डबरा: बेटी एक घर की ही नहीं बल्कि दो घरों में दीपक बनकर उजाला करती है

डबरा। बेटी एक घर की ही नहीं बल्कि दो घरों में दीपक बनकर उजाला करती हैं। बेटियां ही परंपरागत संस्कारों से परिपूर्ण होती है, जो कि माता-पिता और पूरे परिवार का नाम रोशन करती है। जब बेटी दुल्हन बनकर दूसरे के घर में जाती है तो वही घर उसके लिए जीवन का ऐसा घर बन जाता है और उस परिवार का भी नाम रोशन करती है। यह बात गुरु कन्हरदास समाजसेवी समिति के द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में अध्यक्ष वृंदावन कुशवाह ने उपस्थित लोगों के बीच कही।

संस्था अध्यक्ष वृंदावन कुशवाह ने पिता का धर्म निभाते हुए बेटियों को आशीर्वाद दिया और उनके सुखद दांपत्य जीवन की मनोकामना की। समारोह में पहुंचे जैन महापंचायत के अध्यक्ष एवं अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के अनिल जैन और सामाजिक कार्यकर्ता मूलचंद द्विवेदी ने भी आशीर्वाद दिया। संस्था अध्यक्ष ने बताया लगभग 20 वर्षों से इस प्रकार के आयोजन कर रहे हैं। इसकी प्रेरणा मेरे पिता से मिली थी। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार रामगोपाल जोशी, भगवत सहाय शर्मा, घनश्याम बाबा, नागेश दुबे आदि शामिल थे।

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