The Open : ब्रिटिश ओपन गोल्फ 2024

  • गोल्फ की सबसे पुरानी व प्रतिष्ठित प्रतियोगिता

  • विजेता को क्लैरेट जग ट्रॉफी और 3.1 मिलियन अमरीकी डॉलर

  • इस साल भी नए विजेता की प्रबल संभावना

गुरूवार 18 जुलाई से पुरुष गोल्फ का आखिरी गैंड स्लैम टूर्नामेंट, स्कॉटलैंड के रॉयल ट्रून गोल्फ क्लब पर शुरु हो रहा है। इस बार यह प्रतियोगिता का 152वां संस्करण है। ओपन चैम्पियनशिप, जिसे अक्सर द ओपन या ब्रिटिश ओपन के नाम से जाना जाता है, गोल्फ की सबसे पुरानी प्रमुख प्रतियोगिता है। 1860 में स्थापित यह टूर्नामेंट मूल रूप से स्कॉटलैंड के प्रेस्टविक में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता था, अब यह यू.के. के कोस्टल लिंक्स कोर्सों के बीच बारी-बारी से आयोजित होता है। द रॉयल एंड एंशियंट गोल्फ क्लब ऑफ सेंट एंड्रयूज द्वारा आयोजित, यह मास्टर्स, PGA चैम्पियनशिप और यू.एस. ओपन के बाद वर्ष का अंतिम प्रमुख टूर्नामेंट है, जो हर साल जुलाई के मध्य में आयोजित किया जाता है। हालांकि इसे ‘ओपन’ कहा जाता है, परंतु वर्तमान में यह पेशेवर गोल्फरों का टूर्नामेंट है, जिसमें कुछ प्रमुख शौकिया खिलाड़ियों को भी योग्यता या आमंत्रण के आधार पर खेलने का अवसर दिया जाता है। विजेता को क्लैरेट जग ट्रॉफी और ‘चैंपियन गोल्फर ऑफ द ईयर’ की उपाधि मिलती है। अमेरिकी ब्रायन हारमैन मौजूदा चैंपियन हैं।

ओपन चैम्पियनशिप की शुरुआत 1860 में स्कॉटलैंड के प्रेस्टविक में हुई थी। यह प्रतियोगिता उन पेशेवर गोल्फरों के लिए आयोजित की गई थी जो हाल ही में दिवंगत चैंपियन एलन रॉबर्टसन के उत्तराधिकारी को चुन सकें। आठ पेशेवर गोल्फरों ने भाग लिया, जिसमें विली पार्क सीनियर ने उद्घाटन खिताब जीता। अगले वर्ष, यह आयोजन शौकिया खिलाड़ियों के लिए भी खोल दिया गया। शुरुआत में, इसमें कोई पुरस्कार राशि नहीं थी, केवल विजेता को एक चैलेंज बेल्ट दिया जाता था। 1863 में, उपविजेताओं के लिए एक पुरस्कार राशि शुरू की गई, और 1864 तक विजेता को भी नकद पुरस्कार मिलने लगा। यंग टॉम मॉरिस ने 1868 से 1870 तक लगातार तीन खिताब जीते और उन्हें स्थायी रूप से चैलेंज बेल्ट रखने की अनुमति दे दी गई। ट्रॉफी के अभाव के कारण 1871 में टूर्नामेंट का आयोजन नहीं किया गया था।
1872 में प्रेस्टविक, द ऑनरेबल कंपनी ऑफ एडिनबर्ग गोल्फर्स और द रॉयल एंड एन्सिएंट गोल्फ क्लब ने मिलकर ओपन चौंपियन को दिया जाने वाला एक नया ट्रॉफी – क्लैरेट जग – बनाने का फैसला किया। वे अपने तीनों कोर्सों के बीच बारी-बारी से मेजबानी के लिए भी सहमत हुए। हालाँकि, यह फैसला 1872 के चैंपियन, यंग टॉम मॉरिस के लिए बहुत देर से आया, जिन्हें इसके बजाय एक पदक मिला। भविष्य के विजेताओं के लिए भी क्लैरेट जग के साथ पदक दिए जाते रहे। 1889 तक यह टूर्नामेंट स्कॉटिश पेशेवरों के दबदबे में रहा और एक ही दिन में बारी-बारी से स्कॉटिश कोर्सों पर खेला जाता था।

