लोकसभा निर्वाचन-2024
-मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ का कलेक्टर रुचिका चौहान ने लिया जायजा
ग्वालियर। लोकसभा आम निर्वाचन के दौरान जिले में केबल चैनलों एवं एफएम रेडियो से प्रसारित कार्यक्रमों पर 24 घण्टे नजर रखी जा रही है। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के तहत संभागीय जनसंपर्क कार्यालय परिसर में मीडिया अनुवीक्षण कक्ष स्थापित किया गया है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने रविवार को मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ का जायजा लिया। प्रकोष्ठ में कार्यरत सभी अधिकारी व कर्मचारियों को सतर्कता से काम करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उप संचालक जनसंपर्क एवं सचिव एमसीएमसी मधु सोलापुरकर और जनसंपर्क अधिकारी हितेन्द्र सिंह भदौरिया ने मीडिया अनुवीक्षण कक्ष की प्रक्रिया की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पेड न्यूज पर नजर रखने के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में मीडिया अनुवीक्षण एवं प्रमाणन समिति (एमसीएमसी) गठित की गई है। आयोग ने “पेड न्यूज” पर बारीकी से ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। एमसीएमसी ही पेड न्यूज के संबंध में निर्णय लेगी। एमसीएमसी द्वारा ही मीडिया सैल (मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ) के जरिए 24 घंटे इलेक्ट्रोनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया द्वारा प्रसारित होने वाली खबरों की गहन छानबीन की जा रही है। पेड न्यूज साबित होने पर संबंधित प्रत्याशी के निर्वाचन व्यय में पेड न्यूज प्रकाशन पर हुआ खर्च जोड़ा जाएगा।

दो भागों में संचालित है मीडिया सैल
मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ दो भागों में संचालित हो रहा है। एक भाग में केवल चैनलो व एफएम रेडियो चैनल से प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को रिकॉर्ड करने के लिये टीवी ट्यूनर युक्त कम्प्यूटर लगाए गए हैं। इन कम्प्यूटरों पर तीन पालियों में पृथक-पृथक अधिकारी व कर्मचारी 24 घंटे तैनात किए गए हैं। केबल चैनलों व एफएम रेडियो चैनल से प्रसारित हो रहे कार्यक्रम चुनावी प्रचार से संबंधित होने पर एक बटन दबाते ही रिकॉर्ड हो जाएंगे। इस प्रकार रिकॉर्ड किए गए कार्यक्रमों का एमसीएमसी कमेटी द्वारा परीक्षण किया जाएगा। इसकी सॉफ्ट कॉपी व्यय लेखा अधिकारी को भेजी जाएगी।
मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ के दूसरे भाग में प्रिंट मीडिया अर्थात अखबारों में प्रकाशित होने वाली चुनाव से संबंधित पेड न्यूज सहित अन्य चुनावी खबरों व विज्ञापनों पर नजर रखी जा रही है। इसके लिए दो पालियों में अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सुबह की पाली में दैनिक अखबारों एवं द्वितीय पाली में सांध्यकालीन अखबारों पर नजर रखकर चुनावी पेड न्यूज व विज्ञापनों की विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रवार कतरनें इक_ी की जा रही हैं। एमसीएमसी कमेटी द्वारा खबरों की जांच की जाएगा और जो खबर पेड न्यूज साबित होगी उसका खर्चा संबंधित प्रत्याशी के चुनावी व्यय में जोडऩे के लिये व्यय अधिकारी को लिखा जाएगा।