-रेत माफिया की कारगुजारी से जलचरों का जीवन खतरे में
दतिया। ग्वालियर और दतिया जिले के सैकड़ों गांवों के भूजल स्तर को स्थिर रखने की क्षमता रखने वाली सिंध नदी का सीना छलनी कर हर दिन अवैध रेत निकाली जा रही है। रेत माफिया ने नदी में तमाम गड्ढे बना दिए हैं। तिलेंथा गांव के नजदीक नदी के घाट से सबसे ज्यादा रेत निकाला जा रहा है। गांव के नजदीक ही रेत के डंप किए गए हैं। अवैध रेत उत्खनन की जानकारी अधिकारियों को भी है, लेकिन उल्लेखनीय कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। खास बात यह है कि सिंध नदी के तल से रेत निकालने के लिए मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। तिलेंथा रेत खदान गोराघाट थाना क्षेत्र में है जबकि प्रशासनिक स्तर पर यह क्षेत्र सेंवड़ा ब्लॉक में है।
प्रतिदिन निकल रहे 50 डंपर और ट्रॉली
तिलेथा रेत खदान से दिन-रात मशीनों से रेत निकाला जा रहा है। यहां से 50 डंपर और ट्रैक्टर-ट्रॉली निकल रहे हैं। रेत से भरे ये ओवर लोड वाहन अलग-अलग थानों की सीमा से निकल रहे हैं। दिन दहाड़े चल रहे इस गोरखधंधे को लेकर प्रशासनिक चुप्पी अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़ा कर रही है।
वन क्षेत्र में हो रहा अवैध उत्खनन
सिंध नदी के जिस स्थान से अवैध रेत निकाला जा रहा है, उसका अधिकतर हिस्सा वन क्षेत्र में आता है। वन विभाग की भूमि से निकल रहे रेत को लेकर विभागीय अधिकारियों ने भी अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय स्तर पर जिन वन पालों पर निगरानी की जिम्मेदारी है, उनकी अनदेखी से मिलीभगत की संभावना भी है।
हथियार लेकर घूमते रहते हैं माफिया के कारिंदे
लोकसभा चुनाव के दौरान किसी भी तरह के आग्नेय अस्त्र पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। हथियारों को लेकर जारी सरकारी आदेश को रेत माफिया के कारिंदे नहीं मानते। तिलेंथा रेत खदान क्षेत्र में हथियार बंद लोग लगातार देखे जा रहे हैं। इससे आसपास के लोगों में भय का माहौल है।
Written By: Ghanshyam Baba