-महिलाओं ने एक दिन पूर्व बनाया बसोरा
भिण्ड। शीतलाष्टमी पर्व पर महिलाओं के द्वारा देवी मंदिरों में पूजा अर्चना की गई। उसके एक दिन पूर्व ही बसोरा भी घरों में बनाया गया था। शनिवार को शीतलाष्टमी पर्व होने की वजह से सुबह से ही देवी मंदिरों में भक्तजनों के जाने का क्रम शुरु हो गया था। मंदिरों में पहुंचकर देवी माता की विशेष पूजा की गई और श्रंगार किया गया था। कई मंदिरों में हवन का भी आयोजन किया गया और सामूहिक रूप से देवी के भजन और लंगुरियां गाई गई।
शीतलाष्टमी पर्व आषाण मास की शुक्ल पक्ष में अष्टमी के दिन मनाया जाता है। शीतलाष्टमी की पूजा में विशेष ध्यान रखा जाता है कि माता को दिया जाने वाला भोग गर्म न हो। इसलिए घरों में एक दिन पूर्व ही माता का भोग तैयार कर लिया जाता है और उसका भोग लगाया जाता है। पूजा संपन्न होने के बाद इसी बसोरे को घर के सभी लोगों को परोसा जाता है।
कई घरों में दिनभर किसी भी प्रकार का गर्म खाद्य और पेय पदार्थ उपभोग में नहीं लिया जाता है। शहर के भवानीपुरा, गढ़ैया स्थित छोटी माता मंदिर, भैरो काली मंदिर, इटावा रोड स्थित कुंडेश्वर मंदिर, सत्रह वटालियन स्थित मंदिर, संतोषी माता मंदिर सहित अन्य मंदिरों में शीतलाष्टमी की पूजा पूरे विधि विधान के साथ की गई है। घरों में महिलाओं ने सामूहिक रूप से शीतलाष्टमी माता की कहानी भी सुनाई और बसोरे का प्रसाद वितरित किया गया।