आदर्श गोशाला में साकार हो रहा प्रधानमंत्री मोदी का स्वच्छ भारत का सपना

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्रानंद सरस्वती ने किया आदर्श गोशाला का भ्रमण

ग्वालियर। वैसे तो देशभर की गोशालाओं में जाने का सौभाग्य मिला है, ग्वालियर स्थित नगर निगम की गोशाला को कृष्णायन गोशाला के संतों द्वारा चलाया जा रहा है। साामान्यत: संतों के बारे में यह धारणा है कि वे परंपरावादी, पुरातन होते हैं, लेकिन इस गोशाला में आकर देखो तो समझ आएगा कि कितने वैज्ञानिक तरीके से 9 हजार गायों का पाालन पोषण हो रहा है। बीमार गायों का बाड़ा अलग है, बछड़ों का बाड़ा अलग है, नंदी अलग बाड़े में हैं। इनकी देखभाल आदि कार्य सब बहुत कुशलता के साथ हो रहे हैं। इसके अलावा दो अन्य महत्वपूर्ण संदेश भी इस गोशाला से मिलते हैं। नरेन्द्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तब उनकी सोच में स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण थी। इस गोशाला में जो स्वच्छता है, उतनी तो कहीं भी देखने को नहीं मिली।

पहला संदेश तो यह है कि स्वच्छता बेहद जरूरी है, दूसरा संदेश पर्यावरण संरक्षण को लेकर है, गोशाला में भ्रमण करने पर यह भी देखा कि यहां जापान की प्रसिद्ध मियाबाकी तकनीक से सघन वृक्षारोपण किया गया है। इस तरह के वृक्षारोपण से न सिर्फ कम जगह में भी ज्यादा पेड़ लगाए जा सकते हैं, बल्कि हरियाली विकसित करने का भी यह अच्छा माध्यम साबित होता है। यह बात अखिल भरतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्रानंद सरस्वती ने गोशाला भ्रमण के बाद कही।

दरअसल, अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव दंडी स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती काशी (वाराणसी) से ग्वालियर आए थे। यहां आकर उन्होंने रात्रि विश्राम किया और फिर सुबह गोशाला का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान उनके साथ कृष्णायन के संत अच्युतानंद, संत ऋषभदेवानंद और संत मधुकानंद भी मौजूद थे। गोशाला भ्रमण के दौरान संत जितेन्द्रानंद ने गोशाला की व्यवस्था और प्रबंधन में लगे गोसेवकों से भी बात की। सेवा कार्य कर रहे गोसेवकों ने अपने काम के तरीके उन्हें बताए। बाद में उन्होंने गोसेवकों से हुई चर्चा में कहा कि आदर्श गोशाला की तरह अगर देश की अन्य गोशालाएं भी हो जाएं तो गोमाता प्रसन्न रहेंगीं।

प्रबंधन समझाने का बन सकती है माध्यम

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव दंडी स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि गोशाला में बेहतर साफ-सफाई और उचित प्रबंधन काबिले तारीफ है। उन्होंने बताया कि अभी तक देश की तमाम गोशालाओं में वे भ्रमण कर चुके हैं, लेकिन इतने सिस्टमेटिक तरीके से काम होता कहीं नहीं मिला। स्वच्छता काो लेकर उन्होंने सबसे ज्यादा तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक इतनी स्वच्छ गोशाला नहीं देखी है। कृष्णायन गोरक्षा शाला के संतों के मागदर्शन में जिस तरह से आदर्श गोशाला में काम हो रहा है, उसको देखने और समझने के लिए लोगों को आना चाहिए। अगर कहीं किसी शहर में या गांव में भी गोशाला है तो वहां के प्रबंधकों को या गोसेवकों को आदर्श गोशाला में भ्रमण करके प्रबंधन के तरीके सीखने चाहिए।

One thought on “आदर्श गोशाला में साकार हो रहा प्रधानमंत्री मोदी का स्वच्छ भारत का सपना

  1. अच्छा गौसेवा का उदाहरण हे 🙏🏻🕉️

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