सिंधिया राजवंश की राजमाता माधवीराजे पंचतत्व में विलीन

-राजसी परंपरा से हुआ अंतिम संस्कार, सीएम सहित कई वीवीआईपी हुए शामिल

ग्वालियर। सिंधिया राजवंश की  राजमाता, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया की धर्मपत्नी माधवी राजे सिंधिया (७६ वर्ष) की पार्थिव देह गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गई।

राजघराने के छत्री परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित कई वीवीआईपी उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे थे।

सीएम ने स्व. माधवी राजे सिंधिया की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उल्लेखनीय है कि राजमाता माधवी राजे सिंधिया का बीते दिवस नई दिल्ली स्थित एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया था। वे लगभग दो महीने से बीमार थीं।

उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मां माधवी राजे को मुखाग्नि दी।


इससे पहले हजारों की संख्या में आम जन और वीवीआईपी ने रानीमहल में राजमाता की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन किए। नम आंखों ने लोगों ने राजमाता को अंतिम विदाई दी। अंतिम यात्रा के लिए जयविलास पैलेस से छत्री तक सड़क पर गुलाब के फूल बिछाए गए थे।


इन वीवीआईपी ने दी श्रद्धांजलि


राजमाता स्व. माधवीराजे सिंधिया को अंंतिम विदाई देने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अलावा उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, केबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलावट, विजय शाह, गोविंद राजपूत, प्रद्युम्नसिंह तोमर सहित अन्य मंत्री राजमहल पहुंचे।

इनके अलावा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, महापौर शोभा सिकरवार, पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, जयभान सिंह पवैया, इमरती देवी व बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी स्व. माधवी राजे की पार्थिव देह पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।

सिंधिया राजघराने सहित देश के विभिन्न राजघरानों के प्रतिनिधि, नेपाल राजघराने के प्रतिनिधि एवं ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों से बड़ी संख्या में नागरिक अंतिम यात्रा में शामिल होने ग्वालियर पहुंचे थे।

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