भिण्ड: 300 रुपए के लिए मुन्नाभाई बन कर दे रहे थे पेपर, दो युवक गिरफ्तार

– सर्चिंग के दौरान सीएस ने फोटो मिलान न होने पकड़े, दर्ज हुई एफआईआर
– संस्कृत बोर्ड परीक्षा में नकल के लिए हो रहे फर्जीवाड़े का खुलासा


भिण्ड। महर्षि पतंजली संस्कृत संस्थान द्वारा आयोजित हो रही हाईस्कूल और 12वीं की परीक्षाओं में संगठित होकर नकल कराने के एक मामले का खुलासा हुआ है। सुबह की पाली में संपन्न हो रही 10वीं के पेपर में महज 300 रुपए के लिए परीक्षार्थी बन कर परीक्षा देने पहुंचे दो युवक सर्चिंग के दौरान पकड़ में आए। मामले का खुलासा होने पर दोनों मुन्नाभाई के खिलाफ कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई।

इन दिनों महर्षि पतंजली संस्कृत संस्थान द्वारा 1 मई से शहर में संस्कृत बोर्ड से हाईस्कूल और हायर सेकेन्ड्री की परीक्षा संपन्न कराई जा रही है। इसके तहत यहां 2 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। शनिवार के रोज सुबह 9 से 12 बजे के समय में 10वीं कक्षा के साइंस बिषय का पेपर संपन्न होना था। बुनियादी शासकीय हाईस्कूल में बनाए गए परीक्षा केन्द्र में दो युवक परीक्षा देने पहुंचे थे। यहां कक्ष क्रमंाक 1 में परीक्षा दे रहे दो युवकों पर तैनात पर्यवेक्षकों को संदेह हुआ तो केन्द्राध्यक्ष आनंद सिंह कुशवाह द्वारा इन युवकों के प्रवेश पत्र की जांच की तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जिस पर उन्होने दोनों संदिग्धों की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देने के साथ उनके आधार कार्ड से मिलान किया। जिसमें दोनों युवकों के फर्जी परीक्षार्थी के रुप में परीक्षा में शामिल होना पाया गया। उल्लेखनीय है कि संस्कृत बोर्ड परीक्षा में नकल कराए जाने को लेकर पहले भी राज एक्सप्रेस द्वारा संदेह जताते हुए एक्जाम के सिस्टम पर सवाल उठाए थे, जिसमें सक्रिय शिक्षा माफिया द्वारा ठेका लेकर परीक्षार्थियों को पास कराने का काम किया जाता है।

पूर्व में भी आया था पेपर देने:

केन्द्र पर परीक्षार्थी गेंदालाल खरे पुत्र रमेश चंद्र रोल नंबर 2240390018 जनता हायर सेकेंड्री के स्थान पर बंटी जाटव पुत्र जय श्रीराम जाटव तो कुलदीप यादव पुत्र नेपाल यादव रोल नंबर 2240327058 के स्थान पर अनुज गुप्ता पुत्र कृष्णा गुप्ता परीक्षा देते हुए पकड़े गए। इस दौरान सामने आया कि उक्त दोनों युवक पूर्व में भी परीक्षा देने के लिए केन्द्र पर आए थे, जिनके प्रवेश पत्र से फोटो मिलान न होने पर उन्हें लौटा दिया गया था। इसके बाद दोनों ने अपने आधार कार्ड और प्रवेश पत्र के फोटो में आंशिक बदलाव कर दोबारा शनिवार को दूसरे के स्था पर परीक्षा देने पहुुंचे थे जिन्हें पकड़ा गया।

प्रति परीक्षा के लिए मिलते थे 3 सौ रुपए:

पकड़े गए युवकों ने बताया कि उन्हें फर्जी परीक्षार्थी बनने के एवज में 300 रुपए प्रति परीक्षा के मिलते हैं। इसके लिए संबंधित परीक्षार्थी के स्कूल में सक्रिय एक व्यक्ति द्वारा उनसे संपर्क किया गया था। इस बात के सामने आने के बाद संस्कृत बोर्ड परीक्षा में बड़े स्तर पर संगठित नकल माफिया द्वारा एकजुट होकर फर्जीवाड़ा किए जाने का खुलासा हुआ। जिसकी गहनता से अगर जांच की जाए तो कई नामचीन लोगों के नाम इस फर्जीवाड़े में शामिल होने का पर्दाफाश हो सकता है।

दर्ज कराई एफआईआर:

संस्कृत बोर्ड परीक्षा में फर्जी तरीके से परीक्षार्थी बन पेपर देने वाले दोनों युवकों के पकड़ में आने की सूचना कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव सहित जिला शिक्षा अधिकारी को दी गई। जिस पर श्री श्रीवास्तव ने दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए। जिस पर बुनियादी स्कूल में बनाए गए परीक्षा केन्द्र के केन्द्राध्यक्ष आनंद सिंह कुशवाह ने कोतवाल थाना में पहुंच कर आवेदन दिया, जिस पर पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल करने के बाद दोनों पकड़ में आए फर्जी परीक्षार्थियों पर एफआईआर दर्ज कर प्रकरण की पड़ताल शुरु कर दी है।

इनका कहना है:
परीक्षा केन्द्र में परीक्षार्थी के स्थान पर अन्य युवक बैठे थे, जिन्हें संदेह होने पर पकड़ा गया है। मामले में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कोतवाली पुलिस में आवेदन देते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है।
आनंद सिंह कुशवाह, परीक्षा केन्द्र अध्यक्ष

– संस्कृत बोर्ड परीक्षा में दो युवक फर्जी परीक्षार्थी के रुप में शामिल हुए थे, जिनके कागजात जांच के बाद उन्हें पकड़ा गया है। मामले में दोनों के खिलाफ कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज कराते हुए इससे जुड़े अन्य लोगों की जांच की जा रही है।
आरडी मित्तल, जिला शिक्षा अधिकारी

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