– सरपंच संघ ने मीटिंग कर जताया विरोध, दी लोस चुनाव बहिष्कार की धमकी
भिण्ड। जिला पंचायत का कार्यालय इन दिनों दंगल का मैदान बना हुआ है। बीते दिनों मनरेगा कार्यों को लेकर सरपंच-सचिवों की मीटिंग में जिपं सीईओ द्वारा उन्हें नियमों का पाठ पढ़ाते हुए सभी कार्य मशीनों के बजाए मजदूरों से कराने की बात कही। इस पर जब सरपंचों ने भौतिक रुप से इस कार्य में बाधा आने की जानकारी दी उन्होने सरपंचों को चोर कह डाला। इसी बात को लेकर सरपंच संगठन विरोध में उतर आया। बुधवार को संगठन सदस्यों की मीटिंग हुई, जिसमें उन्होने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार तक करने की धमकी दे डाली।
जिले में पंचायत स्तर पर होने वाले विकास कार्यों में मनरेगा के नियमों का उल्लंघन किए जाने को लेकर जिला पंचायत सीईओ जगदीश कुमार गोमे ने सरपंचों से चर्चा में इसे बंद करने की बात कही। उन्होने कहा कि मजदूरों के नाम पर मनरेगा के कार्य मशीनों से कराए जाते हैं, जिससे हितग्राही लाभान्वित न होकर बड़े स्तर पर घपला किया जाता है। लेकिन अब यह लापरवाही नही चलेगी।
जिस पंचायत में मनरेगा के तहत मजदूरों के जरिए कार्य नही होगा उसे स्वीकार नही किया जाएगा। जिपं सीईओ के इस फरमान पर सरपंचों ने कहा कि गई पंचायतों में मजदूर नही हैं। ऐसे में ग्राम विकास की योजनाऐं कैसे क्रियान्वित होगी तो श्री गोमे बोले कि विकाय के कामों में पारदर्शिता लाने के लिए ही नियमों का पालन कराया जा रहा है।
यदि पंचायत में मजदूर नही है तो लिख कर दें, जिसके बाद मामले में शासन स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। इस चर्चा में जिपं सीईओ ने मनरेगा के कार्यों में गड़बड़ी करने पर सरपंच-सचिवों को चोर तक कह डाला। जिस पर सरपंचों द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज कराई गई। सरपंच महासंघ भिंड के जिला अध्यक्ष चौधरी श्रीकांत शर्मा का कहना थाकि सरपंचों के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ हम लोग अपनी आवाज को बुलंद करेंगे। गांव में मजदूर नहीं है। ऐसे में मनरेगा के विकास कार्यों को रोका नहीं जा सकता है। अफसरों की मनमानी नहीं होने देंगे। इस बारे में कलेक्टर व कैबिनेट मंत्री को ज्ञापन देंगे और अपनी समस्या रखेंगे।
दौ सकड़ा सरपंच हुए एकजुट:
जिपं सीइओ के इस फरमान और चोर कहे जाने पर जिला सरपंच संगठन द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज कराई गई। जिसको लेकर बुधवार को संघ के 250 से अधिक सरपंच एकजुट हुए। यहां उन्होने सीईओ पर मनमानी करने का आरोप लगाया। इटावा रोड स्थित मैरिज गार्डन में एकजुट हुए संरपंच संघ सदस्यों ने कहा कि जिपं सीईओ मोघे अपनी मनमानी कर पंचायत स्तर पर होने वाले विकास कार्यों में अड़ंगा डाल रहे हैं। इसको लेकर वह जल्द ही कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला से चर्चा करेंगे। इसके साथ ही उन्होने तीन सूत्रीय मांगों को तैयार करते हुए हस्ताक्षर कराते हुए इस पर सहमति बनाई।
इनका कहना है:
मेरी इस प्रकार से किसी भी सरपंच से चर्चा नही हुई है। पंचायत में विकास कार्य शासन के नियामें के तहत ही होंगे, जिसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नही की जाएगी। कोई सरपंच विरोध कर रहा है ऐसी कोई सूचना मेरे पास नही है।
जगदीश कुमार गोमे, जिला पंचायत सीईओ