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साल का दूसरा ग्रैंड स्लैम
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क्ले कोर्ट पर खेला जाता है टूर्नामेंट
रविवार 26 मई से पेरिस के स्टेड रोलान गैरॉ पर साल का दूसरा टेनिस ग्रैंड स्लैम शुरू होगा। इस वर्ष प्रतियोगिता का 123वां संस्कण है। टूर्नामेंट में महिला व पुरुषों के एकल मुकाबलों में 128 खिलाड़ी मैदान में होंगे। इसके अलावा युगल व मिश्रित युगल मुकाबले भी होंगे। प्रतियागिता के आयोजन हेतु 23 क्ले कोर्ट्स में से तीन प्रमुख मैदान हैं, कोर्ट फिलिप चार्टियर, कोर्ट सुज़ान लेंग्लेन और कोर्ट सिमॉन मैथ्यू। प्रतियोगिता एवं स्थान का नामकरण प्रसिद्ध फ्रेंच एवियेटर रोलान गैरॉ पर किया गया है।
1891 में शुरू हुई इस प्रतियोगिता में 1925 तक केवल फ्रेंच क्लब सदस्य ही भाग ले सकते थे। महिला एकल मुकाबले 1897 में, मिश्रित युगल 1902 में तथा महिला युगल 1907 में जोड़े गए। 1925 में इस प्रतियोगता के दरवाजे सभी गैर पेशेवर खिलाड़ियों के लिए खोले गए व इसे ग्रैंड स्लैम का दर्जा मिला। 1968 से पेशेवर खिलाड़ी भी भाग लेने लगे।
पुरूष एकल विजेता को दी जाने वाली ट्रॉफी का नाम 1927 की डेविस कप विजेता फ्रेंच टीम के सदस्यों के नाम पर मस्किटीयर्स कप रखा गया है। महिला एकल विजेता को दी जाने वाली ट्रॉफी का नाम मशहूर फ्रेंच टेनिस खिलाड़ी सुज़ान लेंग्लेन के नाम पर है। युगल विजेताओं को दी जाने वाली ट्रॉफियां भी मशहूर फ्रेंच टेनिस खिलाड़ियों के नाम पर ही हैं। पुरूषों की जैक्स ब्रुगाँ के, महिलाओं की सिमॉन मैथ्यू के तथा मिश्रित युगल की मार्सेल बर्नाड के नाम पर हैं। यहाँ महिला और पुरूष दोनों विजेताओं को पुरस्कार में समान राशि दी जाती है।
पुरूष वर्ग में सर्वाधिक ट्रॉफी जीतने का रिकार्ड किंग ऑफ क्ले के नाम से मशहूर स्पेन के रफाएल नडाल के नाम है, उन्होंने रिकार्ड 14 बार यहाँ जीत दर्ज की है। यह किसी भी ग्रैंड स्लैम में सर्वाधिक जीत का भी रिकार्ड है। सर्वाधिक 6 पुरूष युगल खिताब ऑस्ट्रेलिया के महान खिलाड़ी रॉय इमर्सन के नाम हैं। महिला वर्ग में अमरीकी क्रिस एवर्ट ने सबसे ज्यादा 7 खिताब जीते हैं। महिला युगल में महान मार्टिना नवरातिलोवा ने भी सबसे ज्यादा 7 खिताब जीते हैं। सिमॉन मैथ्य ने 1933 से 1939 के बीच 6 महिला युगल खिताब जीते थे। सर्वाधिक ट्रॉफियों के मामले में ओपन युग में मार्टिना नवरातिलोवा ने 2 एकल, 7 युगल और 2 मिश्रित युगल के साथ कुल 11 ट्रॉफी अपने नाम की हैं। 1919 से 1926 के मध्य सुज़ान लेंग्लेन ने 6 एकल, 2 युगल और 7 मिश्रित युगल के साथ कुल 15 खिताब जीतने का रिकार्ड बनाया था।
लाल मिट्टी के क्ले कोर्ट्स की धीमी सतह पर खेला जाने वाली यह प्रतियोगिता संभवतः टेनिस की सबसे कठिन परीक्षा है। धीमी गति और अधिक बाउंस की सतह पर बेस्ट ऑफ फाइव के पुरूष मुकाबले कठोर शारीरिक क्षमता और स्टेमिना की परीक्षा लेते हैं। यही कारण है कि ग्रास कोर्ट व हार्ड कोर्ट के सर्व एंड वॉली में महारथ रखने वाले दिग्गज भी यहाँ कोई कारनामा नहीं कर पाते। 14 ग्रैंड स्लैम विजेता पीट सैम्प्रास यहाँ केवल एक सेमीफाइनल ही खेल सके। अन्य प्रमुख खिलाड़ी जिनके नाम कई ग्रैंड स्लैम जीत हैं, किंतु वे फ्रेंच ओपन नहीं जीत सके, में जॉन मैकेनरो, जॉन न्यूकॉम्ब, जिमी कॉनर्स, बोरिस बेकर, स्टीफान एडबर्ग, लेटन हेविट, एंडी मरे, वर्जिनिया वेड, वीनस विलियम्स और मार्टिना हिंगिस शामिल हैं।
