-लोकसभा चुनाव के बाद कलेक्टर रुचिका चौहान की मौजूदगी में पहली सुनवाई
-आवेदकों को मिला ई-रिक्शा, 175 आवेदक खुश होकर लौटे
-किसी को मिला खसरा तो किसी की सामान्य समस्या का हुआ निराकरण
ग्वालियर। मंगलवार को हुई जनसुनवाई में लोगों को कलेक्टर रुचिका चौहान की पहल पर शुरू हुए “सारथी” का सहारा मिला। बुजुर्गों, दिव्यांगों और महिलाओं को कलेक्ट्रेट पहाड़ी के नीचे ही सारथी वाहन खड़े मिले। चुनाव के बाद हुई पहली जनसुनवाई में सारथी वाहन चर्चा का बायस रहा। चलने-फिरने में कठिनाई महसूस करने वाले लोगों को कलेक्ट्रेट पहाड़ी के गेट पर जब सारथी के रूप में मौजूद ई-रिक्शा खड़ा मिला तो लोग बैठने में संकोच करते दिखे, लेकिन जब पता चला कि निशुल्क है तो आश्चर्यमिश्रित खुशी के साथ लोग ई-रिक्शा में सवार हुए।
थाटीपुर से आए 80 वर्षीय सलीम खान, गोल पहाडिय़ा से आए रामकिशन चौरसिया,जीवाजीगंज लश्कर से निशा, लता, नीति, छुटï्टा की बजरिया कंपू से आई पुष्पा रजक आदि ई-रिक्शा से ही जनसुनवाई के लिए कलेक्ट्रेट पहाड़ी तक पहुंचे थे।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर रुचिका चौहान की पहल पर जिला प्रशासन ने दिव्यांग, वृद्ध एवं गर्भवती महिलाओं के लिए टमटम (ई-रिक्शा) की व्यवस्था कराई है। इन वाहनों को “सारथी” नाम दिया गया है। “सारथी” वाहन हर मंगलवार को सुबह 10.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक कलेक्ट्रेट पहाड़ी के नीचे स्थित गेट पर उपलब्ध रहेंगे।
लोकसभा चुनाव:2024 की आचार संहिता समाप्त होने के बाद कलेक्ट्रेट में पहली सुनवाई हुई। कलेक्टर रुचिका सिंह ने पद ग्रहण करने के बाद पहली बार लोगों की समस्याओं को सुना और आवेदनों का निराकरण किया। बुजुर्ग और महिलाओं को गर्मी से राहत दिलाने के लिए कलेक्ट्रेट पहाड़ी के नीचे से ही ई-रिक्शा का इंतजाम किया गया था।
जनसुनवाई में आए लोगों की सुनवाई टोकन सिस्टम के साथ की गई ताकि हॉल में भीड़ न लगे। करीब तीन घंटे तक चली सुनवाई के दौरान 175 आवेदक खुश होकर लौटे। इस दौरान कलेक्टर के अलावा जिपं सीईओ विवेक कुमार सिंह, अपर कलेक्टर अंजू अरुण कुमार और टीएन सिंह सहित शहरी क्षेत्र के सभी एसडीएम एवं अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
इनको मिली खुशी
-हाथीखाना रोड मुरार कैन्ट क्षेत्र के निवासी सालिगराम राठौर ने मेहनत की कमाई से अपनी धर्मपत्नी सावित्री देवी राठौर के नाम से शहर के वार्ड-63 में प्लाट खरीदा था। ग्राम मऊ के समीप मौजूद 800 वर्गफीट प्लाट का नामांतरण होने के बाद अमल नहीं किया रहा था। बुजुर्ग ने जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर को पूरी बात बताई। कलेक्टर रुचिका चौहान ने पूरी बात सुनने के बाद तहसीलदार को बुलाया और मौके पर ही अमल कराया। सालिगराम को अमल कराने के बाद खसरे की नकल भी उपलब्ध कराई।
108 आवेदन दर्ज, बाकी भेजे विभागों को
-जनसुनवाई में 175 आवेदक अपनी-अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे। अधिकारियों ने एक-एक कर सभी आवेदकों की समस्याएं सुनीं। साथ ही आवेदनों के निराकरण की रूपरेखा तय की। जनसुनवाई में आए 175 आवेदनों में से 108 आवेदन दर्ज किए गए। बाकी आवेदन निराकरण के लिए सीधे ही संबंधित अधिकारियों को दिए गए।