भिण्ड: बाकुड़ी और नकाल जैसे देशी और बेहतरीन दांव पेंच अपनाते हुए पहलवानों ने किया  प्रतिद्वंदी को चित

– ऐतिहासिक दंगल प्रतियोगिता में सामने आई नपा की बदइंतजामी
– आयोजन समिति के सामने पहलवानों ने जताया विरोध


भिण्ड। व्यापार मेले में आयोजित होने वाली ऐतिहासिक दंगल प्रतियोगिता इस बार नगर पालिका की बद इंतजामी और अव्यवस्थाओं की भेंट चढ गई। दंगल में कुश्ती के विजेता पहलवानों को जीतने पर मिलने वाली राशि नही देने की बात सामने आई। इसको लेकर आयोजन समिति और पहलवानों के बीच गर्मागरम बहस तक हो गई। इस पर पहलवानों ने विरोध करते हुए नपा प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। दंगल प्रतियोगिता के पहले दिन की कुश्ती मे हमीरपुर के हुकुम सिंह और आगरा के राजा के बीच कांटे की टक्कर हुई। जिसमें दोनों पहलवानों ने बाकुड़ी और नकाल जैसे देशी और बेहतरीन दांव पेंच अपनाते हुए अपने प्रतिद्वंदी को मैदान में चित करने की लगातार कोशिश की गई। कुश्ती की शुरुआत 31 सौ रुपए की बोली से की गई थी। जिस पर दंगल के दौरान अन्य उपस्थित खेलप्रेमियों द्वारा 5 सौ रुपए अतिरिक्त ईनाम के तौर पर देने की घोषणा की गई।

 

लगभग 19 मिनट चली इस कुश्ती में दोनों पहलवान एक दूसरे पर भारी पड़ते दिखे, जिस पर आयोजन समिति ने दोनों को बराबर विजेता घोषित किया। इसके बाद दोनों पहलवान आयोजन समिति के पास अपनी जीत की रकम लेने पहुंचे तो यहां मंच का संचालन कर रहे पूर्व पार्षद वीरेन्द्र शिवहरे उर्फ लंगूरे ने 2600 रुपए थमा दिए। इस पर पहलवान ने जीती गई कुल रकम 36 सौ देने की बात कही तो वीरेन्द्र शिवहरे ने इतनी ही रकम होने की बात कहते हुए मामला टालने की कोशिश की, लेकिन पहलवानों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जब पैसे नही थे तो हमें बुला कर कुश्ती क्यों कराते हो। मामला बिगड़ता देख आयोजन में मौजूद गणमान्य नागरिकों के कहने पर दोनों पहलवानों को 15-15 सौ रुपए बतौर ईनाम के दिए गए।

अखाड़े में दांव आजमाने आए चार भाई:


मेले में आयोजित दंगल प्रतियोगिता में  एक ही परिवार के चार सगे भाई आयोजन स्थल पर दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र रहे। इनके कोच देवेन्द्र ने बताया कि आगरा निवासी मांदाती गुर्जर के चार बेटे पहलवानी का शौख रखते हैं। जिसमें बड़ा बेटा सूरज आर्मी में और उससे छोटा बेटा पारस गुर्जर बीएसएफ में पदस्थ हैं तो 10वीं और 9वीं के छात्र दो छोटे बेटे भी पढ़ाई के साथ अखाड़े में दांव लगाते हैं। रविवार को आयोजित कुश्ती में सूरज गुर्जर का मुकाबला कानपुर के सलिल पहलवान से हुआ। 51 सौ रुपए की इस कुश्ती में दोनों ही पहलवान एक दूसरे को धूल चटाने का प्रयास करते रहे, लेकिन मुकाबला बराबरी पर छूटा। इसी प्रकार पारस गुर्जर और ग्वालियर के कुलदीप पहलवान के बीच हुई 41 सौ कुश्ती में पारस ने अपने प्रतिद्वंदी को पछाड़ते हुए मैच जीता। इसके साथ ही अंकुश गुर्जर ने दिल्ली के सुरजीत सिंह से हाथ मिलाया और दोनों का मुकाबला बराबरी पर रहा तो सबसे छोटे भाई सुमित का मुकाबला मुरैना के प्रदीप पहलवान से हुआ, जिसमें दोनों बराबरी पर रहे।


बराबरी पर रही जिला केसरी कुश्ती:

सोमवार को आयोजित कुश्ती प्रतियोगिता में फाइनल मुकाबला जिला केसरी के लिए खेला गया जिसमें पहलवान जयदीप शेरपुर और महिलाओं के सुकंड अंतर्गत रहने वाले बल्लू के बीच कुश्ती हुई। 11000 की इस जिला केसरी कुश्ती में दोनों पहलवानों ने एक दूसरे को पटकनी देने की कोशिश की लेकिन 7 मिनट चली इस प्रतियोगिता में दोनों ही पहलवान बराबरी पर रहे जिसके चलते आयोजन समिति द्वारा दोनों पहलवानों को 11000 के पुरस्कार को आधा-आधा वितरित किया गया।

 

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