-बाल विवाह रोकने को लेकर हुई बैठक में अधिकारियों ने दी जानकारी
-रोकथाम के लिए कलेक्टर ने ली थी अधिकारियों की बैठक
ग्वालियर। एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार बाल विवाह में 12 प्रतिशत तक की कमी आई है। जिले में बाल विवाह के आंकड़ों में लगातार कमी आई है। यह जानकारी महिला बाल विकास के डीपीओ डीएस जादौन ने कलेक्टर रुचिका चौहान सहित अन्य अधिकारियों को दी।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह की रोकथाम को लेकर रविवार को कलेक्टर ने बैठक ली। बैठक में सीईओ जिला पंचायत विवेक कुमार, एडीएम अंजू अरूण कुमार, सभी एसडीएम, जनपद पंचायत सीईओ और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा है कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है। इसकी रोकथाम के लिए कानूनी प्रावधानों के साथ-साथ समाज में जागृति लाने की नितांत आवश्यकता है। बाल विवाह करने पर न केवल अभिभावक बल्कि मैरिज गार्डन, पंडित-मौलवी, अभिभावक, रिश्तेदार, पड़ौसी, बैंडवाले, टैंटवाले तथा कैटर्स भी अपराध की श्रेणी में आते हैं। इन पर भी कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि बाल विवाह को रोकने के लिए जिला, तहसील एवं विकासखंड स्तर पर जो बाल विवाह निषेध अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, वे अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से निभाएं।