भिण्ड: पालकों ने की शिकायत तो किताब की दुकान बंद कराने पहुुंचे डीएम, बालवाड़ी पुस्तक भण्डार किया सील्ड

– मंहगे दाम पर मिल रही थी चुनिंदा स्कूलों की किताबें, जांच के दायरे में स्कूल

भिण्ड। प्रायवेट स्कूलों द्वारा बच्चों की किताबों के नाम पर की जा रही लूट को लेकर बीते दिनों कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से कुछ पालकों ने मुलाकात कर मंहगे दाम पर किताबों का सेट दिए जाने की शिकायत की थी। जिसको लेकर शुक्रवार को कलेक्टर ने शहर के अग्रसेन चौराहा के पास संचालित बालवाड़ी पुस्तक भण्डार पर छापा मारा। इस दौरान जांच में उक्त दुकान पर एनसीईआरटी एससीईआरटी की प्रकाशित किताबें न बेचते हुए निजी प्रकाशकों की पुस्तकें मंहगे दाम पर बेचे जाने की बात सामने आई। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने उक्त दुकान को सील्ड करते हुए मामले की जांच शुरु कर दी है।


जिला मुख्यालय पर संचालित प्रायवेट स्कूलों द्वारा बड़े पैमाने पर बच्चों के पालकों के साथ किताब, स्कूल ड्रेस सहित अन्य चीजों के नाम पर खुलेआम लूट की जा रही है। जिसमें उन्हें निश्चित दुकान से किताब लेने के लिए कहा जाता है।ऐसे में यदि पालक अन्य दुकान से अपने बच्चे की कक्षा के अनुसार शासन द्वारा निर्धारित सिलेबस के तहत किताबें खरीद लेता है तो स्कूल प्रबंधन उसे लौटा देते हैं। बीते दिनों इसी समस्या को लेकर प्रदेश के सीएम द्वारा प्रदेश भर कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र जारी करते हुए इस प्रकार की अव्यवस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद से जिला प्रशासन लगातार इस प्रकार की कार्रवाई को लेकर तैयारी के मूड में था।

जिला शिक्षा अधिकारी आरडी मित्तल ने बताया कि बीते दिनों कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से कुछ पालकों ने मुलाकात कर मंहगे दाम पर किताबों का सेट दिए जाने की शिकायत की थी। इस पर कलेक्टर ने शुक्रवार को शहर की नामचीन बालवाड़ी पुस्तक भण्डार पर छापा मारा। इस दौरान उन्होन मौके पर ही जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य विभागीय टीम के सदस्यों को बुला लिया। इस मामले में कार्रवाई करते हुए टीम नेदुकान की जांच के बाद उसमें मिली खामियों के चलते दुकान को सील्ड करने की कार्रवाई को अंजाम दिया। हालांकि दुकान सील्ड करने के बाद भी इस कार्रवाई में ढील दी गई। सील्ड दुकान के पिछले हिस्से में रास्ता होने के बावजूद भी उस दरवाजे को बंद नही किया गया। ऐसे में दुकानदार द्वारा उक्त दुकान से सामान निकालने जाने की संभावना बनी हुई है।

दुकान में मिली निजी प्रकाशन की किताबें:

बालवाड़ी पुस्तक भण्डार पर कार्रवाई के दौरान जब डीईओ श्री मित्तल ने बिकने वाली किताबों का निरीक्षण किया तो यहां शासन के नियमों का सीधे तौर पर उल्लंघन किया जाना पाया गया। जांच में सामने आया कि उक्त दुकान संचालक द्वारा एनसीईआरटी, एससीईआरटी द्वारा प्रकाशित की जाने वाली विभिन्न कक्षाओं की किताबें नही बेची जा रही हैं। इसके स्थान पर बालवाड़ी पुस्तक भण्डार पर प्रायवेट प्रकाशकों की किताबों का सेट बेहद ही ऊंचे दाम वसूल कर बेची जा रही है।

स्कूलों को मिलता है मोटा कमीशन:

गौरतलब है कि पढ़ाई के नाम पर प्रायवेट स्कूलों द्वारा पालकों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के नाम पर खुलेआम लूट खसोट की जाती है।जिसमें स्कूल प्रबंधन विद्यार्थी को प्रवेश देने के साथ ही उनके यहां चलने वाली किताबों का सेट ही लेने का दबाब बनाते हैं। इसके साथ ही यह किताबों का सेट एक निश्चत दुकान पर ही मिलता है। इसमें स्कूल प्रबंधन और पुस्तक विके्रता के बीच अनुबंध होकर किताब मंहगे दाम पर बेचे जाने की बात तय होती है। जिसमें किताबों के बिकने से प्राप्त होने वाली रकम से स्कूल प्रबंधन को मोटा कमीशन दिया जाता है।


इनका कहना:
शहर में संचालित बालवाड़ी पुस्तक भण्डार पर जांच में एनसीईआरटी, एससीईआरटी की किताब न बेचे जाने की बात सामने आई। प्रायवेट प्रकाशकों की किताबों का सेट मंहगे दाम पर बेचा जा रहा था। इसलिए दुकान को सील्ड कर जांच की जा रही है। जिसमें कुछ स्कूलों की मिली भगत की बात भी सामने आई है। इसको लेकर गहनता से जांच की जाएगी।
आरडी मित्तल, जिला शिक्षा अधिकारी

 

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