यात्रा ओलंपिक की (किश्त-7)
-17 सप्ताह 17 किश्त
-महिला खिलाडिय़ों ने हर बार बढ़ाया देश का गौरव
ओलंपिक की शुरुआत के साथ ही भारतीय महिला खिलाडिय़ों ने लगातार देश का गौरव बढ़ाया है। वर्ष 1900 में हुई आधुनिक ओलंपिक की शुरुआत के साथ ही भारत का प्रतिनिधित्व लगातार रहा है। वर्ष 1924 में ब्रिटिश भारत के 14 सदस्यीय दल में 2 महिला टेनिस खिलाड़ी नोरा पॉली और मेहरी टाटा शामिल थीं। जबकि आजाद भारत का पहला ओलंपिक दल 1952 में भेजा गया। इस 64 सदस्यीय दल में 4 महिला खिलाड़ी शामिल थीं।
वर्तमान की बात करें तो 26 जुलाई से शुरू हो रहे ओलंपिक-2024 के लिए अभी तक 8 खेलों के लिए 35 भारतीय महिलाओं ने क्वालीफाई कर लिया है। कुछ खेलों के लिए कंप्टीशन जारी है। अभी तक क्वालीफाई करने वाली महिला खिलाडिय़ों में सबसे ज्यादा 11 खिलाड़ी शूटिंग की हैं। ओलंपिक के अभी तक के इतिहास में भारतीय महिलाओं ने 8 पदक जीते हैं। इनमें दो सिल्वर और छह ब्रांज मैडल शामिल हैं।
वर्ष 1924 में ओलंपिक दल पहली भारतीय महिला खिलाड़ी नोरा पॉली को एकल स्पर्धा के पहले राउंड में बाई मिला। दूसरे राउंड में पहला सेट जीतने के बाद वे लगातार दो सेट हार कर प्रतियोगिता से बाहर हो गयीं। मिश्रित युगल में भी उन्हें पहले राउंड में बाई मिला तथा दूसरे राउंड के बेहद कड़े मुकाबले में उनको हार का सामना करना पड़ा। मेहरी टाटा को भी मिश्रित युगल के पहले राउंड में बाई मिला तथा दूसरे राउंड में उनकी टीम ने प्रतिस्पर्धी टीम को वॉक ओवर दे दिया। इसके 28 वर्ष बाद भारत ने 1952 में जब पहला ओलंपियन दल भेजा, तब 64 सदस्यीय दल में 4 महिलाएं मैरी डिसूजा, सीक्वेरा और नीलिमा घोष ने एथलेटिक्स में तथा डॉली नजीर और आरती साहा ने स्विमिंग में हिस्सा लिया था।
1980 में भारतीय महिला हॉकी टीम अपने पहले ही प्रयास में चौथे स्थान पर रही। 1984 के लॉस एन्जलिस खेलों में भारत को कोई मैडल तो नहीं मिला लेकिन उसकी महिला एथिलीट्स ने अपनी जबरदस्त उपस्थिति दर्ज कराई। पी.टी. उषा 400 मीटर बाधा दौड़ में चौथे स्थान पर रहीं। वे सिर्फ एक सैकंड के सौंवे हिस्से से कांस्य पदक से चूक गईं। उनसे पहले शाइनी अब्राहम 800 मीटर दौड़ में सेमी-फायनल के लिए क्वालीफाई कर किसी ओलंपिक स्पर्धा में ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। 4 गुणा 400 मीटर की रिले दौड़ में उषा, शाइनी, एम.डी. वालसम्मा और वंदना राव की टीम ने फायनल के लिए क्वालीफाई कर इतिहास बनाया। शैलजा कुमार पहली भारतीय महिला थी जिन्होंने शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भाग लिया, उन्होंने 1988 में कैलीघेरी, एल्बर्टा, कनाडा में स्कीइंग की स्लेलॉम स्पर्धा में भाग लिया।
1992 बार्सिलोना ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में, एथलीट, शाइनी एब्राहम-विल्सन ने भारतीय दल का ध्वज वाहक के रूप में प्रतिनिधित्व किया, वे ओलंपिक में ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उनके बाद 2004 एथेंस ओलंपिक खेलों में लॉन्ग जंपर, अंजू बॉबी जार्ज ऐसा करने वाली दूसरी भारतीय महिला बनीं।
भारत की ओलंपिक खेलों में पहली बार भागीदारी के एक सदी बाद वर्ष 2000 के सिडनी खेलों में किसी भारतीय महिला ने पदक जीता। भारतीय महिला भारोत्तोलक (वेटलिफ्टर) कर्णम मल्लेश्वरी ने 69 कि.ग्रा. वर्ग में कुल 240 कि.ग्रा. वजन उठा कर कांस्य पदक जीता। इसके साथ ही उन्होंने प्रथम महिला खिलाड़ी होने का गौरव हासिल किया।
2004 के खेलों में भारतीय दल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व पहले से अधिक था। कुल 73 सदस्यों में से 25 महिलाएं थीं। कई भारतीय मैडल के बहुत करीब रहे। एन. कुंजरानी देवी 48 कि.ग्रा. वर्ग में कुल 190 कि.ग्रा. वजन उठा कर चौथे स्थान पर रहीं। अंजू बॉबी जॉर्ज लम्बी कूद में 6.83 मी. के राष्ट्रीय रिकार्ड के साथ 5वें स्थान पर रहीं।
