– हितग्राही को नही मिला योजना का लाभ, प्रबंधन का बहाना कर्मचारियों की कमी
भिण्ड/ फूप। बेराजगारों को आर्थिक रुप से सक्षम बनाए जाने के लिए सरकार भले ही कितनी योजना बना कर लागू करे, लेकिन जमीनी स्तर पर उसका लाभ हितग्राहियों को नही मिलता है। सबसे पहले तो बेरोजगार को निकाय स्तर पर पात्रता होने के बाद भी आवेदन स्वीकृत कराने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। इसमें अगर वह सफल होता भी तो योजना के तहत अधीकृत बैंक से लोन की स्वीकृति और उसका भुगतान कराने के लिए उसे महीनों चक्कर काटने पड़ते हैं। फूप नगर में संचालित सेंट्रल बैंक ऑफ इंण्डिया में तीन महीने से स्वीकृत लोन के भुगतान के लिए फेरी लगा रहा है, जहां प्रबंधक द्वारा अलग अलग बहाने बना कर उसे टाल दिया जाता है।
फूप कस्बा स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा कार्यालय को पीएम स्वरोजगार योजना के तहत 20 प्रकरणों का टारगेट सौंपा गया था। नगरीय क्षेत्र निवासी गुड्डी देवी पत्नी रामराज सिंह ने योजना के तहत दिसंबर 2023 में नगर पंचायत फूप में आवेदन किया था, जिसमें पात्रता रखने पर जांच के उपरांत नपं द्वारा उनका 2 लाख रुपए के लोन का प्रकरण मंजूर कर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की फूप शाखा में भेजा गया।
तय टारगेट के अनुसार बैंक प्रबंधन के पास पहुंचे इस आवेदन की जांच में 3 महीने का समय लगाया गया, जिसकी स्वीकृति होने के बाद 13 मार्च को इस संबंध में हितग्राही को पत्र जारी भी कर दिया गया। लेकिन असल कहानी इसके बाद ही शुरु हुई, जिसमें प्रबंधन के कर्मचारियों द्वारा आवेदक को बार बार अलग अलग बहाने बना कर टाला जाने लगा। तीन महीने से बैंक के चक्कर काट के थके आवेदनक ने इसको लेकर नपं सीएमओ सहित अन्य कई लोगों से गुहार भी लगाई, लेकिन उसकी सुनवाई नही हो सकी। इस पर तंग आकर गुड्डी देवी ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर कर दी।
कमीशन के चक्कर में हो रही देरी:
फूप कस्बे में स्वरोजगार योजना के तहत आवेदन पर बैंक द्वारा लोन स्वीकृत न किए जाने का यह अकेला प्रकरण ही नही है, बल्कि ऐसे कई आवेदक सामने आए हैं जिन्हें पात्रता रखने और जरुरी दस्तावेज उपलब्ध होने के बाद भी लोन की राशि का भुगतान उनके खातों में नही किया जा रहा है। बैंक में संपर्क करने पर प्रबंधन आए दिन नए नए बहाने बना कर देरी करता है। आवेदनकर्ताओं ने बताया कि बैंक मैनेजर से लेकर कर्मचारी तक आपास में सांठ-गांठ कर उन्ही लोगों का लोन स्वीकृत करते हैं जो लोन के हिसाब से कमीशन देते हैं। ऐसे में यह पूरा खेल कमीशन के फेरे में उलझा रहता है।
मैनेजर ने कहा प्रकरण की जांच से देरी:
स्वरोजगार योजना के तहत आए आवेदनों के लोन की राशि स्वीकृत किए जाने में हो रही देरी को लेकर जब बैंक प्रबंधक भोला कुमार से चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि प्रकरणों की जांच के चलते देरी हो जाती है। गौरतलब है कि उक्त बैंक में को इस योजना के तहत 20 प्रकरणों के लोन स्वीकृत करने का टारगेट दिया गया था, लेकिन इनके द्वारा अभी तक केवल 1 लोन की राशि ही हितग्राही के खाते में डाली गई है। जबकि अन्य बैंक को दिए गए टारगेट में उनके द्वारा आधे से ज्यादा का लक्ष्य तय कर लिया गया है।
इनका कहना है:
– पीएम स्वरोजगार योजना के ऐसे आवेदन जो नियमानुसार पात्रता रखते हैं उन्हें स्वीकृति प्रदान कर संबंधित बैंक को भेजे जा चुके हैं। इसमें यदि बैंक हितग्राही का लोन स्वीकृत नही कर रहा है तो हम दोबारा से इस संबंध में रिमाइंडर भेजेंगे।
अजेन्द्र प्रजापति, तहसीलदार व प्रभारी सीएमओ नपं फूप
– पीएम स्वरोजगार योजना के तहत स्वीकृत लोन तय टारगेट के आधार पर नियमानुसार स्वीकृत किए जाते हैं। फूप शाखा में यदि इस प्रकार से किसी लोन हितग्राही को नही दिया जा रहा है तो इसकी जानकारी ली जाएगी। आप हमें आवेदक के संबंध में जानकारी भेजिए, हम दिखवाते हैं।
प्रताप सिंह, लीड बैंक मैनेजर