भारत को 1997 में पहली ग्रैंड स्लैम सफलता इसी प्रतियोगिता में हासिल हुई जब महेश भूपति ने जापानी रीका हीराकी के साथ मिल कर मिश्रित युगल खिताब जीता। भारत ने अब तक यहाँ 4 मिश्रित युगल और 3 पुरूष युगल खिताब जीते हैं। महेश भूपति ने 2 मिश्रित युगल और 2 युगल सहित कुल 4 खिताब जीते हैं। लिएंडर पेस ने 3 युगल और 1 मिश्रित युगल सहित कुल 4 खिताब जीते हैं। महिला युगल में भारत का सबसे सफल प्रदर्शन 2011 में आया जब सानिया मिर्जा उपविजेता रहीं। भारत को आखिरी सफलता 2017 में मिली थी जब रोहन बोपन्ना मिश्रित युगल खिताब जीते थे। लिएंडर पेस एक-एक बार युगल व मिश्रित युगल में उपविजेता भी रहे। महेश भूपति भी एक बार मिश्रित युगल में उपविजेता भी रहे हैं। इस वर्ष पुरूष एकल में भारत के सुमित नगाल तथा पुरूष युगल में युकी भांबरी तथा रोहन बोपन्ना शिरकत कर रहे हैं। रोहन बोपन्ना को अपने जोड़ीदार मैथ्यू एब्दन के साथ दूसरी सीड दी गयी है और वे खिताब के प्रमुख दावेदारों में से एक हैं।
पुरूष एकल में मौजूदा चैंपियन नोवाक जाकोविक रिकार्ड 25वें ग्रैंड स्लैम की तलाश में हैं, लेकिन उनका सीजन अब तक कुछ ठीक नहीं रहा है। ये रफाएल नडाल का आखिरी फ्रेंच ओपन है, उनकी उम्र और मौजूदा फॉर्म को देखते हुए उम्मीद कम ही है कि वे जीत के साथ रुखसत हों। लेकिन उनके जुझारूपन और इस सतह पर रिकार्ड को देखते हुए उनको खारिज करना बहुत मुश्किल है। अन्य प्रबल दावेदारों में ऑस्ट्रेलियन ओपन विजेता यानिक सिनर, स्पेन के कार्लोस एलकरेज, जर्मन एलेक्ज़ेंडर ज़ेरेव और यूनानी स्टेफिनो सिटसीपास शामिल हैं।
महिला वर्ग में मौजूदा चैंपियन ईगा श्वानटेक खिताब की प्रबल दावेदार है, वे पिछले 5 सालों में अपने चौथे खिताब की तलाश में हैं। उनके अतिरिक्त ऑस्ट्रेलियन ओपन विजेता एरियाना सबालेंका,अमरीकी टीन सेंसेशन कोको गॉफ और कज़ाकिस्तान की एलेना रिबाकिना भी खिताब के लिए अपनी मजबूत दावेदारी पेश करेंगी।
वैसे फ्रेंच ओपन अनिश्चितता के लिए ही जाना जाता रहा है, नडाल युग के अतिरिक्त यहाँ अधिकतर बार अप्रत्याशित व नए चैंपियंस का उदय हुआ है। उम्मीद है कि, महिला व पुरूष दोनों वर्गों में इस बार भी नए विजेता सामने आएं।
अपनी धीमी सतह, अधिक बाउंस और बेसलाइन शैली के खेल के लिए प्रसिद्ध फ्रेंच ओपन में अगले 15 दिनों में कई रिकाड्स के साथ उच्च कोटि की प्रतिस्पर्धा, कलात्मकता, संवेग, नाटकीयता, अनिश्चितता व खेल भावना के प्रदर्शन का एक और अभूतपूर्व अध्याय जुड़ेगा।
लेखक परिचय
डॉ शालीन शर्मा
संप्रति: खेल पत्रकारिता के साथ करियर की शुरुआत करने के बाद शासकीय सेवा में गए। वर्तमान में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। इसके साथ ही शौकिया तौर पर द ग्रिप न्यूज के लिए खेलों से संबंधित आलेख लिख रहे हैं।