Australian Open 2025- Curtain Raiser : ऑस्ट्रेलियन ओपन 2025- एक पुनरावलोकन

ऑस्ट्रेलियन ओपन 2025- एक पुनरावलोकन (कर्टन रेज़र)

टेनिस की चार वार्षिक ग्रैंड स्लैम स्पर्धाओं का पहला चरण

यानिक सिनर तथा एरियाना सबालेंका खिताब के प्रबल दावेदार

 रविवार 12 जनवरी 2024 से मेलबॉर्न में टेनिस की चार बड़ी वार्षिक स्पर्धाओं (ग्रैंड स्लैम) के पहले चरण ऑस्ट्रेलियन ओपनका 113वाँ संस्करण (ओपन युग का 57वाँ) प्रारम्भ हो रहा है। ऑस्ट्रेलिया में टेनिस का इतिहास राष्ट्र से पुराना है। विक्टोरिया की टेनिस चैंपियनशिप 1879 में प्रारंभ हुयी, जबकि ऑस्ट्रेलियन ओपन को, ऑस्ट्रेलिया के 1905 में एक राष्ट्रमंडल देश के रूप् में अस्तित्व में आने का इंतजार करना पड़ा।

1905 में इसकी शुरूआत ऑस्ट्रलेेशियन चैंपियनशिप के रूप् में वेयर हाउस मेन्स क्रिकेट ग्राउंड मेलबॉर्न में पुरूष एकल व युगल स्पर्धाओं के आयोजन के रूप में हुयी। महिलाओं की स्पर्धाऐं व मिश्रित युगल 1922 से ही शुरू हुए। 1927 में इसका नाम बदल कर ऑस्ट्रेलियन चैंपियनशिप रखा गया तथा 1968 में ओपन युग की शुरूआत के बाद से इसे ऑस्ट्रेलियन ओपन के नाम से जाना जाता है तथा इसे एशिया-पेसिफिक के ग्रैंड स्लैम का खिताब दिया गया है। 19801981 में महिलाओं व पुरूषों की स्पर्धाऐं अलग-अलग तिथियों में अलग-अलग स्थानों पर भिन्न-भिन्न प्रतियोगिताओं के रूप में आयोजित हुयी थीं। शुरूआती दौर में इसके आयोजन का समय भी निश्चित नहीं था। 1919 में प्रथम विश्व युद्ध के तत्काल बाद 1919 का टूर्नामेंट जनवरी 1920 में तथा 1920 का टूर्नामेंट मार्च 1920 में आयोजित किया गया था। 1923 में ब्रिसबेन में टूर्नामेंट अगस्त माह में आयोजित हुआ, तथा इसी प्रकार 1976 दिसम्बर से जनवरी 1977 के मध्य आयोजित प्रतियोगिता के बाद पुनः दिसम्बर 1977 में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। 1982 से 1985 तक प्रतियोगिता दिसम्बर मध्य में आयोजित हुयी तथा फिर इसे जनवरी मध्य में आयोजित करने के प्रस्ताव के कारण 1987 से यह प्रति वर्ष जनवरी में आयोजित हो रही है, इस कारण 1986 में कोई प्रतियोगिता आयोजित नहीं हुयी। 1916 से 1918 तक प्रथम विश्व युद्ध के कारण, तथा 1941 से 1945 तक द्वितीय विश्व युद्ध के कारण भी इसका आयोजन संभव नहीं हुआ था।

