-फ्रांस में आयोजित होंगे पैरा ओलंपिक गेम, कई मेडल की विजेता रही है भिण्ड की बिटिया
भिण्ड। कभी नवजात बेटियों का जन्म लेते ही गला घोटने के लिए बदनाम रहे भिण्ड की सोच समय के साथ बदली है। अब चंबल संभाग में की बेटियां पढ़ाई के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल स्पर्धाओं में विश्व पटल पर जिले से लेकर देश-प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। इस बार यह पहचान खेलों से प्राप्त हुई है, जिसमें भिण्ड की रहने वाली दिव्यांग खिलाड़ी पूजा ओझा ने फ्रांस के पेरिस में होने वाले पैराओलंपिक गेम्स के लिए आयोजित टेस्ट को पास करते हुए इसमें प्रवेश पाया है। वह जिले की पहली बेटी होंगी जो ओलिंपिक जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा के केनो कयांकिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
जिले में पैरा खेलों को पहचान दिलाने हेतु वर्ष 2017 में स्थानीय गौरी सरोवर स्थित वोट क्लब पर पहला केनो, कयाक सेंटर स्थापित किया गया। इसी क्लब में प्रशिक्षण लेकर कुमारी पूजा ओझा लगातार अथक परिश्रम करते हुए प्रदेश की पहली अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी बनी। इस संबंध में जानकारी देते हुए खेल प्रशिक्षक राधे गोपाल यादव ने बताया कि यहीं पर विभिन्न राज्यों के खिलाडयि़ों ने भी प्रशिक्षण लेना प्रारंभ किया और आज देश के चार खिलाड़ी तीन महिला एक पुरुष पूजा ओझा, प्राची यादव और रजनी झा ग्वालियर तथा आगरा के यश तोमर ने ओलंपिक कोटा प्राप्त करने में सफल हुए।
सभी खिलाडिय़ों ने अपने खेल का अभ्यास भिण्ड के वोट क्लब से आरंभ किया। भिण्ड के लिए यह गौरव का विषय है कि यहां से प्रारंभ हुआ यह खेल इन सबके लिए वरदान साबित हुआ। उन्होंने बताया इस क्लब के निर्माण के बाद से लगभग 30 खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हैं। आगे आने वाले समय में पूजा ओझा से प्रेरणा लेकर भिण्ड में और प्रतिभाएं निकल कर राष्ट्री स्तर पर अपनी चमक बिखेरेंगी।