-हाथ में नीले झंडे लेकर चल समारोह में निकले युवाओं में दिखाई दिया उत्साह
भिंड। डॉ.भीमराव अंबेडकर की 134वीं जन्य जयंती भिण्ड जिले में काफी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई गई है। चल समारोह में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए और उनके द्वारा बाबा साहब अमर रहें के नारे लगाए जा रहे थे। समारोह का कई जगह स्वागत भी किया गया है। समारोह के समापन अवसर पर बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया गया तथा उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा लेने की बात कही गई है।
14 अप्रेल रविवार के दिन डॉ.भीमराव अंबेडकर(बाबा साहब) का जन्मदिन मनाया जाता है। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी जयंती को मनाने के लिए पूर्व में ही सारी तैयारियां कर ली गई थीं। इस अवसर पर शहर और नगर कांग्रेस भिण्ड द्वारा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 133 वीं जयंती के अवसर पर भीम नगर वार्ड 4 स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की गई। उक्त कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने भारत के संविधान का निर्माण कर देश की आजादी के बाद विकास में अहम योगदान दिया है।
जयंती के अवसर पर शपथ लेते हैं कि उनके बताए हुए मार्ग पर चलेंगे। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने सभी समाजों को जोडऩे का काम किया स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री, वकील, राजनीतिज्ञ और अकादमिक रहे। उन्होंने बाद में बौद्ध धर्म अपनाया और कई अन्य निचली जातियों के लोगों को बौद्ध धर्म के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भारत में निम्न जाति समुदायों के लिए आरक्षण कानून लाया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से शहर जिला अध्यक्ष डॉ राधेश्याम शर्मा, नगर अध्यक्ष संतोष त्रिपाठी, शहर अध्यक्ष प्रदीप जैन गुड्डा, पान सिंह सुमन, रेखा भदौरिया, संदीप मिश्रा सहित कई कांग्रेस जन शामिल हुए।
बाजार में निकला चल समारोह
एक चल समारोह की शुरुआत भीम नगर से की गई जो कि आर्य नगर, गौरी किनारा, माधौगंज हाट होता हुआ निकाला गया है। वहीं एक अन्य चल समारोह लहार रोड स्थित कलेक्ट्रेट से होकर जेल रोड, किला गेट, हनुमान बजरिया, गोल मार्केट, सदर बाजार होते हुए सब्जी मंडी स्थित अंबेडकर प्रतिमा के पास पहुंचे। फिर वहां पर प्रतिमा को माल्यापर्ण किया गया। इस अवसर पर चल समारोह में बड़ी संख्या में पुरुषों के साथ ही महिलाऐं भी शामिल हुई हैं। चल समारोह में डीजे की धुन पर युवक थिरकते हुए दिखाई दे रहे थे। युवाओं के द्वारा गले में नीले रंग का दुपट्टा तथा हाथ में नीला झंडा लिया गया था।