– कलेक्टर रुचिका चौहान ने कौशल विकास समिति की बैठक में दिए निर्देश
ग्वालियर। आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) में मौजूदा शिक्षण सत्र में कोई भी सीट खाली नहीं रहनी चाहिए। इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएं। स्कूल शिक्षा, आदिम जाति कल्याण एवं महिला-बाल विकास विभाग के अधिकारी इस कार्य में सहयोग करें। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने जिला कौशल विकास समिति की बैठक में आईटीआई के प्राचार्य एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए। उन्होंने आईटीआई पाठ्यक्रमों में महिला प्रशिक्षणार्थियों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। अधिकारियों ने बताया कि आईटीआई पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आठवीं व दसवीं कक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों को आईटीआई में प्रवेश दिया जाता है।
बुधवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में हुई बैठक में कलेक्टर चौहान ने कहा कि आईटीआई पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण ले चुके विद्यार्थियों का पांच साल तक फॉलोअप अवश्य करें। आईटीआई प्रमाण-पत्रधारी विद्यार्थियों को विभिन्न कंपनियों में प्लेसमेंट और बैंकों के माध्यम से उद्यम स्थापित करने के लिए मदद दिलाएं। उन्होंने सहायक आयुक्त जनजाति कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि विभागीय छात्रावासों में रहकर पढ़ाई कर रहे बच्चों को आईटीआई के रोजगारमूलक पाठ्यक्रमों की जानकारी दी जाए। जिससे वे आईटीआई में प्रवेश ले सकें।
आंगनबाडिय़ों से जुड़ी महिलाओं के कौशल उन्नयन में वृद्धि के लिए उन्हें आईटीआई के माध्यम से प्रशिक्षित कराने के लिए भी उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। बैठक में संभागीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य एम के आर्य, जनजाति कल्याण विभाग के प्रभारी सहायक आयुक्त एवं एसडीएम लश्कर नरेन्द्र बाबू यादव, सहायक संचालक महिला-बाल विकास राहुल पाठक, आईटीआई के टीपीओ भूपेन्द्र कुमार तथा उद्यमिता प्रभारी प्रांजल पाठक सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
आईटीआई पास को सीधे पॉलीटेक्निक द्वितीय वर्ष में प्रवेश
संभागीय आईटीआई के प्राचार्य एम के आर्य ने बैठक में जानकारी दी कि आईटीआई पास विद्यार्थियों को पॉलीटेक्निक डिप्लोमा करने के लिए लेटरल एंट्री के तहत सीधे द्वितीय वर्ष में प्रवेश देने का प्रावधान है। आईटीआई प्रशिक्षणार्थी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इसी तरह आईटीआई उत्तीर्ण करने के बाद प्रशिक्षणार्थी हिंदी एवं अंग्रेजी विषयों कें पेपर ओपन बोर्ड के माध्यम से देकर 12वीं के समकक्ष मान्य किए जाते हैं।