-प्रदेश के बजट पर सुझाव भेजने के लिए चैंबर भवन में हुई सीए एवं कर सलाहकारों की बैठक
ग्वालियर। मध्यप्रदेश के प्रत्येक नागरिक को 25 लाख रुपए का बीमा कवरेज देने की मांग की जाएगी। मध्यप्रदेश चैंबर ऑफ कॉमर्स इसके लिए प्रदेश सरकार को सुझाव भेजेगा। यह मांग रखी जाएगी कि स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत हर नागरिक को 25 लाख रुपए का बीमा कवरेज मिले। इसके लिए सरकार किसी बीमा कंपनी की सहायता ले सकती है। सरकार को इसकेे लिए बजट में प्रावधान करना चाहिए। गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को स्वास्थ्य बीमा योजना मुफ्त दिया जाए। अन्य नागरिकों से बीमा योजना के प्रीमियम का आधा हिस्सा लेकर आधे पर सरकार सब्सिडी उपलब्ध कराए तो प्रदेश का हर नागरिक बीमा योजना से लाभांवित हो सकेगा। इस प्रकार की योजना पड़ौसी राज्य राजस्थान में लागू की गई है।
प्रदेश के आगामी बजट को लेकर सुझाव भेजने के लिए शाम 5.45 बजे चैंबर भवन में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स एवं कर सलाहकार के साथ बैठक हुई। बैठक में सीए अशोक विजयवर्गीय, जीएसटी उपसमिति के संयोजक-सीए दीपक वाजपेयी, कर सलाहकार संघ से सीए राहुल मित्तल, आईसीएआई से एडवोकेट संदीप गुप्ता, सीए अजय, सीए राहुल जैन, कर सलाहकार संघ के पूर्व अध्यक्ष-एडवोकेट जे.सी. गोयल, मयंक गर्ग, पंकज गोयल आदि उपस्थित रहे।
पड़ौसी राज्यों से ज्यादा न हो कोई कर
बैठक में चैंबर अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि बजट पर सुझाव को हम एक लाइन में परिभाषित कर सकते हैं। कोई भी टैक्स हमारे समीपवर्ती प्रदेश (उप्र. छग, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात) की तुलना में अधिक नहीं होना चाहिए। कोई ऐसा कर आरोपित न हो जो हमारे समीपवर्ती प्रदेश में न हो। इस अवधारणा पर ही सुझाव मप्र के आगामी बजट पर प्रेषित करेंगे।
वेट अधिक होने से व्यापारियों को नुकसान
बैठक का संचालन कर रहे मानसेवी सचिव दीपक अग्रवाल ने कहा कि मप्र में पेट्रोल-डीजल पर वैट अधिक होने से जहां व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। सरकार को भी कम राजस्व प्राप्त हो रहा है। साथ ही उत्पादों की लागत बढने से जनता को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। इसी प्रकार प्रदेश में स्टाम्प ड्यूटी अधिक होने से रियल एस्टेट सेक्टर प्रभावित हो रहा है। यदि सरकार स्टाम्प ड्यूटी में कमी करती है इससे इस सेक्टर में बूम आएगा।
मुफ्त पैसा बांटने की बजाय खुलें उद्योग
बैठक में उपाध्यक्ष डॉ. राकेश अग्रवाल ने सुझाव देते हुए कहा कि सरकार हर माह लाड़ली बहना योजना पर लगभग 1600 करोड़ रुपए बांट रही है। इसके स्थान पर उद्योग स्थापित किए जाने चाहिए। इससे महिला एवं पुरुषों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा। उद्योग स्थापित होने से प्रदेश में रोजगार की समस्या का समाधान हो सकेगा।
इन बिंदुओं पर भी हुई चर्चा
चार्टर्ड एकाउंटेंट्स एवं कर सलाहकारों द्बारा पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने अथवा इस पर वैट की दर पड़ौसी राज्यों के समान करने की बात कही। -स्टाम्प ड्यूटी को कम किए जाने, प्रोफेशनल टैक्स को समाप्त करने, प्रदेश में प्रचलित वैट के समय व्यवसायियों की जमा की गई एफडीआर को वापिस किए जाने की मांग रखी गई।
-ग्वालियर के लिए सीसीटीवी एवं यातायात कंट्रोल करने के लिए अलग से बजट का आवंटन करने का सुझाव रखा गया।
-ग्वालियर को टूरिस्ट हब बनाने के लिए यहां के पर्यटन स्थलों के विकास के लिए अलग से बजट आवंटित करने का सुझाव रखा गया।
-प्रदेश के बाहर से प्रसंस्करण हेतु दलहन मंगाने पर मंडी शुल्क से छूट दिए जाने, व्यापारिक सुरक्षा कानून बनाने का सुझाव रखा गया।
-मास्टर प्लान के अनुसार बन रही इमारतों की क्षमता के हिसाब से चारों महानगरों में आधुनिक फायर सिस्टम बनाए जाने सहित अन्य प्रमुख सुझाव बैठक में रखे गए।