भिण्ड: सहकारी उपज खरीद केन्द्र आऐंगे वेब कास्टिंग दायरे में

– शासकीय वेयर हाऊस पर अवकास के दिन खरीद होने के बात सामने आने पर लिया फैसला

– नियुक्त अधिकारियों की होगी निगरानी

 

भिण्ड। शासकीय जवासा वेयर हाऊस पर शनिवार को अवकाश के दिन भी कर्मचारियों द्वारा फर्जीवाड़ा करते हुए व्यापरी की सरसों की तुलाई की जा रही थी। जिसकी सूचना पर कलेक्टर द्वारा शनिवार देर शाम यहां छापा मारा तो पूरी कलई खुल कर सामने आ गई। इस पर कलेक्टर ने उक्त वेयर हाऊस सील करते हुए मामले की जांच की जिम्मेदारी उपसंचालक कृषि को सौंपी है। इस मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर ने सभी सहकारी उपज खरीदी केन्द्रों को वेब कास्टिंग के दायरे में लाने का निर्णय लिया है।

शनिवार रात 8 बजे के करीब कलेक्ट संजीव श्रीवास्तव जवासा वेयर हाऊस पर पहुंचे, जहां उन्हें यहां बने उपज खरीदी केन्द्र के कर्मचारियों को 1 हजार क्विंटल तक सरसों खरीदी कर उसे गोदाम में रखते हुए पाया। अवकाश के रोज हो रही इस खरीदी प्रक्रिया को लेकर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए मौके पर ही गोदाम सील कराया। जिसके बाद उन्होने इस पूरे मामले की जांच उपसंचालक कृषि रामसुजान शर्मा को सौंपते हुए बारीकी से जांच करने के निर्देश दिए। खास बात यह रही कि कलेक्टर के शासकीय वेयर हाऊस पर पहुंचने से पूर्व ही इस कार्रवाई की सूचना लीक हो गई थी, जिसके चलते वेयर हाऊस पर तैनात कर्मचारी व बिचौलिए सतर्क हो गए और उन्होने सरसों को गोदाम में रख दिया था, लेकिन कलेक्टर के पहुंचने और अवकाश होने के कारण खरीदी की ऑनलाइन साइट बंद होने से वह इसे दर्ज नही कर सके। इस बात की जानकारी कलेक्टर को होने के कारण पूरे मामले का खुलासा हो गया। सरकारी खरीद केन्द्र पर हो रही इस धांधली की बात सामने आने के बाद कलेक्टर संजीव सिंह ने इस प्रकार के सभी केन्द्रों को निगरानी के दायरे में लाने का निर्णय लिया। जिसके तहत उन्होने सहकारी खरीदी केन्द्रों की वेब कास्टिंग कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं वेयर हाउस प्रबंधन को जप्त माल व्यापारी का माल देने से पहले एसडीएम की परमीशन लेना अनुवार्य कर दिया है।

शुरु हुई खरीदी के फर्जीवाड़े की जांच:

ज्ञात हो कि जवासा वेयर हाऊस पर सरसों खरीदी मामले में हो रही धांधली के बाद रविवार को इस प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यी कमेटी प्रकरण की जांच के लिए पहुंचे। जांच दल के सदस्यों ने फिजीकली वैरीफिकेशन करते हुए वेयर हाऊस का पूरा स्टॉक रिकॉर्ड से लेकर अन्य दस्तावेज जप्त कर लिए हैं। शुरुआती जांच में सामने आया कि उक्त जमा कराई गई सरसों को प्रायवेट नारायणी वेयर हाऊस से लेकर यहां तौला जा रहा था। जिसे नारायणी वेयर हाउस के प्रबंधक विकाश शर्मा ने व्यापारी सुखपाल सिंह से लेकर अपने यहां रखा था। यह बात सामने आने पर कलेक्टर ने निजी वेयर हाऊस संचालक से सरसों का स्टॉक मांगा है। इसके साथ ही यह जानकारी मांगी गई हैकि पिछले दिनों में कितना माल लेकर व्यापारी ने वेयर हाउस से उठाया है। बताया जाता है कि सरसों के यह व्यापारी किशुपूरा के रहने वाले हैं। उन्होंने कितनी जमीन में सरसों की खेती को लेकर स्लॉट बुक कराया था, कितनी सरसों की उपज उस क्षेत्र में प्रति हेक्टेयर में हुई है, व्यापारी के नाम कितनी खेती की जमीन है। यह सब टीम की जांच के बिंदू होंगे।

खरीद केंद्र प्रभारी पर गिरेगी गाज:

किसानों के नाम पर व्यापारियों से शासन की रेट पर सरसों खरीदी के इस घालमेल के मामले में समिति प्रबंधक, सचिव से लेकर खाद्य आपूर्तीअधिकारी मनोज वाष्र्णेय भी जांच के दायरे में आ गए हैं। कलेक्टर के छापामार कार्रवाई की बात लीक होने पर उन्होने इसमें दोषी वाष्र्णेय के सहयोगी कर्मचारी सौरभ जैन को तत्काल बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं। वहीं इस पूरे मामले में यह बात स्पष्ट नजर आ रही है खरीदी केंद्र प्रभारी चंद्रपाल सिंह की भी मिलीभगत है। इसके चलते आगामी दिनों में कलेक्टर द्वारा उक्त खरीदी केन्द्र प्रभारी पर कार्रवाई के साथ जिला खाद्य आपूर्ती अधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है।

 

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