इंदौर में कांग्रेस के अक्षय भाजपा के हुए, अब 14 प्रत्याशी मैदान में

-कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापस लेने से प्रदेश की राजनीति में भूचाल
-इंदौर कलेक्ट्रेट में भिड़े कांग्रेस-भाजपा कार्यकर्ता

इंदौर। एक ओर लोकसभा चुनाव में जीत हार के लिए जारी भाजपा-कांग्रेस की जंग धीरे-धीरे तेज होती जा रही है, दूसरी ओर पार्टियां हर हथकंडे अपनाकर चुनावी मैदान में अपने प्रत्याशी को मजबूत बनाने के दांवपेंच आजमा रही हैं। प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में सबसे महत्वपूर्ण इंदौर है और सोमवार का दिन इंदौर में हुई राजनीतिक हलचल ने पूरे प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। दरअसल, हुआ यह है कि इंदौर से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी डॉ. अक्षय कांति बम अब भाजपा के हो गए हैं और उन्होंने कांग्रेस की ओर भरा पर्चा वापस ले लिया है। पर्चा ऐसे वक्त पर वापस लिया गया है कि अब कांग्रेस के पास दूसरा प्रत्याशी खड़ा करने का भी मौका नहीं है।

नाम वापस लेने के इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ग्वालियर में कहा कि अक्षय को धमकाया गया है। प्रताडऩा दी गई है। तीन दिन पूर्व एक पुराने मामले में अक्षय पर अटैंम्ट टू मर्डर वाली धारा 307 बढ़ाई गई। उसको साथ ले जाकर फार्म वापस करवा दिया। जीतू पटवारी ने देर एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इंदौर में लोकतंत्र का चीर हरण हुआ है। नरेन्द्र मोदी के राज में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। पहले बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं सुनी जाती थीं, लेकिन अब तो प्रत्याशियों को ही कैप्चर करके उनका हरण हो रहा है। जीतू पटवारी ने कहा कि इंदौर शहर के हित में जो निर्णय होगा कल शाम तक बताया जाएगा। कांग्रेस लोकतंत्र को और जनता को जीवित रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी के साथ करेगी।

 

अब आते हैं घटनाक्रम पर तो बता दें कि इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने सोमवार को अपना नाम निर्देशन पत्र वापस ले लिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला अक्षय के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय ने भाजपा की सदस्यता ले ली। सूत्र बताते हैं कि अक्षय का नाम वापस करवाने के साथ ही भाजपा ने गुजरात के सूरत में हुए घटनाक्रम की तर्ज पर निर्विरोध निर्वाचन कराने की रणनीति बनाई थी। विजयवर्गीय की अगुवाई में दोपहर 3 बजे तक रस्साकसी चलती रही। हालांकि, तमाम कोशिशों के बाद भी 29 प्रत्याशियों में से सिर्फ 9 प्रत्याशी ही मैदान से बाहर होने को तैयार हुए। अब इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी सहित 14 प्रत्याशी मैदान में हैं।

 

सीएम की मौजूदगी में हुई सदस्यता

इंदौर में हुए घटनाक्रम के समय प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव झारखंड में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करने में मशगूल थे। अक्षय बम द्वारा नाम वापस लेने के साथ ही भाजपा की सदस्यता लेने के बाद वे झारखंड से भोपाल की बजाय सीधे इंदौर स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचे। सीएम ने कांग्रेस से भाजपा के हुए डॉ. अक्षय कांति बम, पार्षद शिवम यादव और विनीता मौर्य का स्वागत किया। इसके अलावा राजा मंधवानी, सुनील चौधरी, तत्सम भट्ट, अनूप शुक्ला, संजय पालीवाल, मुकेश झांझोट, सलीप पठान, उज्जवल मोटवानी, अनमोल यादव, धनमोल यादव, मनी सेंगर, विनीता पाठक, सूरज सिंह गोड़ाना, केशव यादव, पीयूष सोलंकी, शेखर वर्मा, अश्विन वर्मा और अशोक जायसवाल को भाजपा की सदस्यता दिलाई।

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