                                 
1890 के दशक में अंग्रेजी गोल्फरों ने ओपन चार बार जीता, जिसमें दो शौकिया खिलाड़ी भी शामिल थे। टूर्नामेंट का विस्तार करके इसे दो दिनों में चार राउंड का कर दिया गया और इंग्लैंड में नए मेजबान कोर्स जोड़े गए। 1898 से 1925 के बीच 36 होल्स के बाद कट अथवा क्वालीफाइंग राउंड रखे गए और फील्ड का आकार बढ़ा दिया गया। प्रथम विश्व युद्ध के पूर्व का युग महान तिकड़ी, वर्डाेन, टेलर और ब्रेड के प्रभुत्व में रहा, जिन्होंने संयुक्त रूप से 16 ओपन खिताब जीते।
1920 में प्रतियोगिता अपने मूल आयोजक व मानकीकृत प्रारूप के साथ लौटा। 1920 के दशक में अमेरिकी गोल्फरों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें जॉक हचिसन, 1921 में और वाल्टर हेगन, 1922 में पहले अमेरिकी विजेता बने। इसके बाद 1930 के दशक में हेनरी कॉटन की दो बार जीत के साथ के साथ 1934 से 1939 तक इंग्लिश खिलाड़ियों का दबदबा रहा। टूर्नामेंट ने अपने कोर्स रोटेशन का भी विस्तार किया, जिसमें कार्नाेस्टी (1931), ट्रॉन (1923) और रॉयल लिथाम – सेंट एनेस (1926) को शामिल किया गया।

 द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ओपन की अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय विजेताओं के साथ वापसी हुई। सैम स्नेड (अमेरिका) ने 1947 में जीत हासिल की, बॉबी लोके (दक्षिण अफ्रीका) ने 1949-1952, 1957 के बीच चार बार जीत हासिल की, बेन होगन (अमेरिका) ने 1953 में ‘ट्रिपल क्राउन’ जीता और पीटर थॉमसन (ऑस्ट्रेलिया) ने 1954-1958, 1965 के बीच पांच बार जीत हासिल की। 1951 में रॉयल पोर्ट्रश, उत्तरी आयरलैंड की मेजबानी के साथ ओपन का विस्तार हुआ लेकिन बाद के वर्षों में अमरीका में आकर्षक पी.जी.ए. टूर और समय विरोध के कारण कम अमेरिकियों ने प्रवेश किया।
1960 के दशक में अमेरिकी गोल्फरों की ओपन में भागीदारी में बढ़ी, संभवतः अर्नाेल्ड पामर की टेलीविजन पर दिखाई गई जीत और यात्रा के बढ़ते अवसरों के कारण। इस युग में प्लेयर, पामर और निकलस के बीच प्रतिस्पर्धा का बोलबाला रहा, जिन्होंने कुल मिलाकर 9 ओपन खिताब अपने नाम किए। अमरीकी ली ट्रेविनो भी लगातार दो जीत के साथ उभरे, जबकि टोनी जैकलिन एकमात्र ब्रिटिश चैंपियन बने और रॉबर्टाे डी विसेन्जो ने अर्जेंटीना के लिए पहली जीत हासिल की।
                               

1975 तक, ओपन अपने आधुनिक स्वरूप जैसा दिखने लगा था, जिसमें सभी सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी, चार दिवसीय कार्यक्रम और एक मानकीकृत गेंद शामिल थी। 1975 और 1983 के बीच अमेरिकी टॉम वॉटसन का दबदबा रहा, इस दौरान उन्होंने चार बार जीत हासिल की। 1976 में सीव बॉलस्टेरोस एक युवा स्टार के रूप में उभरे और 1907 के बाद पहले महाद्वीपीय यूरोपीय विजेता बने। निक फाल्डो और ग्रेग नॉर्मन ने भी इस अवधि में कई जीत हासिल कीं।

