सौ कन्याओं की हत्या के समान है दहेज मांगना….कांकोरिया

नर्मदेश्वर मंदिर पर श्री मद्भागवत कथा का तीसरा दिन


ग्वालियर। श्रीमद् भागवत के मुताबिक पिता को अपनी सामथ्र्य के अनुसार अपनी बेटी को दान दहेज देना चाहिए। लेकिन बेटे की शादी में दहेज मांगना नहीं चाहिए। यह विचार पंडित संतोष कांकोरिया ने बीएसएफ कॉलोनी स्थित नर्मेदेश्वर मंदिर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस व्यक्त किए।

सैकड़ो श्रद्धालुओं को कथा का अमृत पान करते हुए पंडित कांकोरिया ने कहा कि 100 गायों को मारने का जितना पाप होता है. उतना पाप एक स्त्री को मारने पर लगता है ।उतना पाप सिर्फ एक कन्या मारने पर लगता है।

100 कन्याओं को मारने के बराबर पाप दहेज तय करने पर लगता है इसलिए हमें कभी भी दहेज की मांग नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण गुरु और संत का सदा सम्मान करना चाहिए। ब्राह्मण सदैव पूज्य होता है। भगवान जितना यज्ञ से भी प्रसन्न नहीं होते उससे अधिक ब्राह्मण को भोजन करने से प्रसन्न होते हैं।

ताले चाबी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार चाबी को सीधा घूमने पर ताला खुल जाता है और उल्टा घूमने पर ताला बंद हो जाता है । इस प्रकार मन संसार में लगाए तो बंधनों से युक्त हो जाता है और मन को यदि भगवान में लगाएं तो बंधनों से मुक्त हो जाता है। मन को जब माधव की ओर मोड़ देते हैं तो कामनाओं का शमन हो जाता है ।

उन्होंने कहा कि संत वही है जो कामनाओं से मुक्त हैं संत आजाद शत्रु होते हैं जो किसी से घृणा नहीं करते बल्कि सबके प्रति करुणा रखते हैं। चित्रकूट की महिमा का बखान करते हुए उन्होंने कहा कि चित्रकूट ऐसी देवभूमि है जहां तीनों देवों का प्रकाट्य हुआ। उन्होंने बताया कि जहां भगवान की कथा होती है वहां साक्षात हनुमान जी विराजमान होते हैं।

इस अवसर पर गिरधारी मठ के महामंडलेश्वर चिलोंगा सरकार अनेक संत महंतों के साथ मौजूद रहे। बीएसएफ कॉलोनी समिति के घनश्याम सिंह कुशवाह हरिवंश सिंह रामजीलाल शर्मागीता शर्मा अजय शर्मा रामवीर तोमर उमेश शर्मा ऋषीश्वर रविन्द्र शर्मा रामशंकर शर्मा बलराम शर्मा उमाशंकर शर्मा तनूजा राय ने श्रीमद्भागवत की आरती की।

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