भिण्ड: खदानों पर पहुंचे अधिकारी, अवैध रेत उत्खनन रोकने खुदवाए गड्डे

– मेहगांव व अमायन में चली जेसीबी ने नदी में डाला डंप किया रेत


भिण्ड। जिले में रेत के काले कारोबार को रोकने के लिए प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है, बावजूद इसके यहां अवैध रेत की उगाही का सिलसिला बंद नही हो रहा है। रेत माफिया के खिलाफ सख्ती बरतने के बावजूद भी प्रतिदिन दर्जनों वाहन बगैर रॉयल्टी के रेत परिवहन कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए सोमवार को मेहगांव एसडीएम व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने अमायन और भारौली क्षेत्र में खदानों पर कार्रवाई करते हुए खदान के रास्तों को खोद कर बाधा डाली और मौके पर जप्त रेत को नदी में फेंका।

एसडीएम मेहगांव नवनीत शर्मा ने बताया कि क्षेत्र की अमायन और भारौली में संचालित रेत खदानों पर कार्रवाई की गई है। यहां रेत माफिया द्वारा नदी से रेत का अवैध खनन कर निकालने वाले रास्तों को जेसीबी की सहायता से खुदवाया गया। जिससे वाहनों को निकालने में परेशानी आए। इस दौरान अधिकारियों को सिंध नदी के आसपास बड़ी तादात में रेत के अवैध भण्डार मिले, जिन्हें जप्त करते हुए वापस सिंध नदी में डाला गया। मुसावली, गोरम एवं बढ़ूरा रेत खदान पर पहुंचे एसडीएम व नायब तहसीलदार मनोज धाकड़ की टीम ने यहां कार्रवाई करते हुए दिन भर इन खदानों पर जेसीबी चला कर रास्तों को खुदवाया। इस दौरान उपस्थित ग्रामीणों को हिदायत देते हुए उन्होने कहा कि यदि दोबारा से इन रास्तों को ठीक किया तो ठोस कार्रवाई की जाएगी।

जिले में नही खनन की अनुमति:

उल्लेखनीय है कि मौजूद समय में जिले में एक भी खदान की नीलामी नही की गई है, बावजूद इसके यहां जमकर अवैध तरीके से रेत का खनन किया जा रहा है। रेत के इस काले कारोबार का स्थानीय रेत माफिया संगठित तरीके से संचालन कर रहा है। जिसमें कार्रवाई करने वाले अधिकारियों की रैकी करने से लेकर दिन रात उनके आने जाने पर निगरानी की जा रही है। ऐसे में कई बार जब अधिकारी व खनिज टीम कार्रवाई के लिए निकलती है है तो इसकी सूचना मुखबिरों द्वारा खननकर्ताओं तक पहुंचा दी जाती है। जिससे अलर्ट होकर वह मौके से गायब हो जाते हैं।

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