11 साल का आई.सी.सी. ट्रॉफी का इंतजार हुआ खत्म
13 साल बाद जीता कोई विश्व कप
17 साल बाद फिर जीता टी 20 विश्व कप
29 जून 2024 शनिवार की देर रात भारत ने टी-20 वर्ल्ड कप जीत लिया। भारत ने एक बेहद रोमांचक मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 7 रन से हरा कर दूसरी बार फटाफट क्रिकेट का विश्व कप अपने नाम कर लिया। इस जीत से भारत ने 11 साल के आई.सी.सी. ट्रॉफी के सूखे को भी समाप्त किया और उसने 13 साल बाद कोई विश्व कप तथा 17 साल के लंबे इतजार के बाद फिर से टी-20 वर्ल्ड कप जीता।
क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप के विश्व कप का यह नौंवा संस्करण था। संयुक्त राज्य अमरीका तथा वेस्ट-इंडीज़ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस टूर्नामेंट में बारिश की वजह से कई मैच प्रभावित हुए और इसके लिए आई.सी.सी. को आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। अमरीका में हुए मैचों में पिच धीमी व मैदानों के छोटे होने से कम स्कोर वाले किंतु रोमांचक व करीबी मुकाबले देखने को मिले। ग्रुप स्तर पर ही तीन टेस्ट प्लेइंग देश, पाकिस्तान, न्यूज़ीलैंड व श्रीलंका प्रतियोगिता से बाहर हो गए। अमरीका ने ग्रुप ए के एक बेहद रोमांचक मुकाबले में सुपर ओवर के जरिए पाकिस्तान को हरा कर क्रिकेट इतिहास का एक सबसे बड़ा उलटफेर किया और सुपर 8 में जगह बनाई, वहीं अफग़ानिस्तान ने न्यूज़ीलैंड को 75 पर ऑल आउट कर 84 रनों की बड़ी जीत दर्ज की। अफग़ानिस्तान की टीम ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया उनके सलामी बल्लेबाज रहमनुल्लाह गुरबाज टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर रहे उन्होंने आठ मैचों में 281 रन बनाए, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा दूसरे स्थान पर रहे, उन्होंने ने इतने ही मैचों में 257 रन एकत्रित किए। गेंदबाजी में अफग़ान खिलाड़ियों का दबदबा रहा, जहाँ फज़लहक फारुकी व भारत के अर्शदीप सिंह ने सर्वाधिक 17 विकेट लिए वहीं अफग़ान कप्तान राशिद ख़ान 14 विकेट ले कर तीसरे स्थान पर रहे। अफग़ानिस्तान की टीम ने सबको चौंकाते हुए सुपर 8 में पहले ऑस्ट्रेलिया को हराया और फिर मात्र 115 रनों के स्कोर को डिफेंड कर बांग्लादेश को हरा कर सेमीफाइनल में जगह बनायी तथा वेस्टइंडीज़ के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा की मई में की गयी भविष्यवाणी को सही ठहराया। सेमीफाइनल में अफग़ानिस्तान की टीम दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजी के आगे बिखर गई और 12 ओवर से भी कम में केवल 56 रन पर ही ऑल आउट हो गयी। दक्षिण अफ्रीका ने 9 ओवर में एक गेंद शेष रहते जीत दर्ज की। दूसरे सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला गत विजेता इंग्लैंड से था, भारत ने रोहित की 57 रन की कप्तानी पारी तथा सूर्यकुमार यादव की 47 व हार्दिक पांड्या की 23 रनों की उपयोगी पारियों की बदौलत 171 का स्कोर बनाया। जवाब में वर्ल्ड चौंपियन टीम, भारतीय स्पिनरों व मैन ऑफ द सीरीज़ जसप्रीत बुमराह की लाजवाब गेंदबाजी के सामने मात्र 103 रनों पर ही ढेर हो गयी।
फाइनल में पहुँची दोनों टीमों का प्रतियोगिता में सफर अजेय रहा था, दक्षिण अफ्रीका ने अपने सभी आठ मैच जीते थे और भारत ने कनाडा से अपने बारिश से धुले मैच के अतिरिक्त सभी मैचों में आसान जीत दर्ज की। इस दौरान भारतीय कप्तान ने टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 4000 तथा टी-20 वर्ल्ड कप में 1000 रन पूरे किए और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को बहुप्रतीक्षित मैच में एक रोमांचक लो स्कोरिंग मुकाबले में हरा कर आई.सी.सी. टूर्नामेंट्स में अपने रिकार्ड को और बेहतर किया।