शुरूआती दौर में इसका आयोजन ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न शहरों यथा मेलबॉर्न (53बार), सिडनी (17बार), एडिलेड (14बार), ब्रिसबेन (08बार), पर्थ (03बार), तथा दो बार न्यूज़ीलैंड में भी ऑकलैंड (1906), तथा हेस्टिंग्स (1912) में हुआ। 1909 में तो इसका आयोजन पर्थ के चिड़ियाघर में विशेष तौर पर तैयार किए गए कोर्ट्स पर हुआ था। 1972 से टेनिस ऑस्ट्रेलिया ने इसका आयोजन मेलबॉर्न के कुयूंग क्लब के घास के मैदान/कोर्ट में स्थायी रूप से कर दियातथा 1988 में इसे परिवर्तित कर नए स्थान फ्लिंडर्स पार्क (अब मेलबॉर्न पार्क) के रिबाउण्ड एसहार्ड कोर्ट सतह पर किया जाने लगा। 2008 में इसके कोर्ट की बीस साल पुरानी सतह को नए एक्रेलिक सतह प्लेक्सीकुशनद्वारा बदल दिया गया और 2020 से नीले रंग की ग्रीनसेटसतह पर इसका आयोजन हो रहा है। स्वीडन के मैट्स विलेंडर एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें इसे दोनों सतहों, ग्रास कोर्ट एवं हार्ड कोर्ट पर जीतने का गौरव प्राप्त है।

                       

पुरूष एकल विजेता-नॉर्मन ब्रुक्स चैलेंज कप
महिला एकल विजेता-डैफ्ने एक्हर्स्ट मैमोरियल कप
इनामी राशि दोनों को समान-3,500,000 ऑस्ट्रेलियनडॉलर
स्पर्धाऐं-पुरूष तथा महिला एकल व युगल, मिश्रित युगल,
लड़कों व लड़कियों की एकल तथा मास्टर्स स्पधाऐं।
पुरूष ड्रा- एकल 128 प्रतियोगी, युगल 64 प्रतियोगी
महिला ड्रा- एकल 128 प्रतियोगी, युगल 64 प्रतियोगी
मिश्रित युगल- 64 प्रतियोगी
प्रमुख कोर्ट-रॉडलेवर एरेना, जॉनसेन एरेना, मार्ग्रेटकोर्ट एरेना तथा शो कोर्ट (किया) एरेना

प्रारंभिक वर्षों में प्रतियोगिता को ऑस्ट्रेलिया के सभी राज्यों द्वारा पूर्व से आयोजित की जा रही प्रतियोगिताओं एवंन् यूज़ीलैंड की राष्ट्रीय प्रतियोगिता के कारण स्वयं को स्थापित करने में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा और कई वर्षों तक ऑस्ट्रेलिया की भूमि पर सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता 1879 से प्रारंभ विक्टोरिया की टेनिस चैंपियनशिप ही बनी रही। शुरूआती वक्त में ऑस्ट्रेलिया तक की लम्बी दूरी, सफर में लगने वाला अत्यधिक समय, प्रतियोगिता का आयोजन समय (क्रिसमस एवं नव वर्ष) तथा कुयूंग क्लब की खस्ता हाल सुविधाऐं एवं कम इनामी राशि, चोटी के खिलाड़ियों का ेआकर्षित करने में नाकाम रहीं व काफी बाद तक चोटी के खिलाड़ी इस स्पर्धा से दूर ही रहे। बिल टिल्डेन, रेन लेकोस्टे, हेनरी कोचे, जेक क्रेमर, पाचो गोंज़ालेज, मैन्युल सेन्टाना आदि कई मशहूर खिलाड़ी कभी यहाँ नहीं खेले, वहीं डॉनबज, जारिसलोव ड्रोनबी, इली नस्तासे (35 वर्ष की उम्र में), तथा ब्योनबोर्ग मात्र एक बार ही अपने कैरियर में यहां आए। अमरीका के महान खिलाड़ी आंद्रे अगासी भी अपने कैरियर के प्रारंभ में यहां नहीं आए व 1995 में ही पहली बार प्रतियोगिता में शामिल हुए तथा विजेता रहे। उसके बाद से सभी प्रमुख खिलाड़ी इस प्रतियोगिता का हिस्सा रहे हैं, एवं अब इस प्रतियोगिता ने ग्रैंडस्लैम के रूप् में स्वयं को भली भाँति स्थापित कर लिया है, और दुनिया भर में हैप्पीस्लैमके नाम से लोकप्रिय यह टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलिया का ही नहीं बल्कि पूरे दक्षिणी गोलार्ध का भी सबसे बड़ा वार्षिक खेल आयोजन है।