1994 और 2004 के बीच ओपन में कई पहली बार जीतने वाले खिलाड़ी देखने को मिले। टाइगर वुड्स ने 2000 में (सबसे कम उम्र के ग्रैंड स्लैम विजेता के रूप में) और फिर 2005 और 2006 में जीत हासिल की। अर्नी एल्स (2002, 2012) और पैड्रिग हेरिंगटन (2007, 2008) ने भी इस दौरान कई खिताब अपने नाम किए। कुछ बड़ी उपलब्धियों के लिए कड़ी चुनौतियां भी देखने को मिलीं, जहाँ टॉम वॉटसन 2009 में लगभग सबसे उम्रदराज मेजर चैंपियन बनने वाले थे, लेकिन प्लेऑफ में हार गए, और जॉर्डन स्पीथ 2015 में लगभग एक और ग्रैंड स्लैम जीतने वाले थे, लेकिन चौथे स्थान पर रहे। फिल मिकेलसन ने 2013 में अपना पहला ओपन जीता और 2016 में हेनरिक स्टेनसन के साथ एक यादगार द्वंद्व में शामिल हुए, जिन्होंने रिकॉर्ड स्कोर के साथ जीत हासिल की। फ्रांसेस्को मोलीनेरी (2018) और शेन लोरी (2019) ने ओपन में अपनी पहली बड़ी जीत हासिल की। महामारी के कारण 2020 में चैंपियनशिप रद्द कर दी गई थी।


72-होल स्ट्रोक प्ले प्रारूप में, चार दिनों तक प्रति दिन 18 होल के मान से आयेजित इस टूर्नामेंट में पिछले 10 वर्षों के विजेता, अन्य मेजर या ग्रैंड स्लैम के पिछले पांच वर्षों के विजेता, पिछले तीन वर्षों के प्लेयर्स चौंपियनशिप के विजेता, सभी महाद्वीपीय एमेच्योर चैंपियनशिप के विजेता, विश्व वरीयता में प्रथम 50 खिलाड़ी, पिछली ओपन प्रतियोगिता में 10 सबसे कम स्कोर करने हासिल करने वाले खिलाड़ी, और 60 वर्ष से कम आयु के सभी गत ओपन विजेता मुख्य रूप से मैदान में रहते हैं। इस बार कुल अधिकतम 157 खिलाड़ी मैदान में हैं तथ विजेता को 3.1 मिलियन अमरीकी डॉलर इनामी राशि के अलावा, अगले पांच वर्षों के लिए अन्य तीन मेजर्स और प्लेयर्स चैंपियनशिप में खेलने के लिए तथा ओपन में 60 वर्ष की आयु तक एवं अगले दस वर्षों के लिए पात्र होते हैं। उन्हें अगले पांच सत्रों के लिए पी.जी.ए. टूर व यूरोपयीन टूर की सदस्यता भी प्राप्त हो जाती है।

अब तक आठ भारतीयों, गौरव घई, ज्योति रंधावा, अर्जुन अटवाल, शिव कपूर, जीव मिल्खा सिंह, गगनजीत भुल्लर, अनिर्बन लाहिड़ी, और शुभंकर शर्मा ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया है। गौरव घई 1997 में पहले भारतीय थे तथा 2018 में 21 वर्ष 80 दिन के गगनजीत भुल्लर सबसे युवा भारतीय थे। 2023 में शुभंकर शर्मा का संयुक्त 8वाँ स्थान, किसी भारतीय का इस ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिता में सबसे अच्छा प्रदर्शन है। अनिर्बन लाहिड़ी सर्वाधिक 6 बार भाग लेने वाले भारतीय हैं।


इस बार विश्व नंबर एक स्कॉटी शेफलर तथा रॉरी मैकिलरॉय सबसे प्रमुख दावेदार हैं। यू.एस. ओपन विजेता ब्राइसन डेचेम्बो, पी.जी.ए. चैंपियन ज़ेण्डर शौफेल व 2021 के विजेता कॉलिन मोरीकावा भी प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। इनके अलावा स्वीडन के लुडविग एबर्ग और ब्रुक्स कोएप्का भी दौड़ में हैं तथा उलटफेर करने में सक्षम हैं। पिछले 10 वर्षों से यहाँ चैंपियन बनने वाले का वह पहला मेजर खिताब रहा है और इस रविवार भी ऐसे ही परिणाम की संभावना है।

लेखक परिचय

डॉ शालीन शर्मा

संप्रति: खेल पत्रकारिता के साथ करियर की शुरुआत करने के बाद शासकीय सेवा में गए। वर्तमान में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। इसके साथ ही शौकिया तौर पर द ग्रिप न्यूज के लिए खेलों से संबंधित आलेख लिख रहे हैं।

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