-त्रैमासिक कार्यशाला में हुए हिन्दी की महत्ता पर केन्द्रित व्याख्यान
ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र को उच्चकोटि की आयुर्वेदिक चिकित्सा उपलब्ध करा रहे क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अनुसंधान संस्थान में त्रैमासिक हिंदी कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में कार्यालयीन कार्यों में हिंदी के उपयोग का अभ्यास विषय सहित हिन्दी की महत्ता पर केन्द्रत व्याख्यान हुए। सभी प्रतिभागियों ने लेखन में हिंदी का अधिकाधिक उपयोग करने की प्रतिबद्धता बताई। कार्यशाला की अध्यक्षता संस्थान के प्रभारी डॉ. बी एस सिसौदिया ने की। आकाशवाणी के प्रसारण अधिकारी सुमित गौतम के मुख्य आतिथ्य में आयोजन हुआ।
प्रभारी ने किया तिमाही प्रतिवेदन प्रस्तुत
संस्थान के वरिष्ठ आयुर्वेद अनुसंधान अधिकारी डॉ. अनिल मंगल ने “मन का भाव हिन्दी” विषय पर तथ्यों के साथ हृदय को हिन्दी के प्रति जागृत करने वाला भावपूर्ण व्याख्यान दिया। जिसे प्रतिभागियों की खूब वाहवाही मिली। संस्थान की प्रभारी हिन्दी अधिकारी सपना अविनाश कोंडलकर ने तिमाही प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
ये विद्वान रहे मौजूद
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से संबद्ध केन्द्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा ग्वालियर में क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान संचालित किया जा रहा है। त्रैमासिक हिन्दी कार्यशाला में डॉ. सविता शर्मा, डॉ. एम एम शर्मा, डॉ. एस बी सिंह, डॉ. अमित कुमार, डॉ. प्रमोदचंद द्विवेदी, डॉ. सुरेन्द्र कुमार, डॉ. जीवन के., डॉ. अल्लाकोंड़ा लिंगेश सहित संस्थान के सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने सहभागिता की।