पुरूष वर्ग में एकल स्पर्धा के विजेता को दी जाने वाली ट्रॉफी का नाम 1907 में विम्बलडन के पहले ऑस्ट्रेलियाई विजेता नॉर्मन ब्रुक्स के नाम पर रखा गया है, वहीं महिलाओं की एकल स्पर्धा के विजेता को दी जाने वाली ट्रॉफी का नामकरण 1925, 1928 एवं 1929 में यहाँ तीनों खिताब (एकल, युगल एवं मिश्रित युगल) एक साथ जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया की ही डैफ्ने एक्हर्स्ट की स्मृति में किया गया है। यहाँ महिला व पुरूष दोनों वर्ग में विजेताओं को एक समान इनामी राशि दी जाती है।

पुरूष वर्ग में इस प्रतियोगिता को सर्वाधिक बार जीतने का गौरव सर्बिया के नोवाक जोकोविच के नाम है, जिन्होंने अब तक कुल 10 बार इस स्पर्धा को जीता है। ओपन युग से पूर्व के समय में ऑस्ट्रेलिया के ही महान नायक रॉय इमर्सन 06 बार 19611963 से 1967 तक, विजेता रहे हैं, उन्होंने 03 बार युगल स्पर्धा भी जीती थी। ऑस्ट्रेलिया के ही महानतम खिलाड़ियों में प्रमुख केन रूसवेल ने इसे 04 बार 1953, 19551971, 1972 में जीत कर सबसे युवा व सबसे बुजुर्ग विजेता होने का गौरव अपने नाम कर इतिहास रचा। सर्वाधिक स्पर्धाऐं जीतने का रिकार्ड ऑस्ट्रेलिया के एड्रियन क्विस्ट के नाम है, जिन्होंने 1936 से 1950 के मध्य 03 एकल व 10 युगल के साथकुल 13 खिताब जीते। ऑस्ट्रेलिया के ही जैक क्रॉफोर्ड ने 1929 से 1935 के मध्य 04 एकल, 04 युगल व 03 मिश्रित युगल के साथकुल 11 खिताब जीते। 1932 में तो उन्होंने एक ही वर्ष में तीनों खिताब (एकल, युगल एवं मिश्रित युगल) जीतने का अनूठा कारनामा भी कर दिखाया। उनके अतिरिक्त एक ही वर्ष में तीनों खिताब (एकल, युगल एवं मिश्रित युगल) जीतने वाले अन्य खिलाड़ी हैं, 1926 में ऑस्ट्रेलिया के जे.बी. हॉक्स एवं 1928 में फ्रांस के महान खिलाड़ी यों बोरोत्रा।

महिला वर्ग में ऑस्ट्रेलिया की मार्ग्रेट कोर्ट स्मिथ ने 1960 से 1973 के बीच कुल 11 एकल स्पर्धा जीत कर किसी भी ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिता में सर्वाधिक जीत का रिकार्ड कायम किया। वे इस प्रतियोगिता में सर्वाधिक स्पर्धा जीतने वाली खिलाड़ी भी हैं, उन्होंने 11 एकल के साथ 08 युगल व 04 मिश्रित युगल जीत कर कुल 23 खिताबों पर कब्जा किया। जिसमें से 1963 में तीनों खिताब (एकल, युगल एवं मिश्रित युगल) एक साथ अपने नाम किए। ऑस्ट्रेलिया की ही नेन्सी वाएनबोल्टोन ने 06 एकल, 10 युगल व 04 मिश्रित युगल जीत कर कुल 20 खिताब जीते। उन्होंने तीनों खिताब (एकल, युगल एवं मिश्रित युगल) 03 बार 1940, 19471948 में अपने नाम किए। इनके अतिरिक्त ऑस्ट्रेलिया की थेलमा लाँग ने भी 1952 में यह कारनामा अंजाम दिया। ओपन युग में सर्वाधिक एकल खिताब (07 बार) जीतने का रिकार्ड अमरीका की सेरेना विलियम्स के नाम है। उनके अलावा घरेलू सितारे मार्ग्रेट कोर्ट स्मिथ व इवॉन गूगालाँग तथा महान स्टेफी ग्राफ व मोनिका सेलेस 04-04 बार विजेता रहीं हैं।