2006 में ट्यूरिन इटली में आयोजित खेलों में नेहा आहूजा ऐसी पहली भारतीय महिला बनीं जिन्होंने शीतकालीन ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफ़ाई किया। उन्होंने स्लेलॉम और जायंट स्लेलॉम स्पर्धाओं में भाग लिया। भारतीय दल का ध्वज वाहक के रूप में प्रतिनिधित्व भी किया।
2012 में दो भारतीय महिलाएं पहली बार मैडल विजेता बनी थी। शटलर साइना नेहवाल और बॉक्सर मैरी कॉम ने कांस्य पदक जीत कर नया इतिहास रचा। साइना नेहवाल बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल कर ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला बनी। बैडमिंटन में ऐसा करने वाली वे भारत की पहली खिलाड़ी हैं। इन्हीं खेलों की डिस्कस थ्रो स्पर्धा में कृष्णा पूनिया ने फाइनल के क्वालीफाई किया। वे पी.टी. उषा और अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी ट्रेक एंड फील्ड स्पर्धा में ऐसा करने वाली तीसरी भारतीय महिला बनीं। उन्होंने इस स्पर्धा में 63.62 मीटर चक्का फेंक कर छठा स्थान प्राप्त किया।
2016 में भारतीय दल के 117 सदस्यों में 54 महिलायें थी। इस वर्ष सफलता केवल महिलाओं के हाथ लगी, शटलर पी.वी. सिंधु ने रजत पदक जीत कर इतिहास बनाया। वे पहली महिला रजत विजेता और सबसे युवा व्यक्तिगत पदक विजेता बनीं। साक्षी मलिक ने 58 कि.ग्रा. वर्ग में कुश्ती का कांस्य पदक जीता। वे ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान हैं। इनके अलावा कई खिलाड़ी बहुत कम अंतर से पदक से चूक गए। टेनिस के मिश्रित युगल में सानिया मिर्जा व रोहन बोपन्ना की जोड़ी चौथे स्थान पर रही। इन्हीं खेलों में भाग ले कर दीपा कर्माकर ओलंपिक में पहली भारतीय महिला जिमनास्ट बनीं और वॉल्ट स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहीं। इन्हीं खेलों की 3000 मीटर स्टीपल चेस स्पर्धा में ललिता बाबर फाइनल के क्वालीफाई कर 32 वर्ष बाद किसी ट्रेक स्पर्धा में ऐसा करने वाली पहली भारतीय बनीं।
2020 भारतीय महिलाओं का ओलंपिक में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा। महिलाओं ने एक रजत व दो कांस्य पदक अपने नाम किए। साइखोम मीरा बाई चानू ने भारोत्तोलन में 49 किग्रा वर्ग में रजत जीता। वे भारत के लिए भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने वाली प्रथम महिला हैं। लवलीना बॉरगोहिन ने भारत के लिए कांस्य पदक जीता। वे बॉक्सिंग में ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाङ़ी हैं। शटलर पी.वी. सिंधु ने भी कांसा जीता। सिंधु दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली महिला बनीं। केवल पहलवान सुशील कुमार ही उनसे पहले यह उपलब्धि हासिल कर पाए हैं।
2020 के टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल तक पहुंची और तीसरे स्थान के मैच में गत विजेता ग्रेट ब्रिटेन से 4-3 के अंतर से हार कर कांस्य पदक से चूक गयी तथा चौथे स्थान पर रही। इन्हीं खेलों में महिला गोल्फर अदिति अशोक व्यक्तिगत स्ट्रोक-प्ले स्पर्धा में मात्र एक अंक से कांस्य पदक से चूक गयीं तथा चौथे स्थान पर रहीं।
2024 के पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत को महिला सितारों से अच्छे प्रदर्शन और पदक की उम्मीद है। इस बार सबकी निगाहें 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में मनु भाकर, 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में इलावेनिल वलारिवान, चक्का फेंक खिलाड़ी कमलप्रीत कौर, बॉक्सर निखत जरीन, तीरंदाज कोमालिका बारी और टेबल टेनिस खिलाड़ी अर्चना कामथ पर रहेंगीं। सभी को उम्मीद है कि भारतीय महिलायें इस बार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर ओलंपिक इतिहास में भारत के लिए एक नया अध्याय लिखेंगीं।
लेखक परिचय
नाम: डॉ. शालीन शर्मा
संप्रति: खेल पत्रकारिता के साथ करियर की शुरुआत करने के बाद शासकीय सेवा में गए। वर्तमान में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। इसके साथ ही शौकिया तौर पर द ग्रिप न्यूज के लिए खेलों से संबंधित आलेख लिख रहे हैं।