फाइनल मैच में भारत ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित ओवरों में 176 रन बटोरे कप्तान रोहित व विकेट कीपर पंत के जल्दी आउट होने के बाद टूर्नामेंट में अब तक कोई बड़ा स्कोर करने में विफल रहे विराट कोहली ने एक छोर संभाला और सर्वाधिक 76 रन बनाए, बैटिंग ऑडर में उपर भेजे गए अक्षर पटेल ने 47 व शिवम दुबे ने 27 रनों का महत्वपूर्ण योगदान किया। 177 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी अफ्रीकी टीम की शुरुआत खराब रही और उसने 13 रन पर ही दो विकेट गंवा दिए, फिर डि कॉक और स्टब्स स्कोर को 70 तक ले गए। स्टब्स के आउट होने के बाद आए क्लासन ने किसी विश्व कप के फाइनल का सबसे तेज पचासा जड़ा और अक्षर पटेल द्वारा फेंके गए पारी के 15वें ओवर में 24 रन ठोके। इस समय जीत के लिए अफ्रीकी टीम को 30 गेंदों में महज 30 रन चाहिए थे व अफ्रीकी टीम की जीत लगभग तय दिख रही थी। तब कप्तान रोहित ने अपने सबसे अनुभवी बॉलर बुमराह को गेंद थमाई और उन्होंने 16वें ओवर में महज 4 रन दिए। 17वां ओवर करने आए हार्दिक ने पहली गेंद पर क्लासन को पंत के हाथों विकेट के पीछे कैच कराया और भारत की उम्मीदें फिर से जीवित हो गयी। 18वें ओवर में बुमराह ने केवल दो रन खर्च कर मार्काे येन्सन का विकेट ले कर मैच पर भारत की पकड़ और मजबूत कर दी। अब अफ्रीकी टीम को 12 गेंदों में 20 रन चाहिए थे। 19वें ओवर में अर्शदीप सिंह ने केवल 4 रन दिए और अंतिम ओवर में दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 16 रन चाहिए थे। हार्दिक द्वारा डाले गए इस ओवर की पहली गेंद पर मिलर ने बड़ा शॉट खेला और गेंद सीमारेखा के पास खड़े सूर्यकुमार यादव के हाथ में गई जिन्होंने एक यादगार कैच को अंजाम दिया। कैच लेते समय संतुलन बिगड़ने पर उन्होंने गेंद को हवा में उछाला, स्वयं एक पैर बाउंड्री से बाहर रख कर फिर से मैदान के अंदर आकर गेंद को हवा में ही लपक लिया।
उनके कैच से क्रिकेट की मशहूर कहावत ‘कैचेस विन मैचेस’ सही साबित हुई और उनके कैच ने 1983 विश्व कप फाइनल में महान कपिल देव द्वारा पीछे की ओर दौड़ते हुए लिए गए उस कैच की याद दिला दी, जिसके फलस्वरूप विस्फोटक सर विवियन रिचर्ड्स का विकेट गिरा और भारत की जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ था। अब अफ्रीकी टीम को 5 गेंदों में 16 रन चाहिए थे। नए बल्लेबाज रबाडा ने अगली गेंद पर चौका मारा पर अब बहुत देर हो चुकी थी। हार्दिक की अगली दो गेंदों पर एक बाई और एक लेग बाई का रन आया। अब 2 गेंदों पर 10 रन चाहिए थे, ऐसे में हार्दिक की एक वाइड बॉल ने दो चौकों की मदद से सुपर ओवर की संभावना पैदा कर दी। लेकिन अगली ही गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में रबाडा ने गेंद को हवा में उछाला और सूर्यकुमार यादव ने एक और कैच लपका, अब भारत विश्व कप में जीत से कुछ क्षण ही दूर था। अंतिम बॉल पर एक रन बना और भारत ने मैच अपनी झोली में कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस जीत से क्रिकेट की एक और कहावत सही साबित हुई कि जब तक अंतिम गेंद न फेंकी जाए मैच खत्म नहीं होता।
भारत के लिए यह जीत बहुत महत्वपूर्ण रही, पिछले साल नवंबर में विश्व कप के फाइनल तथा उससे पहले टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली पराजयों के बाद यह जीत टीम व देशवासियों के लिए बेहद खुशनुमा रही। कप्तान रोहित शर्मा व स्टार खिलाड़ी विराट कोहली ने टी 20 करियर को अलविदा कहा। कोच राहुल द्रविड़ के लिए भी यह जीत बहुत मायने रखती है उनकी कप्तानी में 2007 में 50 ओवर के विश्व कप में यहीं वेस्ट-इंडीज़ में भारत को पहले दौर में बाहर का रास्ता देखना पड़ा था, उन बुरी यादों को मिटाने के लिए यह एक सुखद अनुभव था।
विराट कोहली को प्लेयर ऑफ द मैच तथा जसप्रीत बुमराह को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार दिया गया। मैच के बाद जश्न के बीच भारतीय कप्तान व खिलाड़ियों द्वारा अफ्रीकी प्लेयर्स को सांतवना देने तथा उनके साथ गले मिलने के दृश्यों सेे खेल भावना व भारतीय संस्कृति की अभूतपूर्व मिसाल देखने को मिली।
अगला टी-20 वर्ल्ड कप भारत व बांग्लादेश की संयुक्त मेजबानी में साल 2026 की शुरुआत में होगा।
लेखक परिचय
नाम: डॉ. शालीन शर्मा
संप्रति: खेल पत्रकारिता के साथ करियर की शुरुआत करने के बाद शासकीय सेवा में गए। वर्तमान में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। इसके साथ ही शौकिया तौर पर द ग्रिप न्यूज के लिए खेलों से संबंधित आलेख लिख रहे हैं।