आजकल चोटी के पुरूष खिलाड़ी युगल स्पर्धाओं में शिरकत नहीं करते जिससे दोहरी/तिहरी सफलता नहीं देखने को मिलती, किंतु महिलाओं में उच्च वरीयता प्राप्त खिलाड़ी युगल/मिश्रित युगल में भी हिस्सा लेती हैं।वर्तमान युग में महान मार्टिना नवरातिलोवा यहाँ तीनों प्रारूपों में विजेता रही हैं। सेरेना विलिसम्स भी इसके काफी करीब पहुँची हैं, वे इस प्रतियोगिता में एकल व युगल खिताब जीत चुकी हैं तथा 1999 में मिश्रित युगल में उपविजेता रहीं हैं।

भारतीय सफलता के रूप में लिएंडर पेस ने 2003, 20102015 में रिकार्ड 03 बार मिश्रित युगल का खिताब जीता है, वे 2012 में पुरूष युगल खिताब के विजेता भी रहे हैं। महेश भूपति 20062009 में दो बार तथा सानिया मिर्जा एक बार 2009 में मिश्रित युगल विजेता रहे हैं। इसके अलावा सनिया मिर्जा 2016 में महिला युगल विजेता रहीं हैं और पेस/भूपति 1999 तथा 2011 म ेंपुरूष युगल उपविजेता रह चुके हैं। वर्ष 2023 में सानिया मिर्जा व रोहन बोपन्ना, मिश्रित युगल उपविजेता रहे थे।

बीते वर्षों में यहाँ बिगफोरका दबदबा रहा है, 2004 से 2023 तक खेले गये 20 फाइनल मुकाबलों में जोकोविच 10 बार, फेडरर 06 बार तथा नडाल 02 बार विजेता रहे एवं एंडी मरे 05 बार, नडाल 04 बार तथा फेडरर 01 बार उपविजेता रहे हैं। इस दौरान केवल रूस के मरात साफिन 2005 में और 2014 में स्विटजरलैंड के स्टान वॉवरिंका ही विजेता बन सके। 2024 में इटली के उभरते हुए सितारे यानिक सिनर ने इस वर्चस्व को तोड़ते हुए अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीता।

                           

11 फाइनल्स का हिस्सा रहे नडाल व मरे गत वर्ष रिटरयर हो चुके हैं तथा मरे इस टूर्नामेंट से जोकोविच के कोच के रूप में नयी पारी की शुरूआत कर रहे हैं। इस साल खिताब के प्रमुख दावेदार गत विजेता यानिक सिनर व जर्मनी के एलेक्ज़ेडर ज़ेरेव हो सकते हैं। दस बार के विजेता जोकोविच अपने करियर की ढलान पर हैं और यदि वे 26 जनवरी को यहाँ जीतते हैं तो इतिहास बनेगा, यह उनका यहाँ ग्यारहवाँ खताब होगा और वे सर्वाधिक ग्रैंड स्लैम खिताब के अपने रिकार्ड को 25 तक ले जाने में भी सफल होंगें, जो कि पुरुष अथवा महिला एकल स्पर्धा में एक नया कीर्तिमान होगा। उनके ड्रा अनुसार उनका क्वाटर फाइनल मुकाबला कार्लोस एलकारेज तथा सेमीफाइनल ज़ेरेव से होने की संभावना है, ऐसे में कठिन ड्रा को देखते हुए उनकी जीत दूर की कौड़ी लग रही है, पर उनके जुझारूपन और गत वर्ष ओलम्पिक में दिखायी इच्छा शक्ति कमाल कर सकते हैं। उनके अलावा तीसरी वरीयता प्राप्त स्पेन के कार्लोस एलकारेज़, रूस के डेनियल मेडवडेव, अमरीकी टेजर फ्रिट्ज़ और यूनान के स्टीफेनो सिटसीपास प्रमुख दावेदार हैं। डेनमार्क के होल्गर रुन और नॉर्वे के कैस्पर रूड भी संभावित दावेदार होंगे। एलकारेज की जीत उन्हें सबसे युवा करियर ग्रैंड स्लैम विजेता बना देगी।

