– युवाओं में उत्साह तो वृद्धों व महिलाओं ने वोटिंग कर निभाया अपना कर्तव्य
– सूरज ने दिखाए अपने तेवर तो दोपहर में पोलिंगं बूथ पर पसरा सन्नाटा
भिण्ड। लोकतंत्र के महापर्व में अपने कर्तव्य की आहूती देने के लिए जिले के वोटरों में खासा उत्साह दिखाई दिया। सुबह शुरु हुई मतदान प्रक्रिया में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में पुरुष-महिलाओं ने अपनी हिस्सेदारी जताई। बूथ पर तैनात कर्मचारियों ने बारी बारी से मतदाताओं को उनके अधिकार का प्रयोग करने का अवसर दिया। इस बीच सूरज चढऩे के साथ ही मतदान प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई, जिसके चलते पोलिंब बूथों पर सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। हालांकि शाम होने पर वोटिंग प्रतिशत में आंशिक सुधार आया। मंगलवार को शाम 6 बजे निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न होने तक भिण्ड जिले में कुल 50.92 प्रतिशत वोट डाले गए।
मंगलवार को मतदान दिवस के सुबह 5.30 बजे सबसे पहले पोलिंग बूथों पर तैनात कर्मचारियों द्वारा मॉकपोल की प्रक्रिया संपन्न कराई गई। जिसमें प्रत्याशियों के एजेंट के सामने ईवीएम में 50 वोट डाले गए। यह प्रक्रिया संपन्न होने के बाद ईवीएम मशीन को पुन: खाली कर रीलोड कर जनता को वोट डालने के लिए रखा गया।
सुबह 7 बजे मतदान की प्रक्रिया शुरु की गई, जिसके बाद सुबह सुबह वोट देने पहुंचे लोगों ने अपने अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए वोट डाले। शहर के नयापुरा, पुरानी बस्ती, महावीर गंज, सदर बाजार में बनाए गए पोलिंग बूथों पर सुबह से ही मतदाताओं में वोट डालने को लेकर खासा उत्साह देखा गया, जो सबसे पहले वोट देने के लिए पोलिंग बूथों पर पहुंचे। इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा गठित माइक्रो ऑब्जर्बर व पुलिस बल की टीम ने लगातार क्षेत्र में गस्त करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से वोटिंग प्रक्रिया संपन्न कराई।
इस बीच अटेर के कोषण पंचायत अंतर्गत भदौरियनपुरा गांव में वोट डालने को लेकर दो पक्षों में हिंसक झड़प हो गई, तो आलमपुर के खुर्द गांव के ग्रामीणों ने सड़क मार्ग न बनाए जाने के चलते वोटिंग प्रक्रिया का विरोध किया। सुबह 8.30 बजे के करीब बीजेपी प्रत्याशी संध्या राय अपना वोट डालने के लिए ऑफीसर कॉलोनी स्थित मतदान केन्द्र पर पहुंची, लेकिन इस दौरान वह वोट डालने के लिए मिलने वाली पर्ची अपने साथ नही ले गई थी। इस पर बूथ पर उपस्थित एजेंट द्वारा उनकी पर्ची बनाई गई जिसके बाद उन्होने अपना वोट दिया।
जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव भी अपनी पत्नी के साथ ऑफीसर कॉलोनी में पहुंचे और अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सुबहक 7 बजे से शुरु हुई वोटिंग की प्रक्रिया में 9 बजे तक कुल 13 प्रतिशत के लगभग मतदान किया गया, लेकिन गर्मी बढऩे के साथ ही मतदान में गिरावट आई। जिसके बाद अंतिम समय तक कुल मतदान प्रतिशत 50.92 रहा। जिसमें किजले की पांचों विधानसभाओं में कुल 1292763 मतदाताओं में से 6 लाख 58 हजार 222 वोट डाले गए। इसमें महिलाओं की संख्या कुल 2 लाख 80 हजार 277 होकर 47.42 प्रतिशत रही तो पुरुष मतदाताओं ने कुल 3 लाख 77 हजार 942 वोट डालते हुए 53.86 प्रतिशत मतदान किया।
पहली बार मतदान का रहा उत्साह:
