की फायर ब्रिगेड पहुंच गई और आग पर काबू पाया।

दो बार पहुंची फायरब्रिगेड

अनंपपैठ स्टेशन पर पहुंची टे्रन में लगी आग पर काबू पा लिया गया था। इसके बाद किसी ने दोबारा से अन्य तीन बोगियों में आग लगने की सूचना किसी ने दोबारा से दे दी। यह सूचना मिलने के बाद रेलवे अधिाकारियों ने फिर से फायरब्रिगेड भेजी। कोयले में लगी आग को बुझाने में आठ गाड़ी पानी लगा। बता दें कि ट्रेन की बोगी में आग लगने पर 9 अप्रेल को शाम लगभग 5 बजे अनंतपैठ स्टेशन पर लाया गया था। अनंतपैठ स्टेशन पर 24 घंटे से अधिक समय तक आग बुझाने के प्रयास जारी रहे। 11 अप्रेल की रात 1.30 बजे ट्रेन दिल्ली की ओर रवाना की गई।

यह मिली थी सूचना

पहले एक बोगी में आग लगने की सूचना मिली थी। इसके बाद आग से प्रभावित बोगी के पास ही दूसरी बोगी में आग लगने की सूचना मिली। लगभग 8 घंटे बाद पीछे से दो बागियों में आग लगने की सूचना मिली। पूरे घटनाक्रम में रेलवे अधिकारी चकरघिन्नी बने रहे।

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