कृषि खरीद केन्द्र में नही पर्याप्त इंतजाम, पेयजल के लिए भटक रहे फसल बेचने आए किसान
भिण्ड। किसानों की फसल खरीदी के लिए कृषि उपज मण्डी भिण्ड में इन दिनों सरसों की खरीदी प्रक्रिया चल रही है। यहां दिन में सैकड़ों की संख्या में किसान दूर दराज से अपनी फसल बेचने पहुंच रहे हैं। इस दौरान भीषण गर्मी के चलते वह पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। मण्डी प्रशासन द्वारा परिसर में किसानों के लिए पेयजल उपलब्ध नही कराया जा रहा है। जिससे किसानों को समस्या का सामाना करना पड़ रहा है।
कृषि उपज मण्डी परिसर में इन दिनों सरसों की सरकारी खरीदी प्रक्रिया संचालित हो रहा है। जहां पंजीकृत किसान अपनी मेहनत से उपजाई सरसों बेचने पहुंच रहे हैं। बुधवार को जब मण्डी परिसर का निरीक्षण किया गया तो यहां दो सैकड़ा के करीब किसान अपनी फसल बेचने पहुंचे थे। लेकिन इस दौरान भीषण गर्मी से परेशान किसान पेयजल न मिलने से परेशान दिखाई दिए। परिसर में किसानों को पानी उलब्ध कराने के नाम पर पूर्व में इसके निर्माण के समय पानी की एक टंकी बनाई गई थी, जो निर्माण के बाद से ही अनुपयोगी साबित हुई है। इसके अलावा परिसर में एक स्थान पर टैंक का निर्माण कर उसमें पानी भरा जाता है, लेकिन यह पानी जहां गंदगी के कारण पीने योग्य नही है तो वहीं टेंपरेचर अधिक होने से वह गर्म हो जाता है। ऐसे में गर्मी से परेशान किसान पानी उपलब्ध न होने से परेशान होते हैं। किसानों ने बताया कि इस समस्या को लेकर उनके द्वारा खरीद केन्द्र पर उपस्थित कर्मचारियों से शिकायत की गई, लेकिन उन्होने इस पर अपनी असमर्थता जताई है।
अधिकारियों का नही ध्यान:
उल्लेखनीय है कि कृषि उपज मण्डी परिसर में फसल बेचने आए किसानों के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाने को लेकर शासन स्तर पर आदेश किया गया है। भिण्ड कृषि उपज मण्डी प्रशासन द्वारा इन आदेशों का माखौल उड़ाते हुए किसानों के लिए उचित व्यवस्थाऐं नही दी जा रही है। स्थित यह है कि फसल बेचने के लिए आए किसान घण्टों अपनी बारी का इंतजार करते हैं। इस दौरान गर्मी से परेशान किसानों को यहां पीने योग्या पानी भी उपलब्ध नही हो रहा है तो अन्य सुविधाओं की बात करना तो बेमानी है।
इनका कहना है:-
कृषि उपज मण्डी परिसर में खरीद केन्द्र पर फसल बेचने के लिए आया हूं, लेकिन यहां घण्टों इंतजार करना पड़ता है। इस बीच प्यास लगने पर पानी भी नही मिल रहा है।
मनोज कुमार, कृषक
– कृषि मण्डी में खरीद केन्द्र पर अपनी बारी के इंतजार के दौरान प्यास लगने पर जब कर्मचारियों से इसको लेकर जानकारी ली तो उन्होने दुकान से पानी लेने कह दिया। अब जेब से पैसे खर्च कर पानी पीना पड़ेगा।
राममिलन, कृषक