-एनसीईआरटी की जगह दुकान में मिला था प्रायवेट पब्लिसर्स की किताबों का स्टॉक
-डीईओ बोले कलेक्टर ने दिए दुकान खोलने के निर्देश, स्कूलों के बाहर होगी दुकानों की सूची
भिण्ड। शहर की नामचीन बालबाड़ी पुस्तक भण्डार पर छापा डालने पर दुकान में प्रायवेट पब्लिसर्स की किताबों का बड़ा स्टॉक मिलने और दुकान संचालक द्वारा यह किताबें स्कूल संचालकों के कहने पर ही बेचने की बात सामने आने पर डीईओ ने दुकान को सील किया था। लेकिन कार्रवाई के बाद 24 घण्टों में ही उक्त दुकान दोबारा खुल गई। वरिष्ठ अधिकारियों की कार्रवाई के बाद अनियमितता सामने आने के बाद भी दुकान का कुछ समय में ही खुलना, प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल खड़ कर रहा है। इस मामले में डीईओ ने कहा है कि बुक सेलर और प्रायवेट स्कूलों को कलेक्टर द्वारा निर्देश दिए जाने के बाद सील दुकान खोली है।
उल्लेखनीय है कि प्रायवेट स्कूलों द्वारा बच्चों के पालकों से निजी प्रकाशकों की किताबों के नाम पर की जा रही लूट रोकने के लिए प्रशासन लाख दावे करे, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। बीते दिनों प्रदेश के मुखिया द्वारा भी इस लूटपाट को रोकने के लिए प्रदेश भर में कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए कार्रवाई कर इसे रोकने के निर्देश दिए गए थे। शहर में निजी स्कूलों द्वारा की जा रही इस लूट खसोट को लेकर कुछ लोगों द्वारा शिकायत किए जाने पर जिला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव शुक्रवार को अग्रसेन चौराहा के पास संचालित बालबाड़ी पुस्तक भण्डार पर छापा डालने पहुंचे। यहां प्रायवेट पब्लिसर्स की किताबों के सैट मिले थे। दुकान संचालक अमित जैन ने जिला शिक्षा अधिकारी आरडी मित्तल से कार्रवाई के दौरान कहा था कि प्रायवेट पब्लिसर्स की किताबों का सेट वह स्कूल संचालकों के कहने पर ही बेचता है। दुकान में बड़ी तादाद में निजी प्रकाशकों की किताबों का स्टॉक मिलने पर डीईओ ने उक्त दुकान को सील करते हुए जांच शुरु की थी। शील्ड की गई बालबाड़ी पुस्तक भण्डार का शटर शनिवार को पुन: खुल गया।
दुकान में नही था एनसीईआरटी बुक स्टॉक:
ज्ञात हो कि शासन स्तर पर निर्धारित है कि स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें ही पढा़ई जाऐं। कक्षा 1 से लेकर 4 तक की यह किताबें निर्धारित दामों पर बेच उपलब्ध होती हैं। लेकिन बालबाड़ी पुस्तक भण्डार पर मिली निजी प्रकाशकों की किताब का सेट 8 से दस गुना अधिक कीमत पर बेची जा रही हैं। प्रायवेट स्कूलों द्वारा पालकों पर इन मंहगी किताबों को खरीदने का दबाब बनाया जाता है। जिसके चलते उन्हें मोटी रकम चुका कर बच्चों के लिए किताबों का सेट खरीदना पड़ता है जो उनकी जेब पर भारी पड़ता है। कई बार पालकों द्वारा प्रायवेट पब्लिसर्स की किताबों की जगह एनसीईआरटी की बुक खरीदने पर स्कूल प्रबंधन उन्हें पढ़ाने से मना कर दिया जाता है, जिसको लेकर शिकायतें आने पर भी कार्रवाई नही होती है।
डीएम से मिले किताब विके्रता:
शुक्रवार को कलेक्टर के निर्देश पर नामचीन दुकान शील्ड किए जाने के बाद बाजार में किताब विके्रताओं में हड़कंप मच गया। जिसके बाद शनिवार को किताब विके्रता यूनियन का एक प्रतिनिधि मण्डल कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से मिलने पहुंचा। यहां उन्होने कलेक्टर से चर्चा करते हुए कहा कि वह सभी प्रायवेट पब्लिसर्स की बुक के साथ एनसीईआरटी की किताबों का सेट भी अपनी दुकान से बेचेंगे। इसमें किसी एक स्कूल से निर्धारित किताब तीन से अधिक दुकानों पर मिलेगी। बुक यूनियन के सदस्यों द्वारा यह भरोसा दिलाए जाने के बाद कलेक्टर ने शील्ड दुकान को खोलने के आदेश दिए।
कार्रवाई के नाम पर हुई लीपापोती:
उल्लेखनीय है कि पालकों के साथ स्कूल व बुक सेलर द्वारा खुलेआम हो रही इस लूटपाट को रोकने के लिए शासन द्वारा नियम तो कई बनाए गए हैं लेकिन इन नियमों का पालन कढ़ाई से नही किया जा रहा है। बालबाड़ी पुस्तक भण्डार पर कार्रवाई के साथ ही एक दर्जन से ज्यादा स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबों का सेट इसी दुकान से मिलने की बात सामने आई थी। ऐसे में उन स्कूलों के खिलाफ भी जांच और कार्रवाई होनी चाहिए थी। लेकिन इसके विपरीत प्रशासन द्वारा जांच के नाम पर लीपापोती कर दी गई। जिसमें प्रायवेट स्कूल संचालकों से अपने संस्थान के बाहर किताब किन दुकानों पर मिलेगी इसी जानकारी सार्वजनिक करने की हिदायत दी।
एबीवीपी ने जताया विरोध:
किताब विके्रताओं द्वारा मंहगे दाम पर बेची जा रही किताबों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विरोध जताया है। इसके तहत शनिवार को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने पुस्तक बाजार में दुकानों के बाहर बुक लेने आए पालकों से मिलकर हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस बीच परिषद के सदस्यों ने कहा कि शील्ड की गई बालबाड़ी पुस्तक भण्डार दूसरे दिन ही खुलने को लेकर वह कलेक्टर से चर्चा कर इस मामले की गहनता से जांच की मांग करेंगे।
इनका कहना:
किताब विके्रता प्रायवेट बुक के साथ शासन द्वारा निर्धारित किताबों का सेट भी स्टॉक में रखेंगे। इसको लेकर कलेक्टर द्वारा सख्त निर्देश दिए हैं। अब प्रायवेट स्कूल के बाहर उन्हें किताब किन दुकानों पर मिलेंगी इसकी सूचना भी सार्वजनिक करनी होगी। इसी आधार पर शील्ड दुकान खोलने के आदेश दिए गए।
आरडी मित्तल, जिला शिक्षा अधिकारी