OLYMPIC GAMES का हिस्सा थे WINTER SPORTS, बाद में होने लगा WINTER OLYMPIC

-बर्फ पर होने के कारण विंटर स्पोर्टस के लिए तय किया गया अलग समय

WINTER OLYMPIC GAMES

-शीतकालीन ओलंपिक खेल: एक अवलोकन

किश्त-5

बर्फ पर खेले जाने वाले इक्का-दुक्का खेलों को ही शुरुआत में ओलंपिक में शामिल किया गया था। बाद में इन्हें विधिवत ओलंपिक में जगह दी गई। इसके बाद विंटर स्पोर्टस का समय और व्यवस्थाएं अलग होने की वजह से शीतकालीन ओलंपिक (WINTER OLYMPIC) की शुरुआत हुई। शीतकालीन खेलों में भारत की उपस्थिति बेहद कमजोर है। खिलाडिय़ों ने अभी तक इन खेलों में स्वयं की मेहनत से ही हिस्सा लिया है। सरकार और खेल संघों ने शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने में लगातार उदासीनता अपनाई है। परिणाम है कि अभी तक भारत की ओर से बमुश्किल 10 खिलाड़ी ही शीतकालीन ओलंपिक का हिस्सा रहे हैं।

ओलंपिक आयोजन के प्रारंभिक वर्षों में विंटर स्पोर्टस को सम्मिलित नहीं किया गया था। हालांकि, बर्फ पर खेले जाने वाले विंटर स्पोट्र्स की लोकप्रियता एवं उनको ओलंपिक का हिस्सा बनाने की मुहिम के बाद अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने 1916 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में इन खेलों को शामिल करने पर सहमति दी। लेकिन प्रथम विश्व युद्ध के कारण वो आयोजन स्थगित हो गया था। शीतकालीन खेलों को ओलम्पिक कार्यक्रम से जोडऩे का पहला प्रयास जनरल विक्टर गुस्टाव बाल्क ने किया। जनरल बाल्क अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के चार्टर सदस्य एवं आधुनिक ओलम्पिक के जनक पियरे द कुबरतिन के मित्र भी थे। कई प्रयासों के बाद 1908 के लंदन ग्रीष्मकालीन खेलों में केवल फिगर स्केटिंग को ही शामिल किया गया। तीन साल बाद इतालवी यूजीनियो ब्रूनेटो ने 1912 के ग्रीष्म कालीन खेलों में एक सप्ताह के शीतकालीन खेलों के अतिरिक्त आयोजन का प्रस्ताव रखा जो मंजूर नहीं हुआ। 1920 के ग्रीष्मकालीन खेलों में फिगर स्केटिंग के साथ आइस हॉकी को भी शामिल किया गया। 1921 की आई.ओ.सी कांग्रेस में यह प्रस्ताव रखा गया कि 1924 के ग्रीष्म कालीन खेलों का आयोजक फ्रांस एक अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय शीतकालीन खेल सप्ताह की मेजबानी भी करेगा। शैमोनिक्स में हुए इस आयोजन में 16 देशों के 250 से भी अधिक खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया और इस सफलता के फलस्वरूप अगले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने अलग से शीतकालीन ओलम्पिक खेलों के आयोजन को मंजूरी दे दी।

1924 से 1936 तक इन खेलों का आयोजन हर चार साल बाद होता रहा। 1940 व 1944 में द्वितीय विश्व युद्ध के कारण गेम नहीं हुए। 1948 से दोबारा आयोजन होने लगा। 1992 तक ये खेल ग्रीष्मकालीन खेलों के वर्ष में ही आयोजित होते थे, लेकिन 1994 के लिलहेमर (नॉर्वे) के खेलों से इसका आयोजन दो ग्रीष्मकालीन खेलों के बीच के सम वर्ष में किया जाने लगा।

 

अमरीका ने सर्वाधिक चार बार मेजबानी का गौरव प्राप्त किया है, वहीं फ्रांस तीन बार तथा स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रिया, नॉर्वे, जापान, इटली व कनाडा दो-दो बार मेजबान रह चुके हैं। 2026 की मेजबानी मिलान व कॉर्टिना डेम्पेजो इटली को मिली है।

शुरूआती दौर में नॉर्वे का पदक तालिका में दबदबा रहा व उसने 1968 तक कुल छ: बार सर्वाधिक पदक जीते तथा एक बार दूसरे व दो बार तीसरे नम्बर पर रहा। बीच के वर्षों में सोवियत संघ ने बढ़त बनायी और 1956 से 64, तथा 1972 से 80 व 1988 में वे प्रथम स्थान पर रहे।
2002 में नार्वे, 2006 में जर्मनी तथा 2010 व 2014 में मेजबान देश कनाडा और रूस प्रथम स्थान पर रहेे। 2018 व 2022 में नॉर्वे ने फिर से पहला स्थान हासिल किया।
व्यक्तिगत सफलताओं में ओलम्पिक इतिहास के सर्वकालीन महान विजेताओं में से एक नॉर्वे की मेनिट बयोर्जन का नाम सबसे उपर है, उन्होंने 2002 से 2018 के मध्य 8 स्वर्ण के साथ कुल 15 पदक जीतने का रिकार्ड बनाया।
नार्वे के ही ओले आइनार बयोर्नडालेन 8 स्वर्ण के साथ कुल 13 पदक जीत सर्वाधिक पदकों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं। नीदरलैंड्स की इरीन वुस्ट ने 6 स्वर्ण के साथ कुल 13 पदक जीते हैं वहीं नार्वे के ही बयोर्न डाहिली ने 1992 से 1998 के मध्य 8 स्वर्ण के साथ कुल 12 पदक जीतने का रिकार्ड बनाया।

