-मुख्यमंत्री को भेजा 16 सूत्रीय ज्ञापन
भिण्ड। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के काम उनकी मेहनत को ध्यान में रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ग्रेच्युटी भुगतान का आदेश 2023 में दिया था। दूसरी तरफ जच्चा और बच्चा स्वस्थ रहें उनकी देखभाल में कमी न आऐ इसलिए राज्य सरकार को उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अन्य विभागों के काम नहीं कराये जायें। लेकिन भाजपा की सरकार न्यायालय के आदेशों को नहीं मान रही है। उक्त आरोप आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन सीटू जिलाध्यक्ष साधना भदौरिया एवं जिला महासचिव सीमा जाटव ने लगाया है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन सीटू के राज्य व्यापी आह्वान पर मुख्यमंत्री को 16 सूत्रीय ज्ञापन भिण्ड कलेक्टर के माध्यम से दोपहर 3 बजे भेजा गया है। दूसरी तरफ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एवं जच्चा और बच्चा के स्वास्थ्य की प्रतिदिन की जानकारी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा पोषण ट्रेक्टर एप चलाया गया है। लेकिन राज्य सरकार ने उसके समानांतर संपर्क एप 2022 से चालू कर दिया है। जिसमें समस्त जानकारी केन्द्र सरकार के पोषण ट्रेक्टर एप के समान होती है। एक समय में डबल जानकारी भरना आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के अन्य काम को प्रभावित करता है। इसलिए राज्य सरकार का संपर्क एप को बंद किया जाए क्योंकि यह अन्य राज्यों में चालू नहीं है।
तीसरी समस्या कार्यकर्ताओं को दो एप में जानकारी भरने के बाद रजिस्टर में भी जानकारी एकत्रित करना होती है। जबकि विभाग द्वारा 2013 से रजिस्टर उपलब्ध नही कराये गये हैं। कोई भी अधिकारी आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण करता है तो सबसे पहले रजिस्टर मांगता है। जबकि उसे मोबाइल से पोषण ट्रेक्टर एप देखना चाहिए केन्द्र निरीक्षण के दौरान रजिस्टर मांगना बंद होना चाहिए। आंदोलन का नेतृत्व जिलाध्यक्ष साधना भदौरिया, जिला महासचिव सीमा जाटव, कोषाध्यक्ष रेखा श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष ऊषा त्यागी, आरती भदौरिया, सुनीता राजावत, सचिव विनीता राजावत, अलका शर्मा, ललिता चौहान, सरिता भदौरिया, रेवती बघेल सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे। उक्त जानकारी सीटू जिला महासचिव अनिल दौनेरिया ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में दी।