लोकसभा चुनाव में 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले नए वोटरों में मतदान को लेकर खासा उत्साह दिखाई दिया। लोकतंत्र के महापर्व में अपने कर्तव्य का निर्वाहन करने के लिए परिजनों के साथ मतदान केन्द्र पर पहुंचे। महावीर गंज निवासी अर्चिता जैन, अंकिता जैन ने पानी की टंकी के पास बने मतदान केन्द्र पर अपना पहला वोट दिया तो दतावली गांव में पहली बार वोटिंग करने पहुंची कनक पाठक ने जीवन में पहली बार मतदान करते हुए खुशी जाहिर की। उन्होने बताया कि अभी तक न्यूज में ही ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों को प्रत्यक्ष देखा और अपने चुनिंदा प्रत्याशी को मतदान होता प्रत्यक्ष देखा।
आयोग के निर्देष के बाद भी नही दिखी व्हील चियर:
उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग द्वारा विकलांग और 85 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्धजनों को वोटिंग प्रक्रिया के दौरान सुविधा देते हुए बूथ पर व्हील चियर रखने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन यह इंतजाम शहर के पोलिंग बूथ पर बेहद कम नजर आया तो ग्रामीण अंचल में इस प्रकार के कोई इंतजाम नही दिखे।
शहर के मध्यवर्ती स्कूल झांसी मुहल्ला में बने पोलिंग बूथ क्रमांक 92 पर वोट देने पहुंचे कल्याण सिंह पुत्र सुल्तान सिंह 80 वर्ष, दोनों पैरों से विकलांग होने के बाद भी वोट देने पहुंचे। यहां बूथ पर व्हील चियर का इंतजाम न होने से उनके साथ आए बेटे कुर्सी पर बिठा कर उन्हें वोट डलवाने ले गए। कुछ ऐसे ही नजारे ग्रामीण क्षेत्रों में बने पोलिंग बूथों पर नजर आए, जहां बीएलओ द्वारा विकलांग और 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं के संबंध में सटीक जानकारी न दिए जाने के कारण ऐसे वोटर गर्म के मौसम में परेशानी उठाते हुए स्वयं के प्रयासों से बूथ तक पहुंचे।
बूथ पर एक ही लाइन में महिला पुरुष:
्रशहर के नयापुरा स्थित गौशाला में पोलिंग बूथ पर मंगलवार को वोटिंग के दौरान बदइंतजामी देखने को मिली। यहां बड़ी संख्या में पहुुंचे वोटरों को एक ही लाइन में लग कर अपना अपना मतदान करना पड़ा। ज्ञात हो निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश हैं कि बूथ पर महिला और पुरुष मतदाताओं को अलग अलग लाइन में वोट देने की सुविधा उपलब्ध हो, लेकिन शहर में आयोग के इस निर्देश का पालन होता नही दिखा। ऐसे में यहां सुबह और शाम के समय वोटरों की अधिक संख्या होने से काफी भीड़ लगी रही, जिससे मतदान की प्रक्रिया बेहद धीमी गति से संपन्न हो सकी।
सुबह वोट दिया तो मिला बिस्कुट पैकिट:
मंगलवार को सुबह 7 बजे से मतदान प्रक्रिया शुरु हुई तो गर्मी के सीजन के चलते मतदाता भी जल्द से जल्द वोट देने के लिए मतदान केन्द्र पर पहुंचे। यहां ईवीएम में वोट डालने के बाद जैसे ही वोटर बाहर निकले तो वहां तैनात कर्मचारियों द्वारा उन्हें स्वल्पहार के रुप में बिस्कुट का पैकिट थमाया गया, जिसे लेकर वह खुश हुए। हालांकि यह इंतजाम शहर के कुछ चुनिंदा मतदान केन्द्रों पर ही दिखाई दिया।
गांव में घूम आया करो सांसद जी:
मतदान के दौरान भाजपा प्रत्याशी संध्या राय को आम जनता के विरोध का एक बार फिर से सामना करना पड़ा। शहर के एक पोलिंग बूथ पर जब वह वोटिंग प्रक्रिया की जानकारी लेने पहुंची तो यहां लाइन में लगे पूर्व सरपंच रायपुरा ने उन्हें जनता से मेल मिलाप करने की नसीहत दे डाली। उन्होने कहा कि वोट को आपको मिल ही रहा है लेकिन कभी कभी गांवों में जाकर जनता का हाल भी जान लिया करो।