वर्ष 1960 तक भारत की हिस्सेदारी इन खेलों में नहीं हो सकी। 1964 में पहली बार सिर्फ एक एथलीट ने एल्पाइन स्कीइंग की स्पर्धा में भाग लिया। 1968 में भी एक ही एथलीट को जगह मिली। पोलिश मूल के भारतीय जर्मी जॉन बुजाकोवस्की इन खेलों में भाग लेने वाले पहले खिलाड़ी थे। फिर 20 वर्ष बाद 1988 में एक महिला सहित तीन सदस्यीय दल भेजा गया और 1992 में यह संख्या घट कर दो रह गयी। 1998 व 2002 में ल्यूज एथलीट शिव केशवन एकमात्र भारतीय प्रतिनिधि थे।
2006 के ट्यूरिन खेलों में अब तक के सबसे बड़े चार सदस्यीय दल ने हिस्सा लिया जिसमें एक महिला खिलाड़ी शामिल थीं। 2010 में तीन, 2014 व 2018 में दो-दो तथा 2022 में केवल एक खिलाड़ी ने ही देश का प्रतिनिधित्व किया। बता दें कि शिव केशवन ने छह बार देश का प्रतिनिधित्व किया है।
भारत में शीतकालीन खेल न तो ज्यादा लोकप्रिय हैं और न ही खेल मंत्रालय ही इनको प्राथमिकता पर लेता है। प्रायोजकों के अभाव और बिना किसी प्रकार के सहयोग के खिलाडिय़ों का खेल के प्रति लगाव एवं देश का प्रतिनिधित्व करने की भावना ही इन खिलाडिय़ों को यहां तक ले गई है। इन छोटी सफलताओं से मिल रहे प्रोत्साहन के बाद अब जागरूकता आ रही है और भविष्य में इन खेलों में भारत का और अधिक प्रतिनिधित्व होगा।

तक अब शीतकालीन खेल

खेल ———वर्ष——- मेजबान शहर ——–सम्मिलित राष्ट्र ———प्रतियोगी ———खेल————-स्पर्धाएं 

1 ———1924 ———शैमोनिक्स,फ्रांस ———16 ———258 ———247 ———11——— 6——— 16
2 ———1928 ———सेंट मॉरिज, स्विटजरलैंड ———25 ———464——— 438——— 26——— 4 ———14
3 ———1932 ———लेक प्लेसिड, यू.एस.ए.——— 17 ———252 ———231 ———21 ———4 ———14
4 ———1936 ———गारमिश पारटेनकिरचेन, जर्मनी——— 28——— 646——— 566 ———80——— 4 ———17
5——— 1948 ———सेंट मॉरिज, स्विटजरलैंड——— 28 ———669 ———592 ———77 ———4 ———22
6——— 1952 ———ऑस्ला, नॉर्वे ———30 ———694 ———585 ———109——— 4——— 22
7——— 1956——— कॉर्टिना डेम्पेज़ो, इटली ———32 ———821 ———687——— 134 ———4 ———24
8——— 1960 ———स्क्वॉ वेली, केलिफोर्निया, यू.एस.ए. ———30——— 665 ———521 ———144 ———4 ———27
9 ———1964 ———इन्सब्रूक, ऑस्ट्रिया ———36——— 1091 ———892 ———199——— 6——— 34
10 ———1968——— ग्रेनोबल, फ्रांस ———37 ———1158 ———947 ———211——— 6 ———35
11——— 1972 ———सपोरो, जापान ———35 ———1006 ———801 ———205——— 6 ———35
12 ———1976 ———इन्सब्रूक, ऑस्ट्रिया——— 37——— 1123 ———892——— 231——— 6 ———37
13 ———1980 ———लेक प्लेसिड, यू.एस.ए.——— 37———1072——— 840——— 232——— 6 ———38
14 ———1984——— सारायेवो, यूगोस्लाविया ———49 ———1272 ———998 ———274 ———6 ———39
15 ———1988——— केलीघेरी, एलबर्टा, कनाडा ———57——— 1423 ———1122——— 301——— 6 ———46
16 ———1992——— एलबर्ट विले, फ्रांस ———64——— 1801——— 1313 ———488——— 7 ———57
17 ———1994 ———लिलहेमर, नॉर्वे ———67 ———1737 ———1215 ———522 ———6——— 61
18——— 1998——— नगोना, जापान ———72——— 2176 ———1389——— 787 ———7 ———68
19 ———2002 ———साल्ट लेक सिटी, यूटाह, यू.एस.ए.——— 77 ———2399——— 1513 ———886 ———7 ———78
20——— 2006 ———ट्यूरिन, इटली ———80 ———2508 ———1548——— 960——— 7——— 84
21 ———2010 ———वेन्कुवर, ब्रिटिश कोलम्बिया, कनाडा ———82——— 2566 ———1522 ———1044 ———7——— 86
22 ———2014 ———सोची, रूस——— 88 ———2873 ———1714——— 1159——— 7——— 98
23 ———2018——— प्योंगचांग, दक्षिण कोरिया———92 ———2922——— 1680 ———1242 ———7 ———102
24——— 2022 ———बीजिंग, चीन ———91 ———2861 ———1573——— 1288 ———7 ———109
25 ———2026 ———मिलान व कॉर्टिना डेम्पेजो, इटली——— 8 ———116

लेखक परिचय


नाम: डॉ.शालीन शर्मा
संप्रति: खेल पत्रकारिता के साथ करियर की शुरुआत करने के बाद शासकीय सेवा में गए। वर्तमान में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। लेखन को हॉबी के रूप मेें अपनाकर द ग्रिप के लिए खेल से संबंधित विशेष आलेख लिख रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!