महिला वर्ग में बीते बीस सालों में सरेना विलियम्स यहाँ सात बार चैंपियन बनी हैं और उनके अलावा सिर्फ विक्टोरिया अज़ारेंका, नाओमी ओसाका और मौजूदा चैंपियन एरियाना सबालेंका ही अपनी सफलता को दोहरा सकीं है, अन्यथा यहाँ हर बार नया चैंपियन बनना लगभग तय है। ऐसे में मुख्य मुकाबला, पिछले दो बार की विजेता सबालेंका और नंबर दो सीड पोलैंड की ईगा श्वानटेक के मध्य होने की संभावना है। इनके अतिरिक्त अमरीकी टीन सेंसेशन कोको गॉफ, इतालवी जैस्मीन पाओलिनी, चीनी झेंग किनवेन तथा एलेना रिबाकिना भी अच्छे फॉर्म में हैं और खिताब के लिए अपनी मजबूत दावेदारी पेश करेंगी।

भारतीय आशा अब तक युगल मुकाबलों तक ही सीमित रही है, हाल के वर्षों में 2015 में लिएंडर पेस की मिश्रित युगल में तथा 2016 में महिला युगल स्पर्धा में सानिया मिर्जा की जीत अंतिम भारतीय सफलता रही है, गत वर्ष सानिया मिर्जा व रोहन बोपन्ना की जोड़ी मिश्रित युगल स्पर्धा के फाइनल तक पहुँच कर उपविजेता रही। इस वर्ष पुरुष युगल स्पर्धा में अनुभवी रोहन बोपन्ना अपने कोलंबियाई जोड़ीदार निकोलस बैरिंटॉस के साथ 15वीं सीड जोड़ी के रूप में, भारतीय विजय की एकमात्र उम्मीद हैं, उनके अलावा भारत के सर्वाेच्च वरीयता प्राप्त एकल टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल प्रतियोगिता के पहले दौर में चेक गणराज्य के टॉमस मैकॉक से भिड़ेंगे।

प्रारंभिक वर्षों की धीमी शुरूआत, व स्थान व तिथियों में हुए कई प्रयोगों के पश्चात अब यह टूर्नामेण्ट पूर्णतः स्थापित हो चुका है, व अपने नवीन प्रयोगों से ग्रैंड स्लैम इतिहास में नए अध्याय जोड़ रहा है। यहाँ के प्रमुख कोर्ट रॉडलेवर एरेना(सेंटर कोर्ट), जॉनसेन एरेना तथा मार्ग्रेट कोर्ट एरेना में सरकने वाली छत है, जिससे बारिश एवं अत्यधिक गर्मी के समय छत के नीचे इनडोर खेल हो सकता है। यह अनूठा प्रयोग सबसे पहले ऑस्ट्रेलियन ओपन में ही हुआ व 2009 में विम्बलडन में ऐसा स्टेडियम बनने से पहले ऐसा केवल यहीं था। यही नहीं महिलाओं व पुरूषों को समान इनामी राशि देने की यू.एस. ओपन की पहल को भी सबसे पहले यहीं अपनाया गया।

अपनी हार्ड कोर्ट सतह पर तेज गति व आक्रामक शैली के खेल के लिए प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियन ओपन में अगले 15 दिनों में कई रिकार्डों के साथ उच्च कोटि की प्रतिस्पर्धा, कलात्मकता, संवेग, नाटकीयता, अनिश्चितता व खेल भावना के प्रदर्शन का एक और अभूतपूर्व अध्याय जुड़ेगा।

लेखक परिचय
नाम: डॉ. शालीन शर्मा


संप्रति: खेल पत्रकारिता के साथ करियर की शुरुआत करने के बाद शासकीय सेवा में गए। वर्तमान में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। इसके साथ ही शौकिया तौर पर द ग्रिप न्यूज के लिए खेलों से संबंधित आलेख लिख रहे हैं।

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